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8वां वेतन आयोग 2026: सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, सैलरी में होगी बंपर बढ़ोतरी!

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केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। 8वें वेतन आयोग को लेकर लंबे समय से चल रहा इंतजार अब जल्द ही खत्म हो सकता है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही 8वां वेतन आयोग गठित किया जाएगा, जिससे देशभर के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को बड़ा फायदा मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार दिवाली से पहले महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने को लेकर भी कोई बड़ा ऐलान हो सकता है। तो आइए, जानते हैं इस खबर के बारे में विस्तार से।

2026 से लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग

रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वां वेतन आयोग साल 2026 से लागू होने की संभावना है। पहले माना जा रहा था कि यह 2027 तक टल सकता है, लेकिन अब सरकार ने इस दिशा में तेजी दिखाई है। हाल ही में सरकारी कर्मचारियों के संगठन Government Employees National Confederation (GENC) के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और अपनी मांगें रखीं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह मामला राज्यों के साथ सक्रिय रूप से विचाराधीन है। जल्द ही आयोग के गठन और इसके पैनल से जुड़ी औपचारिक घोषणा हो सकती है। कर्मचारियों को सबसे ज्यादा उम्मीद बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी की है। खबरों के मुताबिक, न्यूनतम बेसिक वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 26,000 रुपये तक हो सकता है। हालांकि, इसकी अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अगर ऐसा होता है, तो बढ़ती महंगाई से जूझ रहे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।

हर साल दो बार बढ़ता है महंगाई भत्ता

फिलहाल केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 55 फीसदी महंगाई भत्ता (DA) मिल रहा है। सरकार हर साल दो बार DA में बदलाव करती है—एक जनवरी से जून तक और दूसरा जुलाई से दिसंबर तक। इस बार दिवाली से पहले DA में बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिलेगी।

वेतन आयोग का गठन कब-कब होता है?

हर 10 साल में सरकार एक वेतन आयोग गठित करती है। इसका मकसद सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में संशोधन करना होता है। 8वां वेतन आयोग भी इसी परंपरा को आगे बढ़ाएगा। इससे लाखों परिवारों की आय पर सीधा असर पड़ेगा। यह आयोग कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के साथ-साथ महंगाई के असर को कम करने में भी मदद करेगा।

पिछले वेतन आयोगों से क्या सीखा जा सकता है?

वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के लिए हमेशा से बड़े बदलाव का जरिया रहा है। आइए, एक नजर डालते हैं पिछले आयोगों पर और उनके प्रभावों पर:

पांचवां वेतन आयोग (1997): इस समय महंगाई दर 7% थी और न्यूनतम वेतन 2,550 रुपये था। इस आयोग ने वेतनमान को सरल बनाया और महंगाई से राहत दी, लेकिन बढ़ती महंगाई के आगे यह राहत कम पड़ गई।

छठा वेतन आयोग (2008): इस दौरान महंगाई दर 8-10% थी। न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 7,000 रुपये किया गया। इसने वेतन बैंड और ग्रेड पे की शुरुआत की, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई।

सातवां वेतन आयोग (2016): जब यह आयोग लागू हुआ, तब महंगाई दर 5-6% थी। न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये तय किया गया। इसने ‘वेतन मैट्रिक्स’ की नई व्यवस्था शुरू की, जिससे वेतन तय करना और भी आसान हो गया।

8वां वेतन आयोग भी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए नई उम्मीदें लेकर आएगा। अगर आप भी इस खबर का इंतजार कर रहे हैं, तो हमारे साथ जुड़े रहें ताजा अपडेट्स के लिए!

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