औरैया, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . दीपावली के मौके पर भले ही बाजारों में सैकड़ों तरह की नई-नई मिठाइयाँ आ गई हों, लेकिन Uttar Pradesh के औरैया की बालूशाही का स्वाद आज भी सबसे खास बना हुआ है. अपनी देसी खुशबू और परंपरागत अंदाज़ के कारण यह मिठाई न सिर्फ जिले की पहचान बन चुकी है, बल्कि अब राजधानी लखनऊ से लेकर नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली तक लोगों की पसंद बन गई है.
स्थानीय हलवाइयों का कहना है कि औरैया की बालूशाही की मांग अब सीमाओं से परे पहुँच गई है. कभी जो सिर्फ स्थानीय दुकानों तक सीमित थी, वह अब राजभवन और बड़े आयोजनों की शान बन चुकी है. कई बार खास ऑर्डर पर इसे लखनऊ, कानपुर और दिल्ली तक भेजा जाता है.
बालूशाही के स्वाद का राज उसके देसी घी, पारंपरिक सांचे और धीमी आंच पर पकाने के पुराने नुस्खे में छिपा है. जिले के युवा अनुज पोरवाल हलवाई बताते हैं, बालूशाही सिर्फ मिठाई नहीं, हमारे जिले की पहचान है. इसमें हाथ की नर्मी और ताप का सही संतुलन ही इसका असली स्वाद बनाता है.
जहाँ आज चोको बर्फी, पान बर्फी और सिल्वर पिस्ता बाइट्स जैसी आधुनिक मिठाइयाँ युवाओं को आकर्षित कर रही हैं, वहीं बालूशाही अपने देसी स्वाद से सबको बांधे हुए है. दीपावली के समय इसकी इतनी मांग रहती है कि कई दुकानों पर एडवांस ऑर्डर बुकिंग करनी पड़ती है.
कारोबारियों के मुताबिक, इस साल बालूशाही की बिक्री में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है. औरैया की यह पारंपरिक मिठाई अब सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का प्रतीक बन चुकी है. यह वही मिठास है जिसने दशकों से शादियों, त्योहारों और मेल-मिलाप के पलों को और भी खास बनाया है — और आज भी उसी पुरानी चमक के साथ “स्वाद की शहंशाह” बनी हुई है.
—————
(Udaipur Kiran) कुमार
You may also like
कॉमनवेल्थ गेम्स: जसपाल राणा के नाम सर्वाधिक पदक, दूसरे और तीसरे नंबर पर इन दिग्गजों का नाम
पीएम मोदी 16 अक्टूबर को करेंगे आंध्र प्रदेश का दौरा, कुरनूल में विकास परियोजनाओं का करेंगे शिलान्यास-उद्घाटन
CWC 2025: फातिमा सना के चार विकेट गए बेकार, बारिश ने धोया इंग्लैंड के खिलाफ पाकिस्तान का बना बनाया मैच
मेंढक वाला दूध: पुराने ज़माने में दूध ताज़ा रखने के` लिए लोग करते थे ये अजीब जुगाड़ जानिए 'मेंढक वाले दूध का पूरा किस्सा
यूपी : 16 साल बाद पत्रकार बृजेश गुप्ता हत्याकांड में इंसाफ, चार को उम्रकैद