—हर महादेव के जयघोष से गूंजा दरबार,पंचबदन रजत प्रतिमा को सपरिवार मंदिर के गर्भगृह में झूले पर विराजमान कराया गया
वाराणसी,09 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में श्रावण पूर्णिमा पर शनिवार शाम काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ का झूला श्रृंगार देख श्रद्धालु आह्लादित हो गए। बाबा के पंचबदन रजत प्रतिमा को सपरिवार मंदिर के गर्भगृह में झूले पर विराजमान कराया गया। मंदिर में सावन माह के अन्तिम दिन झूलनोत्सव की लोक परंपरा का पूरे उत्साह के साथ निर्वहन किया गया।
इसके पहले मंदिर के पूर्व महंत स्व. कुलपति तिवारी के टेढ़ीनीम स्थित आवास पर बाबा के पंचबदन रजत प्रतिमा का विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। मंहत के पुत्र पंचबदन प्रतिमा की आरती उतारी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सप्तर्षि आरती की पूर्णता का संकेत मिलते ही टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास से बाबा की पंचबदन प्रतिमा विश्वनाथ मंदिर ले जाने की तैयारी शुरू हो गई। महंत परिवार के सदस्यों ने बाबा को सिंहासन पर विराजमान कराया।काशी विश्वनाथ मंदिर में रविवार को बाबा विश्वनाथ के झूलनोत्सव की लोक परंपरा का निर्वहन किया गया। टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा के पंचबदन रजत प्रतिमा का विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। पं. वाचस्पति तिवारी ने पंचबदन प्रतिमा की आरती उतारी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सप्तर्षि आरती की पूर्णता का संकेत मिलते ही टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास से बाबा की पंचबदन प्रतिमा विश्वनाथ मंदिर ले जाने की तैयारी शुरू हो गई। महंत परिवार के सदस्यों ने बाबा के रजत विग्रह को तामझाप पर विराजमान कराया ।
वर्ष 2022 के पहले तक बाबा की प्रतिमा श्वेत वस्त्रों से ढक कर मंदिर ले जाई जाती थी। वर्ष 2022 में पूर्व मंहत डॉ. कुलपति तिवारी ने स्वतंत्रता के अमृत उत्सव के उपलक्ष्य में पंचबदन प्रतिमा को बिना ढ़के ही मंदिर के लिए रवाना किया था। तब से प्रतिवर्ष बिना ढ़के ही प्रतिमा मंदिर ले जाई जा रही है। श्रावण पूर्णिमा की तिथि पर दोपहर में करीब एक घंटा विलंब से सप्तर्षि आरती आरंभ होने के कारण पूर्व महंत आवास से बाबा की चल पंचबदन प्रतिमा एक घंटा देर से विश्वनाथ मंदिर के लिए रवाना हुई। महंत आवास से पालकी मंदिर की ओर बढ़ी तो सबसे आगे संजीव रत्न मिश्र बाबा का दंड लेकर चले। उनके साथ पं. वाचस्पति तिवारी रजत मशाल लेकर चलते रहे। महंत परिवार के सदस्यों और भक्तों का समूह हर हर महादेव का घोष करते हुए पालकी की आगे-पीछे चलता रहा। पालकी यात्रा टेढ़ीनीम से साक्षी विनायक, ढुंढिराज गणेश होते हुए विश्वनाथ मंदिर तक ले जाई गई। महंत आवास से सुबह ही बाबा का रजत झूला विश्वनाथ मंदिर भेजा गया था। सायंकाल पालकी के विश्वनाथ मंदिर पहुंचने पर इस झूले को गर्भगृह में रख कर बाबा की पंचबदन प्रतिमा को प्रतिष्ठित कराया गया। इसी के साथ बाबा के झूला शृंगार का झांकी दर्शन आम श्रद्धालुओं को मिला। मंदिर में पं. वाचस्पति तिवारी ने दीक्षित मंत्र से बाबा का पूजन किया। पालकी यात्रा मंदिर के लिए रवाना होने से पूर्व बड़ी संख्या में भक्तों ने बाबा के शृंगारित स्वरूप का दर्शन पूजन महंत आवास पर किया। महेंद्र प्रसन्ना ने अपने शहनाई दल के साथ मंगलध्वनि कर बाबा की सांगीतिक अर्चना की। गौरतलब हो कि सावन मास में हर सोमवार को बाबा विश्वनाथ की अलग-अलग स्वरूप में शृंगार झांकी सजाई जाती है, और सावन की पूर्णिमा पर विशेष रूप से झूला शृंगार किया जाता है।
—————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
You may also like
Aaj ka Rashifal 10 August 2025 : आज किस राशि की किस्मत देवियों के साथ और किसे करना होगा कहानियों का सामना, पढ़ें अपना राशिफल
Aaj ka Love Rashifal 10 August 2025 : आज का लव राशिफल किस राशि वालों को मिलेगा प्रपोज़ल और किसके टूटेंगे अरमान?
Aaj ka Ank Rashifal 10 August 2025 : आज के ग्रह नक्षत्र का असर: क्या आपकी राशि को मिलेगा सफलता का तोहफ़ा या होगी मुश्किलें शुरू?
राहुल गांधी को चुनाव आयोग की दो टूक, शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें
घुसपैठियों को राहुल गांधी के घर क्यों नहीं भेज देते, असम के मुख्यमंत्री हिमंत ने क्यों दिया यह बयान