कोलकाता, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए 130वें संविधान संशोधन बिल का विरोध करते हुए इसे ‘गणतंत्र की मौत की घंटी’ करार दिया है। उन्होंने इसे हिटलरी बिल बताया और कहा कि इसके माध्यम से जनता के मूल अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों को गंभीर खतरा है।
दरअसल, यह विधेयक प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को गंभीर अपराधों में जेल जाने पर उनके पद से हटाने का प्रावधान करता है।
विपक्ष का कहना है कि यह कानून राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। बिल की व्यापक समीक्षा के लिए इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा गया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह बिल केवल एक विधायी प्रावधान नहीं, बल्कि लोकतंत्र के खिलाफ षड़यंत्र है। उन्होंने कहा कि यदि इस बिल को पास किया गया, तो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे शीर्ष पदों पर बैठे लोग कोई भी आरोप लगते ही 30 दिनों के लिए जेल में रह सकते हैं, भले ही उन पर किसी अपराध का प्रमाण न हो। उनका कहना था कि इस तरह के कानून का दुरुपयोग राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को दबाने और सत्ता का केंद्रीकरण करने के लिए किया जा सकता है।
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि लोकतंत्र की रक्षा हर नागरिक का कर्तव्य है और यह बिल लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर सतर्क रहें और लोकतंत्र के प्रति अपनी जागरूकता बनाए रखें।
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(Udaipur Kiran) / अनिता राय
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