गुवाहाटी, 25 अप्रैल . रेलवे संरक्षा और परिचालन दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक व्यापक कदम उठाते हुए, पूर्वोत्तर सीमा रेलवे ने अपने सभी पांच मंडलों – कटिहार, अलीपुरद्वार, रंगिया, लामडिंग और तिनसुकिया में पैसेंजर रनिंग लाइनों को अपग्रेड करने के लिए एक व्यापक पहल की है. इस मिशन-मोड पहल का उद्देश्य ट्रेनों की सुरक्षित और विश्वसनीय आवागमन को सहयोग प्रदान करने के लिए लूप लाइनों को मेन लाइन मानकों के बराबर लाना है. लूप लाइनों पर बढ़ते ट्रैफिक और ट्रैक के पुराने बुनियादी संरचनाओं से जुड़े संभावित सुरक्षा खतरों को देखते हुए यह कदम उठाया गया. महत्वपूर्ण स्थानों को प्राथमिकता और आधुनिक ट्रैक अनुरक्षण पद्धतियों को अपनाकर, एनएफआर अप्रत्याशित जोखिमों को कम करने और समग्र परिचालन वातावरण को बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रहा है.
पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने आज बताया है कि वर्ष 2024-25 में इस पहल के तहत रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धियां देखी गई हैं. अपग्रेडेशन के क्षेत्र में बलास्ट को मजबूत करना, ट्रैक ज्यामिति में सुधार, जल निकासी प्रणालियों को सुविधाजनक बनाना और नियमित अंतराल पर ट्रैक मापदंडों का आकलन करने के लिए उन्नत प्रोफाइलिंग तकनीकों का उपयोग करना शामिल है. वास्तव में, कुल 9.01 लाख क्यूबिक मीटर बलास्ट की आपूर्ति कर बिछाई गई, जो एनएफआर के लिए अब तक का सर्वाधिक है – वार्षिक लक्ष्य से 36.52% यानी 6.60 लाख क्यूबिक मीटर अधिक है. इसके अलावा, रेल नवीकरण (348.68 टीकेएम) और स्लीपर नवीकरण (337.48 टीकेएम) में भी अपने लक्ष्यों को पार कर लिया गया, जिसके बाद एनएफआर के इतिहास में सर्वाधिक प्रगति है. ट्रैक टैम्पिंग 10,672 कि.मी. (लक्ष्य से 32% अधिक) तक पहुंच गया और 4,826 प्वाइंट्स टैम्प किए गए – दोनों ही अब तक की सर्वोच्च उपलब्धियां हैं. इसके अलावा, टर्नआउट नवीनीकरण के 254.50 समतुल्य सेट पूरे किए गए, और प्वाइंट्स एवं क्रॉसिंग पर संरक्षा बढ़ाने के लिए 212 डब्ल्यूसीएमएस क्रॉसिंग के साथ 196 थिक वेब स्विच लगाए गए. इन प्रयासों को 14 पीएसआर (स्थायी गति प्रतिबंध) को हटाने या शिथिल करने से पूरक बनाया गया, जिससे कुल यात्रा समय में 26.10 मिनट की बचत हुई और साथ ही बेहतर यात्री सुविधाओं के लिए 9 नए फुट ओवर ब्रिज बनाए गए. इसके अतिरिक्त, बेहतर ट्रैक परिसंपत्तियों की कुशलतापूर्वक निगरानी और प्रबंधन के लिए अद्यतन डिजिटल रजिस्टर और एकीकृत परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली लागू की जा रही है.
इस ऐतिहासिक पहल से पहले ही कई महत्वपूर्ण लाभ हुए हैं, जिनमें समय की पाबंदी में सुधार, रखरखाव के लिए डाउनटाइम में कमी और यात्रियों की सुरक्षा में बढ़ोतरी शामिल है. एनएफआर के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने इंजीनयरी टीमों की उनके समर्पण और रणनीतिक निष्पादन के लिए प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि यह परियोजना क्षेत्रीय मोर्चे पर एक बेहतर सुरक्षित, आधुनिक और यात्री-केंद्रित रेलवे नेटवर्क बनाने के प्रति एनएफआर की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. सभी मंडलों में इस परियोजना के सफल निष्पादन के साथ, एनएफआर भारतीय रेलवे में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और परिचालन उत्कृष्टता में अग्रणी बना हुआ है.
/ श्रीप्रकाश
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