देहरादून, 17 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी सविन बसंल की अध्यक्षता में रविवार को चिकित्सा प्रबंधन समिति राजकीय जिला चिकित्सालय कोरोनेशन संचालन मण्डल की त्रैमासिक बैठक में चिकित्सालय के सभी प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी गई। साथ ही जिलाधिकारी ने सरकारी चिकित्सालयों में सभी सुविधाएं मुहैया करवाए जाने के निर्देश दिए।
स्थानीय कलेक्ट्रेट में ऋषिपर्णा सभागार में हुई बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री की अपेक्षा के अनुरूप सरकारी अस्पताल किसी भी मामले में निजी चिकित्सालयों से कम न रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमत्री के संकल्प स्वास्थ्य सेवाओ के सुधार के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। बैठक में जिलाधिकारी ने जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू के लिए छह अतिरिक्त बेड, एक्सरे मशीन, फोटोथेरेपी उपकरण की स्वीकृति दी। जिलाधिकारी ने जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू के लिए अतिरिक्त बैड बढ़ाने, एक्सरे मशीन एवं ऐसेसरिज, फोटोथेरेपी उपकरण, डिफिलिलेटर जनरेटर, मैनपॉवर, चिकित्सालय में सुरक्षा के दृष्टिगत भूतपूर्व सैनिक गार्ड रखने की भी स्वीकृति प्रदान की। जिलाधिकारी ने चिकित्सालय की पुरानी टीनशेड की जगह नई अटोमेटेड पार्किंग संभावना के दृष्टिगत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने पूर्व बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि लेड अप्रोन स्टैण्ड, अल्ट्रासाउंड जैली, पेशेंट एक्सामिलेशन कोच का कार्य, एक्सरे, सीटी स्कैन मशीन, व्हीलचेयर, चिकित्सक यूनिफार्म, एक्सामिनेशन टेबल, ड्रेसिंग ड्रम, सर्जिकल उपकरण, बेडसीट, एडल्ट सेकशन मशीन, एसी, बैबी रेडियट वार्मर, एन्डोस्कोपी सिस्टम कैमरा आदि सामग्री का क्रय किया जा चुका है। जिलाधिकारी को बताया गया कि एसएनसीयू में 286 बच्चे भर्ती हुए है, जिनमें 287 डिस्चार्ज किए गए और 21 बच्चें रेफर किए गए। रेफर का कारण जाने पर चिक्तिसकों ने सुविधा की कमी होना बताया, जिस पर जिलाधिकारी ने तत्काल सभी सुविधाओं के प्रस्तावित करने के निर्देश दिए।
राज्य का पहला आधुनिक दिव्यांग पुनर्वास के निर्माण में आएगी तेजी
जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को गांधी शताब्दी चिकित्सालय में बनाए जा रहे दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र डीडीआरसी का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी स्वयं ब्लड बैंक निर्माण कार्यों की प्रगति व डीडीआरसी का निरीक्षण करेंगे। डीडीआरसी में दिव्यांग नागरिकों के लिए अब प्रमाण पत्र बनवाने से लेकर फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक सलाह और कृत्रिम अंग प्राप्त करने तक की सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। राज्य का पहला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र जिले के गांधी शताब्दी चिकित्सालय में बनाया जा रहा है। यह केंद्र दिव्यांगजनों को न सिर्फ प्रमाणन, बल्कि कृत्रिम अंग, श्रवण यंत्र, उपकरण वितरण, फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक परामर्श जैसी सभी सेवाएं एक ही छत के नीचे देगा। इससे दिव्यांगजनों को असुविधा होती थी, जिसे देखते हुए अब सभी सेवाओं को एक स्थान पर लाने का निर्णय लिया गया है।
(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
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