मथुरा, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । संस्कृति विश्वविद्यालय में मंगलवार जगद्गुरु शंकराचार्य का चातुर्मास व्रत व्यास पूजा संकल्प के साथ शुरू हुआ। यह व्रत सात सितंबर तक चलेगा। संस्कृति विश्वविद्यालय के सुसज्जित परिसर में जगद्गुरु शंकराचार्य अनन्तश्री स्वामी अमृतानंद देवतीर्थ महास्वामी सनातन धर्म की गौरवमयी परंपरा के अनुसार पिछले 23 वर्षों से प्रतिवर्ष इस व्रत का पालन करते आ रहे हैं। व्रत के शुभारंभ पर जगदगुरु शंकराचार्य द्वारा विवि के परिसर में पौधारोपण किया गया। यह आयोजन भक्ति, साधना, पर्यावरण संरक्षण, और शिक्षा का एक अनुपम संगम है, जिसमें नित्य नक्षत्र वृक्ष रोपण और प्रति सप्ताह एक हरिशंकरी वृक्ष का रोपण होगा।
संस्कृति यूनिवर्सिटी का परिसर, जो इस चातुर्मास व्रत को और अधिक भव्य बनाएगा। इस दौरान होने वाले कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में भक्तजन भाग ले रहे हैं। इस दौरान भगवान शिव की विशेष पूजा और अभिषेक, जो आत्मिक शांति प्रदान करने वाला रुद्राभिषेक, सनातन धर्म की गहराईयों को उजागर करने वाले नियमित धार्मिक अनुष्ठान, भक्ति भजन और कीर्तन, संकल्प, प्रतिदिन एक नक्षत्र वृक्ष का रोपण, जो वैदिक परंपरा के अनुसार पर्यावरण संरक्षण और नक्षत्र दोष निवारण में सहायक है, प्रति सप्ताह एक हरिशंकरी वृक्ष (पीपल, बरगद, और आँवला का संयुक्त रूप) का रोपण, जो भगवान शिव और विष्णु की कृपा का प्रतीक है, किया जाएगा। यह आयोजन भक्तों को आत्मिक शांति, सनातन धर्म के प्रति गहन समर्पण, और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का अवसर प्रदान कर रहा है।
(Udaipur Kiran) / महेश कुमार
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