– सीएमएचओ ने वस्तुस्थिति एवं कार्यवाही से अवगत कराया, आरोपी के विरुद्ध बीएनएस की धारा 118(1) के तहत प्रकरण दर्ज
इंदौर, 24 सितम्बर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh के झाबुआ जिला चिकित्सालय में निमोनिया पीड़ित तीन बच्चों को इलाज के नाम पर गर्म सलाखों से दागा गया. इनमें से दो बच्चे महज दो-दो महीने के हैं. जब इन बच्चों की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया. फिलहाल, सभी बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. अस्पताल से प्राप्त सूचना के आधार पर बुधवार झाबुआ के कोतवाली थाना में एक गंभीर प्रकरण दर्ज किया गया है.
झाबुआ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. एस. बघेल ने बताया कि तीन बच्चों को झाड़ फूक करने वाले द्वारा गर्म सुई से दागकर अमानवीय ढंग से इलाज करने का मामला प्रकाश में आया है. फरियादी द्वारा बताए अनुसार वह जयश सोलंकी के पास ग्राम जालद गया, जहाँ आरोपी ने दीपक जलाकर पतली सुई गर्म की और बच्ची के शरीर पर चार स्थानों पर दाग दिया. इसके बाद भी बच्चों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, बल्कि तबीयत और बिगड़ गई. फरियादी ने बच्चों को तत्काल झाबुआ जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया, जहाँ डॉक्टरों ने बच्ची को गंभीर हालत में उपचार हेतु भर्ती किया.
डॉक्टर द्वारा की गई प्राथमिक जांच व जिला चिकित्सालय द्वारा दी गई लिखित सूचना के आधार पर आरोपी जयश सोलंकी निवासी ग्राम जालद, थाना कतवारा, जिला दाहोद (Gujarat) के विरुद्ध Indian न्यायदंड संहिता की धारा 118(1) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है. घटना का स्थल Gujarat राज्य के अंतर्गत आता है, अतः यह प्रकरण जीरो पर दर्ज कर, समस्त दस्तावेज Superintendent of Police , जिला दाहोद, Gujarat राज्य को अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित किए जा रहे हैं.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बघेल ने बताया कि संदीप पुत्र सोमला, निवासी भुराघाट फलिया परवट विकासखंड झाबुआ का जन्म 31 जुलाई 2025 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामा में हुआ था. 06 अगस्त 2025 को आशा कार्यकर्ता संगीता झणिया द्वारा गृहभेंट की गई तब संदीप पूर्णतः स्वस्थ था. 08 अगस्त 2025 को वीएचएसएनडी हेतु आशा कार्यकर्ता जब उसकी माता को बुलाने गई, तब ज्ञात हुआ कि वह अपने मायके गई है. वहाँ बच्चा बीमार हुआ, तो परिजन उसे Gujarat के ग्राम कतवारा स्थित झाड़–फूंक करने वाले बडवा के पास ले गये. जिसने गर्म सरिये से दागने की क्रिया की. इसके बाद भी बच्चा स्वस्थ नहीं हुआ, तो परिजन उसे 20 सितम्बर 2025 को जिला चिकित्सालय झाबुआ लाए. यहाँ शिशु रोग विशेषज्ञों द्वारा उसका उपचार किया गया और वर्तमान में संदीप पूर्णतः स्वस्थ होकर खतरे से बाहर है.
पार्वती पुत्री हुमला गुंडिया निवासी आंबाखोदरा विकासखंड झाबुआ, का जन्म 29 फरवरी 2024 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पारा में हुआ था. आशा कार्यकर्ता श्रीमती मीरा पारगी द्वारा गृहभेंट और टीकाकरण कराया गया था. अप्रेल 2025 में परिजन मजदूरी के लिए Gujarat चले गए, जहाँ पार्वती बीमार हो गई. उसका उपचार कराने हेतु उसे ग्राम कतवारा के बडवा के पास ले जाया गया, जिसने गर्म सरिये से दागा. स्वास्थ्य में सुधार न होने पर बच्ची को 22 सितम्बर 2025 को जिला चिकित्सालय झाबुआ लाया गया. वर्तमान में पार्वती चिकित्सकीय देखरेख में उपचाररत है.
डेनियल पुत्र सागर सिंगाड , निवासी गोपालपुरा हवाईपट्टी फलिया विकासखंड झाबुआ, का जन्म 30 जून 2025 को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिटोल में हुआ था. आशा कार्यकर्ता श्रीमती कसमा सिंगाड द्वारा गृहभेंट के समय बच्चा स्वस्थ था. 03 सितम्बर 2025 को वीएचएसएनडी पर उसका टीकाकरण भी किया गया. 08 सितम्बर 2025 को परिजन मजदूरी के लिए बड़ौदा (Gujarat) चले गए. वहाँ बच्चा बीमार हुआ, तो 20 सितम्बर 2025 को ग्राम कतवारा के बडवा के पास ले गये. जिसने गर्म सरिये से दागा. तबीयत न सुधरने पर 21 सितम्बर 2025 को परिजन बच्चे को जिला चिकित्सालय झाबुआ लाए. वर्तमान में डेनियल उपचाररत है और स्थिति में सुधार हो रहा है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के पश्चात उन्होंने तत्काल क्षेत्रीय बीएमओ, आशा कार्यकर्ताओं, सुपरवाइजर्स एवं संबंधित बीसीएम को बुलाकर संपूर्ण जानकारी प्राप्त की. सिविल सर्जन एवं मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. एम.एल. मालवीया को भर्ती बच्चों के उपचार पर सतत निगरानी रखने तथा शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप चोपड़ा को बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति पर लगातार ध्यान देने के निर्देश दिये गए. साथ ही जिस बडवा ने बच्चों को दागा, उसके विरुद्ध थाना झाबुआ में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
जिले की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं के प्रभारी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इस प्रकार की घटनाएँ न हों. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य अमले द्वारा जनजागृति अभियान चलाया जाएगा. स्वास्थ्य तदर्थ समिति एवं जन आरोग्य समिति के माध्यम से भी लोगों को अंधविश्वास से दूर रहने तथा बीमार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में उपचार कराने की समझाइश दी जाएगी. वर्तमान में तीनों बच्चे जिला चिकित्सालय झाबुआ में चिकित्सकीय निगरानी में सुरक्षित हैं. स्वस्थ होने पर उन्हें शीघ्र ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.
(Udaipur Kiran) तोमर
You may also like
100 साल से भी ज्यादा जिओगे` बस ये खास उपाय कर लो पंडित प्रदीप मिश्रा का बड़ा दावा
जिन्हें कचरा समझकर फेंक देते हैं` लोग वही बीज बन सकते हैं आपकी सेहत की सबसे बड़ी ताकत… जानिए कौन सा फल है ये
पीएम के अभियान में विकसित भारत बनाने में भूमिका अदा कर रहा झाररखंड
Relationship Tips : इन 5 कारणों` से लड़कियों को पसंद आते हैं बड़ी उम्र के पुरुष
दिलचस्प सवाल और उनके उत्तर: आपकी सोचने की क्षमता को परखने के लिए