वाशिंगटन (अमेरिका), 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । पेन्सिलवेनिया के मध्य जिले के न्यायाधीश मैथ्यू डब्ल्यू. ब्रैन ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप की पूर्व वकील अलीना हब्बा के न्यूजर्सी के अमेरिकी अटॉर्नी के रूप में काम करने पर सवाल उठाया है। न्यायाधीश ब्रैन ने गुरुवार को फैसले में कहा, ” हब्बा ने बिना किसी कानूनी अधिकार के अमेरिकी अटॉर्नी के रूप में काम किया है। ” वकीलों ने सवाल उठाया था कि क्या ट्रंप की वफादार अलीना हब्बा को न्यूजर्सी में अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय चलाने का कानूनी अधिकार है। इस फैसले से राष्ट्रपति ट्रंप के शीर्ष संघीय अभियोजकों को चुनने के अधिकार पर संभावित रूप से सीमाएं लग सकती हैं।
संघीय न्यायिक प्रणाली अव्यवस्थित हो गई
द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, संघीय न्यायाधीश ने मैथ्यू डब्ल्यू. ब्रैन ने कहा कि हब्बा के बिना किसी कानूनी अधिकार के अमेरिकी अटॉर्नी के रूप में काम करने से राज्य की पहले से ही पंगु संघीय न्यायिक प्रणाली और भी अधिक अव्यवस्थित हो गई। न्यायाधीश ब्रैन ने लिखा, क्या हब्बा न्यूजर्सी जिले के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के अटॉर्नी के कार्यालय के कार्यों और कर्तव्यों का वैध रूप से पालन कर रही हैं? मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि वह ऐसा नहीं कर रही हैं।
किसी भी मामले में भाग लेने से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए
उन्होंने फैसले में टिप्पणी की, चूंकि वह वर्तमान में कार्यकारी क्षमता में कार्यालय के कार्यों और कर्तव्यों का पालन करने के योग्य नहीं हैं, इसलिए उन्हें किसी भी चल रहे मामले में भाग लेने से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। लेकिन न्यायाधीश ने अपने ही फैसले के व्यावहारिक प्रभाव को टाल दिया। इससे सरकार को संघीय अपील अदालत में हब्बा की ओर से पैरवी करने का मौका मिलेगा। अखबार का कहना है कि फिर भी, यह फैसला न्याय विभाग के लिए एक उल्लेखनीय फटकार है।
कार्यकाल बढ़ाने से इनकार
41 वर्षीय हब्बा राष्ट्रपति ट्रंप की निजी वकील रही हैं। उन्हें मार्च में 120 दिन के लिए अंतरिम अमेरिकी अटॉर्नी के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि ट्रंप ने उन्हें स्थायी रूप से इस पद के लिए नामित किया था, लेकिन न्यूजर्सी के सीनेटरों ने संकेत दिया था कि वे उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाएंगे। हुआ भी यही। पिछले महीने संघीय न्यायाधीशों के एक पैनल ने उनका कार्यकाल बढ़ाने से इनकार कर दिया और अनुभवी अभियोजक डेजीरी एल. ग्रेस को इस पद का कार्यभार सौंपा।
…तो पदोन्नत कर दिया गया
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया की। जवाब में उन्होंनेसार्वजनिक रूप से न्यायाधीशों की निंदा की और सुश्री ग्रेस को बर्खास्त कर दिया। इस दौरान कानूनी दांवपेंचों की एक जटिल प्रक्रिया को पूरा कर हब्बा को कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी के पद पर पदोन्नत कर दिया गया। इसके फौरन बाद बाद हब्बा की नियुक्ति की वैधता को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दायर की गईं।
वकीलों ने अदालत के फैसले को सराहा
हब्बा को पदोन्नत करने के खिलाफ याचियाएं दायर करने वाले वकील जेराल्ड क्रोवाटिन और वकील एब्बे डी. लोवेल ने संयुक्त बयान में कहा कि वे पेन्सिलवेनिया के मध्य जिले के न्यायाधीश मैथ्यू डब्ल्यू. ब्रैन की अदालत के फैसले की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा, अभियोजकों के पास बहुत अधिक शक्ति होती है और इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी आती है कि वे योग्य हों और उचित तरीके से नियुक्त हों।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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