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बांग्लादेश के गोपालगंज में हिंसा, आगजनी, चार की मौत, हालात बिगड़े, कर्फ्यू लगाया गया

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ढाका, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । शेख हसीना सरकार के पतन के बाद सुलग रहे बांग्लादेश में अंतरिम सरकार को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। गोपालगंज में कल आगजनी और हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। यहां जम्मू विद्रोह के नेताओं की राजनीतिक गतिविधियों से जनता में असंतोष फैल गया। बिगड़ती स्थिति के बीच गोपालगंज जिला मुख्यालय में कर्फ्यू लगा दिया गया। गोपालगंज में सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। बख्तरबंद गाड़ियां शहर में गश्त कर रही हैं।

ढाका ट्रिब्यून अखबार की खबर के अनुसार, जम्मू विद्रोह के बड़े नेता और अंतरिम सरकार का हिस्सा रहे नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) संयोजक नाहिद इस्लाम ने कर्फ्यू के बीच राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। कल एनसीपी की रैली को लेकर अवामी लीग कार्यकर्ताओं और कानून प्रवर्तकों के बीच हुई हिंसा से उपजे तनाव को नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू लगा दिया। मुख्य सलाहकार के प्रेस विंग के एक बयान के अनुसार, कर्फ्यू गुरुवार शाम 6 बजे तक लागू रहेगा। अगर हालात नहीं सुधरते तो इसकी मियाद बढ़ाई जा सकती है।

गोपालगंज शहर में बुधवार को दिनभर अशांति रही। नाहिद की पार्टी की रैली के दौरान अवामी लीग, उसकी छात्र शाखा छात्र लीग और अन्य संबद्ध संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न स्थानों पर कब्जा कर लिया। जगह-जगह लाठियां भांजीं और पथराव किया। सेना, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), पुलिस और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) की चार प्लाटून ने भी स्थिति को नहीं संभाल पाई। आखिर में उपायुक्त मुहम्मद कमरुज्जमां ने गोपालगंज सदर में धारा 144 लागू करने की घोषणा की।

अंतरिम सरकार ने गोपालगंज हिंसा को पूरी तरह से अक्षम्य बताया है।एनसीपी की रैली पर हुए हमले पर सरकार ने कहा, देश में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। रात 9:30 बजे खुलना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) संयोजक नाहिद इस्लाम ने अवामी लीग और उसके प्रतिबंधित सहयोगियों पर जान से मारने के इरादे से आतंकवादी शैली का हमला करने का आरोप लगाया। एनसीपी ने हमले के विरोध में गुरुवार को देशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की।

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(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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