रायपुर, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) . Chhattisgarh ने एक बार फिर देशभर में अपनी मजबूत पहचान दर्ज कराई है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग, भारत सरकार द्वारा आयोजित ‘उद्योग संगम’ में राज्य को बिज़नेस रिफॉर्म एक्शन प्लान की चारों प्रमुख श्रेणियों में ‘टॉप अचीवर’ घोषित किया गया.
Chief Minister विष्णुदेव साय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि Chhattisgarh का ‘टॉप अचीवर’ बनना पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में Chhattisgarh ने उद्योग, सुशासन और पारदर्शिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. Chhattisgarh अब इज ऑफ डूइंग बिज़नेस से आगे बढ़कर इज ऑफ लिविंग का भी प्रतीक बन चुका है.जहाँ सुधार, विश्वास और विकास एक साथ आगे बढ़ रहे हैं.
Chief Minister कार्यालय द्वारा आज जानकारी दी गई है कि यह उपलब्धि उस परिवर्तन यात्रा की गवाही है जो Chhattisgarh ने बीते वर्षों में तय की है. कभी बिज़नेस रिफॉर्म एक्शन प्लान रैंकिंग में निचले पायदान पर रहने वाला यह राज्य आज Gujarat, Maharashtra और तमिलनाडु जैसे औद्योगिक दिग्गजों के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ा है. सुशासन, पारदर्शिता और उद्योग-अनुकूल नीतियों के बल पर Chhattisgarh ने खुद को सुधार और विकास का नया मॉडल बना दिया है.
राज्य ने अब तक 434 सुधार लागू किए हैं. जो इज ऑफ डूइंग बिज़नेस और इज ऑफ लिविंग को सशक्त बनाने की दिशा में उसके निरंतर प्रयासों को दर्शाते हैं.इन सुधारों में सबसे बड़ी पहल रही ‘जन विश्वास अधिनियम’, जिसके तहत Chhattisgarh देश का दूसरा राज्य बना जिसने छोटे कारोबारी अपराधों को डीक्रिमिनलाइज कर दिया. इस कदम ने सरकार और उद्योग जगत के बीच भरोसे और सहयोग का नया पुल बनाया है. अब कारोबार में अनावश्यक डर या जटिलता की जगह पारदर्शिता और सहजता ने ले ली है.
इसी कड़ी में राज्य ने भूमि अभिलेखों के स्वचालित म्यूटेशन की ऐतिहासिक शुरुआत की . यह कदम Chhattisgarh को देश का पहला राज्य बनाता है जहाँ जमीन पंजीयन के साथ ही स्वामित्व का हस्तांतरण स्वतः हो जाता है. इससे न केवल प्रक्रियाएं सरल हुई हैं बल्कि लोगों को कार्यालयों के चक्कर लगाने से भी मुक्ति मिली है.
राज्य सरकार ने कई और सुधारों को धरातल पर उतारा है . जैसे दुकानों और प्रतिष्ठानों को 24×7 संचालन की अनुमति, फ्लैटेड इंडस्ट्री के लिए एफएआर में वृद्धि, भूमि उपयोगिता बढ़ाने हेतु सेटबैक में कमी, और फैक्ट्री लाइसेंस की वैधता 10 से बढ़ाकर 15 वर्ष करने के साथ ऑटो-रिन्यूअल सुविधा. इन सभी कदमों ने मिलकर राज्य में उद्योगों के लिए एक भरोसेमंद, स्थिर और पारदर्शी वातावरण तैयार किया है.
इन उल्लेखनीय सुधारों के लिए Chhattisgarh के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन और निवेश आयुक्त ऋतु सेन को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सम्मानित किया. यह सम्मान इस बात का प्रतीक है कि Chhattisgarh अब भारत के आर्थिक परिदृश्य में अग्रणी भूमिका निभा रहा है.
इन सुधारों का असर निवेश माहौल पर साफ दिख रहा है. बीते दस महीनों में ₹7.5 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो यह साबित करते हैं कि निवेशक Chhattisgarh की नीतियों, पारदर्शी प्रशासन और तेज़ निर्णय प्रणाली पर पूरा भरोसा करते हैं.
(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा
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