रांची, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश पर गलतबयानी का आरोप लगाया है.
उन्होंने sunday को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि सूचना अधिकार कानून पर लंबा चौड़ा उपदेश देने से पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने यह स्पष्ट नहीं किया कि Jharkhand में उनकी सरकार ने सूचना आयोग को पिछले साढे पांच वर्षों से क्यों पंगु बना दिया है.
प्रतुल ने कहा कि हेमंत सरकार ने पिछले साढे पांच वर्षों से मुख्य सूचना आयुक्त सहित अन्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति नहीं की है. ऐसे में Jharkhand में सूचना आयोग निष्क्रिय हो गया है.
प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस के सहयोग से चल रही हेमंत सरकार में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि सूचना आयोग के सक्रिय होने से भ्रष्टाचार की सूचनाएं राज्य भर से सामने आती जिसे यह सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करती. प्रतुल ने कहा कि इससे हास्यास्पद स्थिति क्या हो सकती है कि सूचना अधिकार की २० वर्ष पूरे होने पर आयोजित प्रेस वार्ता करने वाले ने यह नहीं बताया कि Jharkhand में उन्होंने इस कानून को क्यों दफन कर दिया है.
प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) लागू जरूर हुआ था, लेकिन यूपीए शासन में इसका सबसे ज्यादा दुरुपयोग और दमन हुआ. उन्होंने कहा कि जब-जब जनता ने आरटीआई के जरिए विभिन्न घोटालों, सोनिया गांधी के विदेशी ट्रस्ट, कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच में हुई डील, नेशनल हेराल्ड घोटाले की जानकारी मांगी तब कांग्रेस के नेताओं ने अदालत में जाकर सूचना रोकने के लिए आवेदन दिए थे. यही कांग्रेस का दोहरा चरित्र है. प्रतुल ने कहा कि व्हिस्ल ब्लोअर एक्ट कांग्रेस ने पारित किया जरूर, पर उसे 2014 तक लागू नहीं किया क्योंकि कांग्रेस पारदर्शिता से डरती थी.
उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही पर बोलने का नैतिक अधिकार कांग्रेस ने बहुत पहले खो दिया है. जिस पार्टी के शासनकाल में टू जी, कोयला, कॉमनवेल्थ, नेशनल हेराल्ड जैसे घोटालों से देश शर्मसार हुआ, वह आज पारदर्शिता पर उपदेश दे रही है. यह अपने आप में सबसे बड़ा मज़ाक है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट का युग देखा है. आज जनता को आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल, डिजिटल इंडिया, डीबीटी, ई गवर्नेंस, पब्लिक ग्रीवेंस जैसे प्लेटफार्मों से सीधे सरकार तक पहुंच मिली है. पहले कांग्रेस के शासन में फाइलें तिजोरी में बंद रहती थीं, आज मोदी सरकार में हर फाइल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जनता की नज़र के सामने है.
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
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