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अनूपपुर: शरीर एक मंदिर है और योग प्रतिदिन की प्रार्थना- अध्यक्ष कोल विकास प्राधिकरण

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अमरकंटक हुआ योगमय, हर्षोल्लास एवं उमंग के साथ सभी ने किया योग

अनूपपुर , 21 जून (Udaipur Kiran) । योग विद्या ही नहीं विज्ञान है। यह एकाग्रता लाने में सहायक है। मन की ताकत को बढ़ाता है। शरीर एक मंदिर है तथा योग प्रतिदिन की प्रार्थना है, योग से शारीरिक, मानसिक और वैचारिक स्वास्थ्य मिलता है। योग शरीर, मन, आत्मा को जोड़ने का विधान है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित कर बीमारियों की रोकथाम करता है। हम सभी को प्रतिदिन योग करना चाहिए। कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल शनिवार अमरकंटक में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में उक्‍त बातें कही हैं।

अध्यक्ष रौतेल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम है एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए सेवा। पूरे विश्व के योग प्रेमियों को और दुनिया के कोने-कोने में योग कर रहे लोगों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देते हुए कहा कि योग को लोकप्रिय बनाने में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयास भलीभूत हो रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ में योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, जिसे सर्वानुमति से सभी राष्ट्रों ने स्वीकार किया। यह हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है।

कार्यक्रम को जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के पूर्व अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम ने कहा कि योग का अर्थ जुड़ाव है। मन और आत्मा का जुड़ाव। आत्मा का चेतना से जुड़ाव और हमारे खान-पान, रहन-सहन और आचार-विचार से भी योग का संबंध है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की ध्वजा लहराई। यह भारत की उज्जवल, गरिमापूर्ण, गौरवपूर्ण संस्कृति और हजारों साल से चली आ रही आहार शैली का भी समर्थन था। शारीरिक दक्षता के लिए जहां योग की जरूरत है वहीं आहार भी आवश्यक है।

योग की विभिन्न मुद्राओं का हुआ अभ्यास

योगाभ्यास कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों अधिकारियों एवं बड़ी संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राओं ने योग के विभिन्न आसनों, प्राणायाम और ध्यान की क्रियाओं में भाग लिया। उन्होंने बैठकर, पीठ के बल लेटकर, पेट के बल लेटकर, खड़े होकर किए जाने वाले आसन किए। इस दौरान सामूहिक रुप से ग्रीवा चालन, स्कंध संचालन, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, कटिचक्रासन, दण्डासन, वज्रासन, तितली आसन, उष्ट्रासन, शशांकासन, उत्तानमंडूकासन, वक्रासन, मकरासन, सेतुबंध आसन, उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन और शवासन किए। आसनों के बाद कपालभाति, नाड़ीशोधन, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, आदि प्राणायाम किए। क्लैपिंग एवं लाफिंगथेरेपी के साथ सामूहिक योग कार्यक्रम का समापन हुआ। इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय से आए योग गुरु संदीप ठाकरे ने योग की विभिन्न मुद्राओं का अभ्यास कराया।

कार्यक्रम में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पुष्पराजगढ़ सुधाकर सिंह बघेल, लवलीन महाराज, बंटी महाराज, रज्जू महाराज, जनप्रतिनिधि अम्बिका तिवारी, जन अभियान परिषद के समन्वयक उमेश पांडेय, एएसआई मंडल जबलपुर के प्रशासनिक अधिकारी सुब्रत गोस्वामी एवं मिलिंद अंगितकर सहित एनसीसी एवं नस के छात्र-छात्रा तथा बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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