काठमांडू, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार और प्रतिनिधि सभा भंग करने को असंवैधानिक बताने वाली 16 याचिकाओं को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है और इसके लिए पाँच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन किया है.
प्रधान न्यायाधीश प्रकाशमान सिंह राउत के नेतृत्व में गठित इस पीठ में वरिष्ठ न्यायाधीश सपना प्रधान मल्ल, कुमार रेग्मी, हरि फुयाल और मनोज शर्मा शामिल हैं.
सर्वोच्च अदालत के प्रवक्ता अर्जुनप्रसाद कोइराला के अनुसार, प्रधानमंत्री की नियुक्ति, संसद विघटन को रद्द करने और संसद पुनःस्थापना को लेकर दायर याचिकाओं में प्रारंभिक सुनवाई की जाएगी.
जेन-ज़ी आंदोलन के बाद पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने श्रीमती सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री नियुक्त करने और प्रतिनिधि सभा को भंग करने को असंवैधानिक घोषित करने की मांग करने वाली अधिकांश याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है जिनमें President रामचंद्र पौडेल द्वारा लिए गए निर्णयों को संशोधित करने की भी मांग की गई है.
इन याचिकाओं में सर्वोच्च अदालत के पूर्व न्यायाधीशों का मंत्री बनकर सरकार में शामिल होने को गलत एवं आपत्तिजनक बताने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं जिनं पर भी अन्य याचिकाओं के साथ सुनवाई की जाएगी.
संवैधानिक पीठ में पेश कुछ याचिकाओं में जेन-ज़ी आंदोलन के दमन में भूमिका निभाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए आदेश की भी मांग की गई है.
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
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