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बच्चों के मन में बने पुलिस की बेहतर छवि : पीके सिंह

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रामगढ़, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । रामगढ़ जिले में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह की छवि बड़ी अनोखी है। एक ओर कुख्यात अपराधियों के बीच उनके नाम का दहशत कायम है, वहीं मासूम बच्चों के बीच वे बच्चे ही बन जाते हैं। पेट्रोलिंग के दौरान अचानक वह अपनी पूरी टीम के साथ छत्तरमांडू के श्रद्धा शिशु मंदिर स्कूल में पहुंचे। यहां बच्चों ने पुलिस को देखकर उत्सुकता जताई। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह बच्चों के साथ ऐसे घुल मिल गए, जैसे वह कोई दबंग पुलिस अधिकारी नहीं, बल्कि उनके परिवार के ही एक सदस्य हो। पीके सिंह से मिलने के बाद बच्चों के मन में भी कई सवाल उठे। एक-एक कर सभी बच्चों के सवालों का जवाब उन्होंने दिया। उन्होंने पुलिस का बच्चों के प्रति मित्रता एवं अपनापन व्यवहार झलका कर बच्चों का दिल जीत लिया।

घर से बाहर मम्मी पापा पुलिस के नाम से डराते हैं अंकल

स्कूली छात्रों ने बातों ही बातों में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह को अंकल कहकर बुलाना शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ बच्चों ने यह भी कहा कि आप तो काफी अच्छे हैं, लेकिन मम्मी पापा पुलिस के नाम से डराते हैं। कई बच्चों ने कहा कि जब भी सड़कों पर वे निकलते हैं, तो उनके पैरेंट्स पुलिस से पकड़वाने की धमकी देते हैं। कुछ बच्चों ने पुलिस कैसे काम करती है, इसकी भी जानकारी हासिल करनी चाही। बच्चों के मन में उठे दर्जनों सवालों का जवाब पीके सिंह ने दिया। उन्होंने बताया कि पुलिसिंग का मतलब समाज के बेहतर निर्माण में सहयोग करना है। आम नागरिकों के साथ पुलिस का पारिवारिक संबंध ही कायम रहता है। जो लोग आपराधिक प्रवृत्ति को अपना लेते हैं, उनके खिलाफ पुलिस सख्त एक्शन लेती है। पुलिस भी अपना काम आम नागरिकों के सहयोग से ही करती है। इसलिए किसी भी पुलिस को देखकर मन में सुरक्षा का भाव ही जागना चाहिए, ना की वर्दी देखकर डर जाए।

बच्चों के प्रति दबंग इंस्पेक्टर में दिखी ममता

रामगढ़ थाना प्रभारी के रूप में काम कर रहे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर पीके सिंह के नाम से अपराधी कांपते हैं। लेकिन जब वह स्कूली बच्चों के बीच थे तो एक दबंग अधिकारी के सीने में धड़कता मासूम दिल भी लोगों को महसूस हुआ। बच्चों के प्रति उनकी ममता ने यह बता दिया कि वह समाज को एक बेहतर दिशा देने का प्रयास कर रहे हैं। समाज के भविष्य के रूप में तैयार होने वाली पीढ़ी किस तरह पुलिस के साथ तालमेल बिठाएगी इस पर भी उन्होंने अपने विचार रखें।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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