हमीरपुर, 29 जून (Udaipur Kiran) । रविवार को कुरारा क्षेत्र के झलोखर गांव स्थित प्राचीन भुवनेश्वरी भुइयारानी मंदिर में आषाढ़ मास के तीसरे रविवार को मेला आयोजित किया गया। देवी मंदिर में भक्तों ने पूजा अर्चना कर मंदिर परिसर में भौरियां बनाकर पूजा अर्चना के बाद प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान कई प्रदेशों व गांव क्षेत्र के भक्तों की भीड़ एकत्रित रही।
झलोखर गांव में प्राचीन मां भुवनेश्वरी भुइयारानी का मंदिर स्थित है, इस मंदिर में वर्ष भर प्रत्येक रविवार को भक्तों का आवागमन रहता है। यहां की ऐसी मान्यता है कि बात, गठिया रोग में इस मंदिर की मिट्टी के लेप करने से दूर हो जाता है। मंदिर में कुम्हार बिरादरी के पुजारी हैं। पुजारी निर्भय दास प्रजापति ने बताया कि आषाढ़ मास में इस मंदिर की महत्ता बढ़ जाती है तथा प्रत्येक रविवार को ब्लाक क्षेत्र के गांवों के लोग मंदिर परिसर में आग के उपले में भौरियां बनाकर खाते हैं तथा मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं।
वहीं ग्राम के बालेंद्र सिंह ने बताया कि इस मंदिर की रज (मिट्टी) का महत्व विशेष हो जाता है। इस मिट्टी में औषधीय तत्व पाए जाते हैं। जिसमें हाथ पैर में होने वाले बात, गठिया रोग में राहत मिलती है। इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। अन्य जनपदों व प्रांतों के लोग आकर शनिवार की रात मंदिर में रुकते हैं तथा रविवार को सुबह पूजा अर्चना करते हैं। मंदिर के बाहर मेले का आयोजन होता है। जिसमें महिलाएं रोजमर्रा के सामान की खरीदारी करती हैं। वहीं भुइयारानी मंदिर व मेले का 1854 के ब्रिटिश गजेटियर में भी उल्लेख है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा
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