कानपुर, 05 जुलाई (Udaipur Kiran) । कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत लगभग पांच किमी लंबे बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन में कुल पांच स्टेशनों (बारादेवी, किदवई नगर, वसंत विहार, बौद्ध नगर और नौबस्ता) वाले इस सेक्शन में सिग्नल लगाने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। उक्त सेक्शन में अब सिग्नलिंग प्रणाली के टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की जा रही है। यह जानकारी शनिवार को यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने दी।
बारादेवी से नौबस्ता तक कुल 24 सिग्नल लगाए जाने हैं। बारादेवी में आठ सिग्नल लगाए जा चुके हैं। इसके बाद पड़ने वाले किदवई नगर, वसंत विहार और बौद्ध नगर में भी सभी सिग्नल लगा दिए गए हैं। इन तीनों स्टेशनों पर प्रत्येक में दो सिग्नल लगाए गए हैं। आखिरी स्टेशन नौबस्ता में भी कुल 10 में से सात सिग्नल लगा दिए गए हैं। शेष बचे हुए तीन सिग्नल ट्रैक निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लगाए जाएंगे।
सिग्नल के लिए सभी स्टेशनों पर इंडोर केबलिंग का काम भी पूरा किया जा चुका है। इसके अलावा सभी स्टेशनों पर ट्रेन रेडियो एक्सेस एंटीना भी इंस्टॉल किए जा चुके हैं। ट्रेन के सुरक्षित ऑपरेशन के लिए ट्रेन और ऑपरेशन नियंत्रण कक्ष के बीच वायरलेस कम्युनिकेशन स्थापित करने में इस एंटीना की अहम भूमिका होती है। ये एंटीना ट्रेन से भेजे गए लोकेशन और सूचना को रिसीव कर मैन सर्वर में भेजते हैं।
बारादेवी-नौबस्ता सेक्शन के स्टेशनों पर सिग्नल इंस्टॉल करने के साथ ही सिग्नलिंग प्रणाली के टेस्टिंग की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। इसके अंतर्गत सबसे पहले पिको टेस्ट किया जाना है, जिसमें वायरिंग कनेक्शन फॉल्ट की जांच होगी। इस टेस्ट के बाद पार्शियल एक्सेपटेंस टेस्ट में सिग्नलिंग से जुड़े विभिन्न उपकरणों जैसे सिग्नल, पॉइंट्स मशीन आदि को अलग-अलग चलाकर देखा जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ’सिस्टम एक्सेपटेंस टेस्ट किया जाएगा। जहां ट्रेन को इस सिग्नलिंग सिस्टम के अनुसार चलाकर देखा जाएगा।
मेट्रो ट्रैक के मेनलाइन पर लगे सिग्नलों में तीन रंग होते हैं। लाल, बैंगनी (वॉयलेट) और हरा लाल रंग, ट्रेन को रुकने का संकेत देता है, जबकि बैंगनी रंग का सिग्नल होने पर ट्रेन को एक निर्धारित गतिसीमा पर आगे बढ़ने की अनुमति होती है। इस रंग का संकेत तब मिलता है, जब ट्रैक पर कुछ ही दूरी पर दूसरी ट्रेन भी मौजूद हो या आगे का रूट पूरी तरह से क्लियर ना हो। हरा रंग, आगे का रूट पूरी तरह से क्लियर होने का संकेत देता है और इस सिग्नल पर ट्रेन अपनी पूरी गति के साथ आगे बढ़ती है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
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