कर्नाटक के धर्मस्थल गांव में एक युवक के भाषण ने पुलिस को चौंका दिया। वह अचानक थाने पहुंचा और बोला, 'मैंने कई शव दफनाए हैं।' उसने यह भी कहा, 'मेरी जान को खतरा है।' युवक ने बताया कि कुछ लोगों ने उसके साथ जबरदस्ती की थी। मना करने पर जान से मारने की धमकी दी। वह काफी समय से डर के साये में जी रहा था। अब अपराध बोध उसे तोड़ रहा है। इसलिए उसने पूरी सच्चाई बताने का फैसला किया। लेकिन इसके लिए उसने एक शर्त रखी। कहा कि पहले कानूनी सुरक्षा चाहिए। फिर वह हत्यारों के नाम बताएगा। और उन जगहों का भी खुलासा करेगा जहां शव दफनाए गए हैं।
पुलिस ने उसकी शिकायत को गंभीरता से लिया है। कोर्ट से अनुमति लेकर केस दर्ज किया गया। धारा 211 (ए) के तहत केस दर्ज किया गया है। यह धारा सूचना छिपाने से संबंधित है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि युवक की पहचान उजागर नहीं की जाएगी। उसकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। फिलहाल कानूनी प्रक्रिया जारी है। अगर उसका दावा सही निकला तो यह कर्नाटक का सबसे बड़ा और खौफनाक मामला बन सकता है। अपराध से जुड़ी एक अन्य खबर में, मंगलुरु जिले में 12 साल की बच्ची की तस्करी से जुड़े एक मामले में अदालत ने सख्त फैसला सुनाया है।
विशेष अदालत ने पति-पत्नी समेत तीन लोगों को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सजा पाने वालों में लिनेटा वेगास, उसका पति जोसी वेगास और जोसी की मां लूसी वेगास शामिल हैं। तीनों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा होगी। मामला जुलाई 2013 का है, जब आरोपियों ने एक बच्ची को बेचने की कोशिश की थी। 'चाइल्डलाइन' और पुलिस के संयुक्त अभियान में आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा गया था। विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि तीनों ने बच्ची के बदले दो लाख रुपये मांगे थे और 90 हजार की एडवांस राशि लेने आए थे। उसी दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। अब 12 साल बाद उन्हें कानून ने सजा सुनाई है।
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