बिहार सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को नई मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आज बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने पटना के अगमकुआं स्थित जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान, एनएमसीएम में 30 करोड़ रुपये की लागत से बनी अत्याधुनिक औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। यह प्रयोगशाला दवाओं और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता जांचने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित है।
इस प्रयोगशाला का उद्घाटन बिहार में स्वास्थ्य सुरक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अब राज्य में दवाओं और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता की जांच स्थानीय स्तर पर की जा सकेगी, जिससे समय की बचत होगी और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने उद्घाटन के दौरान कहा, "इस प्रयोगशाला की स्थापना से राज्य में दवाओं और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता की जांच में तेजी आएगी। इससे स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी, और नागरिकों को सुनिश्चित किया जा सकेगा कि उन्हें जो दवाइयां मिल रही हैं, वे सुरक्षित और मानक के अनुरूप हैं।"
इस प्रयोगशाला में अत्याधुनिक तकनीकी उपकरण लगाए गए हैं, जो दवाओं और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता का विश्लेषण करने में सक्षम हैं। यह प्रयोगशाला राज्य के चिकित्सा अधिकारियों को दवाओं की गुणवत्ता पर नजर रखने की सुविधा प्रदान करेगी, और इसके माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर सकेगी कि बाजार में बिकने वाली दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी हैं।
इस पहल से राज्य में दवाओं और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, और यह कदम स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर किया जाए, ताकि नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
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