छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित आबकारी घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (ACB) ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। जांच एजेंसियों ने एफएल-10 लाइसेंसी कंपनी नेक्सीजन इजी टेक प्राइवेट लिमिटेड के तीन प्रमुख पदाधिकारियों अभिषेक सिंह, मनीष मिश्रा और संजय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार, इन तीनों पर शराब के लाइसेंस आवंटन और सप्लाई चेन में भारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। आरोप है कि इन्होंने मिलीभगत कर करोड़ों रुपये का घोटाला किया और राज्य के आबकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया।
ACB और EOW की टीम ने इन सभी को सोमवार सुबह उनके निवास स्थानों से गिरफ्तार किया और कुछ ही देर में उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। मामले में कई और अधिकारियों और निजी कंपनियों की भूमिका की जांच जारी है।
इस कार्रवाई के बाद राज्य में आबकारी विभाग और निजी ठेकेदारों के गठजोड़ पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जांच को और तेज किया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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