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भारत के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में जापान ने देश को दो बुलेट ट्रेनें उपहार में दी हैं। जापान की शिंकानसेन तकनीक की सुरक्षा को अमेरिका में मान्यता मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, जापान अपनी दो प्रसिद्ध शिंकानसेन ट्रेन सेट भारत को उपहार में देगा।
इससे देश की पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना को बढ़ावा मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य निर्माणाधीन मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के परीक्षण और निरीक्षण में सहायता करना है। ई5 और ई3 सीरीज की ट्रेनों को 2026 की शुरुआत में भारत में डिलीवर करने की योजना बनाई गई है।
उम्मीद है कि यह ट्रेन दो प्रमुख शहरों के बीच 500 किलोमीटर की दूरी दो घंटे में तय कर सकेगी, जबकि मौजूदा एक्सप्रेस ट्रेन सेवा को सात घंटे लगते हैं।
जापान की बुलेट ट्रेन प्रणाली की शुरुआत न केवल परिवहन नेटवर्क की दक्षता में योगदान देगी, बल्कि व्यापक लक्ष्य क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि 'मेक इन इंडिया' पहल को भी बढ़ावा देगी। जापानी शिंकानसेन तकनीक अपने प्रभावशाली सुरक्षा रिकॉर्ड के लिए जानी जाती है। अपने परिचालन के 55 से अधिक वर्षों में, तकनीकी विफलता के कारण कोई रेल दुर्घटना नहीं हुई है।
भारत के राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के अनुसार, हाई स्पीड ट्रेन सिस्टम में सबसे उन्नत दुर्घटना से बचाव प्रणाली और ओवरस्पीडिंग के मामले में स्वचालित ब्रेक लगाने की व्यवस्था होगी। चूँकि ट्रेन कुछ संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्रों (कच्छ, कोयना-वार्ना क्षेत्र और लातूर-उस्मानाबाद) से होकर गुज़रेगी, इसलिए रेल कॉरिडोर में भूकंप का पहले पता लगाने वाली प्रणाली लगाई जाएगी।
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