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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से नोटबंदी की मांग की है। उन्होंने भाजपा नीत एनडीए गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के रायलसीमा क्षेत्र के कडप्पा जिले में एक कार्यक्रम में नोटबंदी की वकालत की।
500 और 1000 रुपये के नोट बंद करके मोदी सरकार विवादों में घिर गई थी। चंद्रबाबू का दावा है कि उस समय केंद्र को यह सुझाव उन्होंने ही दिया था। नोटबंदी के एक दशक बाद आंध्र के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अगर 500 और 1000 रुपये जैसे बड़े नोटों का इस्तेमाल बंद कर दिया जाए तो प्रशासन और राजनीति समेत विभिन्न क्षेत्रों में भ्रष्टाचार कम हो जाएगा! इसीलिए उन्होंने यह सिफारिश की थी। चंद्रबाबू ने कहा, "भ्रष्टाचार रोकने के लिए सभी क्षेत्रों में डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल पूरी तरह से शुरू किया जाना चाहिए!"
2016 की नोटबंदी के दौरान भी चंद्रबाबू एनडीए में थे। उस समय उन्होंने नीति आयोग के तहत विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों, विशेषज्ञों और अन्य संबंधित प्रतिनिधियों की एक समिति की अध्यक्षता भी की थी। उस समिति का काम देश को नकदी रहित अर्थव्यवस्था में तेजी से बदलने के लिए रोडमैप तैयार करना था।
चंद्रबाबू नायडू ने करीब एक दशक बाद फिर से नोटबंदी की मांग क्यों की, इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "अगर 500 जैसे बड़े मूल्य के नोट बंद कर दिए जाएं तो भ्रष्टाचारियों को पकड़ना बहुत आसान हो जाएगा।"
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