मौसम का मिजाज: भारत का मौसम इन दिनों विविध रंग दिखा रहा है। एक ओर जहां पूर्वी भारत के कई राज्य भीषण गर्मी और लू की चपेट में आने वाले हैं, वहीं दूसरी ओर देश के कुछ हिस्सों में झमाझम बारिश की संभावना बनी हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस संबंध में विस्तृत पूर्वानुमान और चेतावनी जारी की है। आइए जानते हैं कि आने वाले दिनों में मौसम का हाल कैसा रहने वाला है और किन क्षेत्रों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
पूर्वी भारत में लू की तपिश: नई लहर का प्रकोपमौसम विभाग के अनुसार, पूर्वी भारत के राज्यों जैसे ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के कुछ हिस्सों में अगले कुछ दिनों में लू की एक नई और तीव्र लहर चलने की आशंका है। इन क्षेत्रों में तापमान सामान्य से काफी ऊपर जा सकता है, जिससे दिन के समय बाहर निकलना मुश्किल हो सकता है। अधिकारियों ने लोगों से दोपहर के समय घर के अंदर रहने, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और ढीले, सूती कपड़े पहनने की सलाह दी है। बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार व्यक्तियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
लू के संभावित प्रभाव और बचाव के उपाय:-
स्वास्थ्य पर असर: लू लगने से शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन), हीट स्ट्रोक, थकावट और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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दैनिक जीवन: अत्यधिक गर्मी के कारण लोगों की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है और बिजली की मांग भी बढ़ सकती है।
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बचाव:
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जब तक बहुत आवश्यक न हो, दिन के 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच घर से बाहर न निकलें।
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हल्के रंग के, ढीले-ढाले और सूती कपड़े पहनें।
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नियमित अंतराल पर पानी, लस्सी, छाछ, नींबू पानी या ओआरएस का घोल पीते रहें।
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धूप में निकलते समय सिर को ढककर रखें, छाते का प्रयोग करें।
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पालतू जानवरों को भी छायादार और ठंडी जगह पर रखें।
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जहां पूर्वी भारत गर्मी से झुलस रहा होगा, वहीं देश के कुछ अन्य हिस्सों में प्री-मानसून गतिविधियां या स्थानीय मौसमी प्रणालियों के कारण अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ राज्यों, पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों और संभवतः उत्तर भारत के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर तेज हवाएं चलने और ओलावृष्टि की भी संभावना है। यह बारिश निश्चित रूप से उन क्षेत्रों में भीषण गर्मी से कुछ राहत प्रदान करेगी और कृषि के लिए भी फायदेमंद हो सकती है।
बारिश वाले क्षेत्रों के लिए सलाह:-
गरज-चमक के समय सुरक्षित स्थानों पर रहें, पेड़ों के नीचे या बिजली के खंभों के पास खड़े न हों।
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जलभराव वाले क्षेत्रों से बचें।
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किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करें।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग लगातार मौसम पर नजर बनाए हुए है और समय-समय पर अपडेट जारी कर रहा है। नागरिकों से अपील है कि वे आधिकारिक मौसम पूर्वानुमानों पर ध्यान दें और किसी भी तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें। मौसम की चरम स्थितियों में सतर्कता और सही जानकारी ही बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।
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