दिल्ली की हवा कितनी ज़हरीली है,ये हम सब जानते हैं. लेकिन अब एक नई रिसर्च ने जो खुलासा किया है,वो सच में डराने वाला है. इस स्टडी के मुताबिक,दिल्ली की हवा में सिर्फ धूल-कण ही नहीं,बल्कि एक बेहद खतरनाक'पारा' (Mercury)भी घुल चुका है,जो सांसों के ज़रिए हमारे शरीर में पहुंचकर चुपचाप हमें बीमार बना रहा है.क्या कहती है यह नई रिसर्च?दिल्ली यूनिवर्सिटी और अमेरिका की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने मिलकर यह स्टडी की है. इसमें पाया गया कि दिल्ली की हवा में मरकरी का लेवल तय मानकों से कहीं ज़्यादा है. चिंता की बात यह है कि हवा में मौजूद यह ज़हरीला पारा छोटे-छोटे कणों (PM2.5)से चिपक जाता है और जब हम सांस लेते हैं,तो ये सीधे हमारे फेफड़ों और फिर खून में मिल जाता है.कितना खतरनाक है हवा में मौजूद यह पारा?पारा एक ऐसी धातु है जो दिमाग,किडनी और हमारे नर्वस सिस्टम पर बहुत बुरा असर डालती है. खासकर,बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. इससे बच्चों के मानसिक विकास में रुकावट आ सकती है और याददाश्त से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं. सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इसका असर तुरंत नहीं दिखता,बल्कि यह धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला करता रहता है.दिल्ली की हवा में इतना पारा आया कहां से?इस रिसर्च में बताया गया है कि दिल्ली की हवा में इस ज़हर के घुलने की सबसे बड़ी वजह यहां के थर्मल पावर प्लांट्स,फैक्ट्रियां और कूड़े के ढेर हैं,जिनमें आग लगती रहती है. जब कोयला जलता है या कूड़ा जलाया जाता है,तो उसमें से पारा निकलकर हवा में फैल जाता है. सर्दियों में जब प्रदूषण बढ़ता है और हवा एक जगह ठहर जाती है,तब यह और भी खतरनाक हो जाता है.यह रिसर्च एक चेतावनी की तरह है कि अब हमें सिर्फPM2.5के बारे में ही नहीं,बल्कि हवा में घुल रहे इस अनदेखे ज़हर के बारे में भी सोचना होगा. यह एक'साइलेंट किलर'है जो हमारी सेहत को धीरे-धीरे तबाह कर रहा है.
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