News India Live, Digital Desk: Google AI Tools : टेक की दुनिया में इस वक्त सिर्फ एक ही चीज़ की धूम है - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, यानी AI. Microsoft से लेकर Amazon तक, हर बड़ी कंपनी इस दौड़ में सबसे आगे निकलने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रही है. इस जंग के बीच, दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने अपने कर्मचारियों को एक सीधा और सख़्त संदेश दिया है, जो किसी चेतावनी से कम नहीं है. संदेश साफ़ है: या तो AI को अपने काम का हिस्सा बना लो, या फिर इस दौड़ में पीछे छूटने के लिए तैयार रहो.यह सिर्फ़ एक सलाह नहीं, बल्कि गूगल के भविष्य की रणनीति का एक अहम हिस्सा है. कंपनी में अब काम करने का तरीक़ा हमेशा के लिए बदलने वाला है.आख़िर क्यों पड़ी इस चेतावनी की ज़रूरत?सुंदर पिचाई का यह सख़्त रुख़ अचानक नहीं आया है. इसके पीछे दो बड़ी वजहें हैं:बढ़ती प्रतिस्पर्धा: Microsoft, Amazon और Meta जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियाँ बहुत तेज़ी से AI को अपना रही हैं पिचाई यह अच्छी तरह जानते हैं कि अगर गूगल ने रफ़्तार नहीं पकड़ी, तो वे इस नई क्रांति में पिछड़ सकते हैंदोगुनी रफ़्तार से काम: गूगल ने अपने ही घर में AI का असर देख लिया है. कंपनी ने जब अपने इंजीनियरों के लिए कुछ AI टूल्स (AI-powered tools) लॉन्च किए, तो पाया कि जिन लोगों ने इन्हें इस्तेमाल किया, उनकी काम करने की रफ़्तार यानी प्रोडक्टिविटी एक हफ़्ते में 10% तक बढ़ गई. इस सफ़लता ने कंपनी को यह विश्वास दिलाया है कि AI ही भविष्य का रास्ता है.पिचाई का नया मंत्र: 'साथी से नहीं, AI से मदद लो'एक कंपनी मीटिंग में सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों को एक नई सोच अपनाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि छोटे-मोटे कामों के लिए अपने सहकर्मियों पर निर्भर रहने की बजाय AI टूल्स की मदद ली जाए.उनका मानना है कि अब सिर्फ़ ज़्यादा लोगों को काम पर रखने से बात नहीं बनेगी, बल्कि कम लोगों के साथ AI का इस्तेमाल करके ज़्यादा और बेहतर काम करना होगा. इसी सोच के साथ गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट 2025 में AI इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगभग 85 बिलियन डॉलर का भारी-भरकम निवेश करने की योजना बना रही है.सिर्फ़ चेतावनी नहीं, गूगल दे रहा है ट्रेनिंग भीगूगल अपने कर्मचारियों को इस नई AI की दुनिया में अकेला नहीं छोड़ रहा है. कंपनी ने 'AI Savvy Google' नाम का एक ख़ास इंटरनल हैं. प्रोग्राम शुरू किया है इस प्लेटफॉर्म पर कर्मचारियों को AI सिखाने के लिए स्पेशल कोर्स, टूलकिट और ट्रेनिंग सेशन मौजूद हैं.इसके अलावा 'Cider' जैसा AI-पावर्ड कोडिंग असिस्टेंट भी कर्मचारियों को दिया गया है, जो इंजीनियरों के बीच काफ़ी लोकप्रिय हो रहा है. गूगल का मक़सद साफ़ है - वह अपने कर्मचारियों को AI के इस्तेमाल में इतना माहिर बना देना चाहता है कि यह उनके रोज़मर्रा के काम का एक अभिन्न अंग बन जाए.सुंदर पिचाई ने इसे 'एक ज़रूरी बदलाव का पल' बताया है,और कहा है, कि 2025 के लिए दांव बहुत ऊंचे लगे हैं यह संदेश सिर्फ़ एक CEO का अपने कर्मचारियों को दिया गया निर्देश नहीं है, बल्कि उस बड़ी सच्चाई का ऐलान है, जो आने वाले समय में हर इंडस्ट्री पर लागू होने वाली है,.
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