नई दिल्ली: पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (PoJK) में भारतीय सशस्त्र सेना का ऑपरेशन सिंदूर अभी अधूरा है! क्योंकि, जबतक आतंकियों के सारे ठिकानें ध्वस्त नहीं हो जाते, तबतक भारत शांत बैठने वाला नहीं है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान और PoJK में ऐसे कम से कम 21 स्थानों की पहचान कर रखी है, जहां दहशतगर्दों को तैयार किया जाता है और फिर पाकिस्तानी फौज की मदद से उन्हें भारत में आतंकवाद को अंजाम देने के लिए भेजा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी के बाद जिस तरह के संकेत दिए हैं, उससे जाहिर है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। ऐसे में अभी तो सिर्फ 9 ठिकानों पर लगभग 70 आतंकी कैंपों को ही नेस्तनाबूद किया गया है, बाकी 12 स्थानों पर भी कहर बरपाना बाकी है, जिसमें अनेकों टेरर कैंप शामिल हैं। अभी अधूरा है ऑपरेशन सिंदूर?ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने 9 आतंकी ठिकानों की तबाही के बारे में जानकारी दी, जिनमें से 4 पाकिस्तान में और 5 पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (PoJK) में हैं। ऑपरेशन सिंदूर में इन्हें ही तबाह किया गया है। लेकिन,जानकारी के मुताबिक ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी कैबिनेट की पहली बैठक में पीएम मोदी ने कामयाब ऑपरेशन के लिए सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए इसे 'सिर्फ शुरुआत' बताया, वह बहुत बड़ा संकेत है कि अभी मिशन पूर्ण रूप से खत्म नहीं हुआ है। यही नहीं, सूत्रों का यहां तक कहना है कि उन्होंने अपने कैबिनेट सहयोगियों से इस मुद्दे पर बेवजह की 'राजनीतिक टिप्पणी' करने से भी परहेज करने को कहा है। अगले 12 टारगेट देख पाकिस्तान में खलबलीभारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान और PoJK में अभी भी कम से कम 12 स्थानों पर अनेकों आतंकवादी कैंप सक्रिय हैं, जहां दहशतगर्दों को तैयार किया जाता है, उनकी ट्रेनिंग होती है और उन कैंपों का आतंकी लॉन्च पैड के रूप में इस्तेमाल होता है। इन ठिकानों में 5 पाकिस्तान में और 7 पाकिस्तानी कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में हैं। ऐसे में अगर भारत ने ऑपरेशन सिंदूर-2 शुरू किया तो जो 12 आतंकी ठिकाने भारतीय मिसाइलों और आत्मघाती ड्रोन बमों का निशाना बन सकते हैं, वे इस प्रकार हैं- गढ़ी हबीबुल्ला (पाकिस्तान) बतरासी (पाकिस्तान) बालाकोट (पाकिस्तान) ओघी (पाकिस्तान) बोई (पाकिस्तान) मस्कर-ए-अक्सा (PoK) चेलाबंदी (PoK) अब्दुल्ला-बिन-मसूद (PoK) दुलाई (PoK) सेनसा (PoK) बराली (PoK) डुंगी (PoK) पहलगाम का एक भी आतंकी नहीं बचेगा!बुधवार की प्रेस कांफ्रेंस में विदेश सचिव और सशस्त्र सेना की जांबाज महिला अफसरों ने साफ किया था कि उनके निशाने पर 2001 के संसद हमले से लेकर 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार सभी आंतकी संगठन, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकाने थे। पहलगाम हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF) ने ली थी, जो लश्कर का ही मुखौटा संगठन है। नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) अभी भी पहलगाम आतंकी हमले की जांच में लगी है। इसने पर्यटकों और स्थानीय लोगों से इस भयानक आतंकी हमले से संबंधित और भी अधिक जानकारियां, तस्वीरें और वीडियो मांगी है, ताकि हमले में शामिल दहशतगर्दों की पहचान हो सके। यकीनन इस बार पूरी तैयारी है और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों चुन-चुनकर हर आतंकी और उनके सरगनाओं को न्याय के अंजाम तक पहुंचाने में जुटी हुई है और इनको लेकर जितनी भी नई जानकारियां मिलेंगी, वह सभी ऑपरेशन सिंदूर-2 में काम आ सकते हैं। कूटनीतिक स्तर पर भारत का एक्शन जारीभारत की तैयारी पुख्ता है। एक तरफ गृहमंत्री अमित शाह सभी सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राजनीतिक नेतृत्व को हालात से रूबरू करवाने में जुटे हुए हैं तो दूसरी तरफ विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए (NSA) अजीत डोभाल कूटनीतिक स्तर पर मोर्चा संभाले हुए हैं। ET की एक रिपोर्ट के अनुसार जयशंकर बुधवार को दिल्ली में कम से कम 13 राजनयिकों को यह बता चुके हैं कि पाकिस्तान किस तरह से हालात को बिगाड़ने और पहलगाम के गुनहगार द रेसिस्टेंस फोर्स को बचाने में जुटा है। संयुक्त राष्ट्र में भी भारतीय मिशन सुरक्षा परिषद के सदस्यों से मिलकर ऑपरेशन की जानकारियां दे चुका है और सूत्रों का कहना है कि भारत के नजरिए को लेकर उनका दृष्टिकोण सकारात्मक है, क्योंकि आतंकी हमले का जवाब देना उसकी नजर में भी भारत का अधिकार बनता है। ऑपरेशन सिंदूर के 9 टारगेट6 और 7 अप्रैल, 2025 की दरमियानी रात भारतीय सशस्त्र सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (PoJK) के जिन आतंकी इलाकों को निशाना बनाया उनकी संख्या 9 है, जहां मौजूद लगभग 70 दहशतगर्दी कैंप तबाह किए गए हैं। लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन (HM) के कैंपों को जिन नौ स्थानों पर टारगेट किया गया, वे हैं- सवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद,PoJK सैयदाना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद,PoJK गुलपुर कैंप, कोटली, PoJK अब्बास कैंप, कोटली, PoJK बरनाला कैंप, भीमबेर, PoJK मरकज सुभान, बहावलपुर, पाकिस्तान मेहमूना जोया कैंप, सियालकोट पाकिस्तान सरजल कैंप, सियालकोट, पाकिस्तान मरकज तैयबा, मुदिरके, पाकिस्तान
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