AI का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए तो यह आपके रोजमर्रा के कामों को आसान कर देता है। लेकिन जब इसका गलत इस्तेमाल हो तो यह खासा नुकसान भी पहुंचा सकता है। गूगल के पूर्व सीईओ एरिक श्मिट ने हाल ही में एक सम्मेलन में कहा कि AI मॉडल्स को हैक किया जा सकता है। अगर ये गलत लोगों के हाथों में पड़ जाएं, तो ये खतरनाक हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि AI तकनीक बहुत शक्तिशाली है, लेकिन इसके साथ जोखिम भी हैं। चलिए, जान लेते हैं कि एरिक श्मिट के इस बयान के क्या मतलब हैं और AI मॉडल्स क्या होते हैं, जिनका गलत इस्तेमाल खतरनाक साबित हो सकता है।
AI मॉडल्स क्या हैं?AI मॉडल्स कंप्यूटर प्रोग्राम्स हैं जो इंसानों की तरह सोचने और काम करने की क्षमता रखते हैं। ये मशीन लर्निंग और डेटा का उपयोग करके बनाए जाते हैं, ताकि वे पैटर्न पहचान सकें, फैसला ले सकें और समस्याओं का हल कर सकें। इन्हें बड़े डेटासेट पर ट्रेन किया जाता है, जिससे ये सीखते हैं और बेहतर होते हैं। ChatGPT भी एक AI मॉडल ही है।
AI मॉडल्स को हैक करने का खतराइंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एरिक श्मिट ने लंदन में हुए सिफ्टेड समिट में कहा कि ओपन या क्लोज्ड AI मॉडल्स हैक किए जा सकते हैं। हैकर्स इनके सुरक्षा नियमों को तोड़ सकते हैं। AI मॉडल्स को गलत तरीके से इस्तेमाल करके ऐसी जानकारी हासिल की जा सकती है, जो नुकसान पहुंचाती है। मसलन, कोई AI से पूछे कि किसी को नुकसान कैसे पहुंचाया जाए, तो सामान्य तौर पर AI इसका जवाब नहीं देता। लेकिन हैकर्स इसे रिवर्स-इंजीनियरिंग करके गलत कामों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। तब यह ऐसे खतरनाक सवालों के खतरनाक जवाब दे सकता है।
AI के बढ़ते खतरेAI मॉडल्स कोडिंग करने, लॉजिकल बात करने और गलतियां ढूंढने जैसे कामों में बेहतर हो रहे हैं। लेकिन इनकी कमजोरी है कि इन्हें आसानी से हैक किया जा सकता है। यदि सिक्योरिटी मजबूत ना हो तो हैकर्स AI का इस्तेमाल साइबर हमलों के लिए कर सकते हैं। बता दें कि एरिक श्मिट अकेले नहीं हैं जिन्होंने AI के खतरों की बात की है। AI के क्षेत्र में मशहूर वैज्ञानिक ज्योफ्री हिन्टन भी ऐसी ही चेतावनी दे चुके हैं। AI के गॉडफादर कहलाने वाले हिंटन ने भी 2023 में बीबीसी को बताय था कि AI चैटबॉट्स जैसे चैटजीपीटी खतरनाक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभी AI हमसे ज्यादा बुद्धिमान नहीं है, लेकिन जल्द ही ऐसा हो सकता है।
AI का असली रंग 5-10 साल में दिखेगागूगल के पूर्व सीईओ एरिक श्मिट का मानना है कि AI का असली प्रभाव अगले पांच से दस साल में दिखेगा। वे मानते हैं कि यह तकनीक दुनिया को बदल देगी। श्मिट की राय उन लोगों से अलग है, जो AI को महज 'बुलबुला' मान रहे हैं।
AI मॉडल्स क्या हैं?AI मॉडल्स कंप्यूटर प्रोग्राम्स हैं जो इंसानों की तरह सोचने और काम करने की क्षमता रखते हैं। ये मशीन लर्निंग और डेटा का उपयोग करके बनाए जाते हैं, ताकि वे पैटर्न पहचान सकें, फैसला ले सकें और समस्याओं का हल कर सकें। इन्हें बड़े डेटासेट पर ट्रेन किया जाता है, जिससे ये सीखते हैं और बेहतर होते हैं। ChatGPT भी एक AI मॉडल ही है।
AI मॉडल्स को हैक करने का खतराइंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एरिक श्मिट ने लंदन में हुए सिफ्टेड समिट में कहा कि ओपन या क्लोज्ड AI मॉडल्स हैक किए जा सकते हैं। हैकर्स इनके सुरक्षा नियमों को तोड़ सकते हैं। AI मॉडल्स को गलत तरीके से इस्तेमाल करके ऐसी जानकारी हासिल की जा सकती है, जो नुकसान पहुंचाती है। मसलन, कोई AI से पूछे कि किसी को नुकसान कैसे पहुंचाया जाए, तो सामान्य तौर पर AI इसका जवाब नहीं देता। लेकिन हैकर्स इसे रिवर्स-इंजीनियरिंग करके गलत कामों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। तब यह ऐसे खतरनाक सवालों के खतरनाक जवाब दे सकता है।
AI के बढ़ते खतरेAI मॉडल्स कोडिंग करने, लॉजिकल बात करने और गलतियां ढूंढने जैसे कामों में बेहतर हो रहे हैं। लेकिन इनकी कमजोरी है कि इन्हें आसानी से हैक किया जा सकता है। यदि सिक्योरिटी मजबूत ना हो तो हैकर्स AI का इस्तेमाल साइबर हमलों के लिए कर सकते हैं। बता दें कि एरिक श्मिट अकेले नहीं हैं जिन्होंने AI के खतरों की बात की है। AI के क्षेत्र में मशहूर वैज्ञानिक ज्योफ्री हिन्टन भी ऐसी ही चेतावनी दे चुके हैं। AI के गॉडफादर कहलाने वाले हिंटन ने भी 2023 में बीबीसी को बताय था कि AI चैटबॉट्स जैसे चैटजीपीटी खतरनाक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभी AI हमसे ज्यादा बुद्धिमान नहीं है, लेकिन जल्द ही ऐसा हो सकता है।
AI का असली रंग 5-10 साल में दिखेगागूगल के पूर्व सीईओ एरिक श्मिट का मानना है कि AI का असली प्रभाव अगले पांच से दस साल में दिखेगा। वे मानते हैं कि यह तकनीक दुनिया को बदल देगी। श्मिट की राय उन लोगों से अलग है, जो AI को महज 'बुलबुला' मान रहे हैं।
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