जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर में स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी कर रहे स्कूली बच्चों को अल्पाहार में अंडा वाला केक देने से विवाद हो गया। जब अभिभावकों ने विरोध किया, तो अधिकारियों ने तुरंत केक वापस ले लिए। बताया जा रहा है कि ये केक सहकारी उपभोक्ता भंडार से आए थे। अधिकारियों का कहना है कि गलती उनके स्तर पर हुई थी। बता दें कि इस साल स्वतंत्रता दिवस का राज्य स्तरीय कार्यक्रम जोधपुर में हो रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा यहां झंडा फहराएंगे।
जोधपुर में होगा इस बार राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह
जोधपुर में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी चल रही है। इस दौरान स्कूली बच्चों को अल्पाहार में अंडा युक्त केक दिया गया। केक पर लाल निशान था, जिससे पता चलता है कि इसमें अंडा है। बच्चों के परिजनों ने इसका विरोध किया। इसके बाद अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सारे केक वापस ले लिए। उन्हें जोधपुर नगर निगम में जमा करा दिया गया। नगर निगम के सहायक प्रशासनिक अधिकारी सुबोध कुमार ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये केक एक सहकारी उपभोक्ता भंडार से आए थे। उनके स्तर पर गलती हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि सारे केक वापस ले लिए गए हैं। इस साल राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह जोधपुर के बरकतुल्लाह खान स्टेडियम में होगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा यहां ध्वजारोहण करेंगे। कार्यक्रम की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। अलग-अलग स्कूलों के बच्चे स्टेडियम में अभ्यास कर रहे हैं। अभ्यास के दौरान बच्चों को प्रशासन की तरफ से अल्पाहार दिया जाता है। इसी क्रम में बच्चों को केक वितरित किया गया था, जिसमें यह बड़ी चूक और लापरवाही सामने आई।
परिजनों में आक्रोश, की जांच की मांग
बताया जा रहा है कि बच्चों को दो तरह के केक दिए गए थे। एक चॉकलेट फ्लेवर का था और दूसरा पाइनएप्पल फ्लेवर का। दोनों केक के पैकेट पर लाल निशान और "एग कंटेन" (egg contain) लिखा हुआ था। ये केक सहकारिता विभाग द्वारा बांटे गए थे। इधर, मौजूद लोगों ने आरोप लगाया कि पिछले 15 दिनों से बच्चों को इसी तरह के अंडा युक्त केक दिए जा रहे थे। अगर ऐसा है, तो यह चिंता की बात है। परिजनों ने यह भी कहा कि राज्य स्तर कार्यक्रम की तैयारी करने आ रहे बच्चों में कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जो शुद्ध शाहाकारी हैं, इस लापरवाही ने उनकी धार्मिक भावना को भी आहात किया है। बीते दिन रक्षाबंधन और पूर्णिमा जैसे शुभ त्योहार भी था, ऐसे में ऐसी लापरवाही से लोग गुस्से में हैं।
परिजनों का कहना था कि अब तक इस मामले की जांच क्यों नहीं की गई? किसके आदेश पर लाल निशान वाले केक बच्चों में बांटे गए? उनका कहना है कि यह घटनाक्रम कई सवाल खड़े करता है। क्या प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं थी कि बच्चों को दिए जाने वाले केक में अंडा है? क्या बिना जांच-पड़ताल के ही केक बांट दिए गए? यह लापरवाही का मामला है या जानबूझकर की गई गलती, इसकी जांच होनी चाहिए।
जोधपुर में होगा इस बार राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह
जोधपुर में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी चल रही है। इस दौरान स्कूली बच्चों को अल्पाहार में अंडा युक्त केक दिया गया। केक पर लाल निशान था, जिससे पता चलता है कि इसमें अंडा है। बच्चों के परिजनों ने इसका विरोध किया। इसके बाद अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सारे केक वापस ले लिए। उन्हें जोधपुर नगर निगम में जमा करा दिया गया। नगर निगम के सहायक प्रशासनिक अधिकारी सुबोध कुमार ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये केक एक सहकारी उपभोक्ता भंडार से आए थे। उनके स्तर पर गलती हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि सारे केक वापस ले लिए गए हैं। इस साल राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह जोधपुर के बरकतुल्लाह खान स्टेडियम में होगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा यहां ध्वजारोहण करेंगे। कार्यक्रम की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। अलग-अलग स्कूलों के बच्चे स्टेडियम में अभ्यास कर रहे हैं। अभ्यास के दौरान बच्चों को प्रशासन की तरफ से अल्पाहार दिया जाता है। इसी क्रम में बच्चों को केक वितरित किया गया था, जिसमें यह बड़ी चूक और लापरवाही सामने आई।
परिजनों में आक्रोश, की जांच की मांग
बताया जा रहा है कि बच्चों को दो तरह के केक दिए गए थे। एक चॉकलेट फ्लेवर का था और दूसरा पाइनएप्पल फ्लेवर का। दोनों केक के पैकेट पर लाल निशान और "एग कंटेन" (egg contain) लिखा हुआ था। ये केक सहकारिता विभाग द्वारा बांटे गए थे। इधर, मौजूद लोगों ने आरोप लगाया कि पिछले 15 दिनों से बच्चों को इसी तरह के अंडा युक्त केक दिए जा रहे थे। अगर ऐसा है, तो यह चिंता की बात है। परिजनों ने यह भी कहा कि राज्य स्तर कार्यक्रम की तैयारी करने आ रहे बच्चों में कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जो शुद्ध शाहाकारी हैं, इस लापरवाही ने उनकी धार्मिक भावना को भी आहात किया है। बीते दिन रक्षाबंधन और पूर्णिमा जैसे शुभ त्योहार भी था, ऐसे में ऐसी लापरवाही से लोग गुस्से में हैं।
परिजनों का कहना था कि अब तक इस मामले की जांच क्यों नहीं की गई? किसके आदेश पर लाल निशान वाले केक बच्चों में बांटे गए? उनका कहना है कि यह घटनाक्रम कई सवाल खड़े करता है। क्या प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं थी कि बच्चों को दिए जाने वाले केक में अंडा है? क्या बिना जांच-पड़ताल के ही केक बांट दिए गए? यह लापरवाही का मामला है या जानबूझकर की गई गलती, इसकी जांच होनी चाहिए।
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