नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने एक नकली नोट गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए इसके सरगना सहित तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। ये लोग त्योहारों के मौसम के दौरान, खासकर शराब खरीदने के लिए, कथित तौर पर जाली नोट छापते और उन्हें बाजार में खपाते थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। आरोपी बच्चों के खेलने वाले नोटों पर पाए जाने वाली असली हरी पट्टी का इस्तेमाल करते थे और उन्हें कुशलता से नकली नोटों पर चिपका देते थे ताकि वे असली दिखें।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में विवेक मौर्य (32) शामिल है, जो पिछले पांच-छह साल से नकली नोट बना रहा था। इसके अलावा सरगना रवि अरोड़ा ने अपराध में मौर्य की मदद की थी और रवि का भाई राकेश अरोड़ा गिरोह को नकली नोटों के बदले असली नोट देता था।
महात्मा गांधी की तस्वीर और हरी पट्टी भीनकली नोट बनाने के लिए मौर्य एक प्रिंटर का उपयोग करता था। वह स्टांप पेपर जैसी ‘शीट’ का उपयोग करता था, जिसमें एक ही ‘शीट’ पर अत्यंत बारीकी के साथ दो नोट छापता था। नकली नोटों में हरी पट्टी और महात्मा गांधी की तस्वीर भी होती थी, जिससे वे लगभग असली लगते थे। पुलिस ने बताया कि मौर्य एक दिन में 40 नोट तक छाप लेता था। वह इस साल अप्रैल में जेल से छूटा था। रवि अरोड़ा ने उसकी जमानत की व्यवस्था की थी और उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
मौसम का फायदा उठाकर करते थे छपाईपुलिस ने बताया कि रवि भारी कर्ज में डूबा हुआ था। दो साल पहले, जब वह जेल में था, वह मौर्य के संपर्क में आया और बाद में दोनों ने मिलकर अपराध शुरू कर दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी पहले मौर्य को इसी तरह के अपराधों के लिए कई बार गिरफ्तार किया था। जांचकर्ताओं ने बताया कि गिरोह ने त्योहारों के मौसम का फायदा उठाने के लिए सितंबर के आसपास छपाई बढ़ा दी थी क्योंकि उस समय नकदी सर्वाधिक चलन में होती है।
सात लाख के नकली नोट छाप डालेजांच के मुताबिक रवि और राकेश ने इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच दिल्ली के विजय नगर इलाके में किराए के एक मकान में सात लाख रुपये मूल्य के नकली नोट छापे थे। हालांकि, मकान मालिक को शक होने के बाद उन्होंने वह जगह खाली कर दी और दोनों शाहजहांपुर में रवि के घर में नोट छापने लगे, जहां से नकली नोट जब्त किए गए हैं।
एक आरोपी तो रंगेहाथों पकड़ा गयापुलिस को पता चला कि एक और आरोपी राकेश अरोड़ा इस नेटवर्क में अहम भूमिका निभाता था और उसे एक सप्ताह तक चले अभियान में सबसे पहले गिरफ्तार किया गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद, रवि को गिरफ्तार किया गया और उसके खुलासे के आधार पर पुलिस ने मौर्य का पता लगाया। उसे कंप्यूटर और प्रिंटर का उपयोग कर नकली नोट छापते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। पुलिस ने बताया कि उनके कब्जे से 500 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 50 रुपये और 20 रुपये मूल्यवर्ग के 3,24,000 रुपये के अंकित मूल्य के नकली नोट बरामद किए गए हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में विवेक मौर्य (32) शामिल है, जो पिछले पांच-छह साल से नकली नोट बना रहा था। इसके अलावा सरगना रवि अरोड़ा ने अपराध में मौर्य की मदद की थी और रवि का भाई राकेश अरोड़ा गिरोह को नकली नोटों के बदले असली नोट देता था।
महात्मा गांधी की तस्वीर और हरी पट्टी भीनकली नोट बनाने के लिए मौर्य एक प्रिंटर का उपयोग करता था। वह स्टांप पेपर जैसी ‘शीट’ का उपयोग करता था, जिसमें एक ही ‘शीट’ पर अत्यंत बारीकी के साथ दो नोट छापता था। नकली नोटों में हरी पट्टी और महात्मा गांधी की तस्वीर भी होती थी, जिससे वे लगभग असली लगते थे। पुलिस ने बताया कि मौर्य एक दिन में 40 नोट तक छाप लेता था। वह इस साल अप्रैल में जेल से छूटा था। रवि अरोड़ा ने उसकी जमानत की व्यवस्था की थी और उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
मौसम का फायदा उठाकर करते थे छपाईपुलिस ने बताया कि रवि भारी कर्ज में डूबा हुआ था। दो साल पहले, जब वह जेल में था, वह मौर्य के संपर्क में आया और बाद में दोनों ने मिलकर अपराध शुरू कर दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी पहले मौर्य को इसी तरह के अपराधों के लिए कई बार गिरफ्तार किया था। जांचकर्ताओं ने बताया कि गिरोह ने त्योहारों के मौसम का फायदा उठाने के लिए सितंबर के आसपास छपाई बढ़ा दी थी क्योंकि उस समय नकदी सर्वाधिक चलन में होती है।
सात लाख के नकली नोट छाप डालेजांच के मुताबिक रवि और राकेश ने इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच दिल्ली के विजय नगर इलाके में किराए के एक मकान में सात लाख रुपये मूल्य के नकली नोट छापे थे। हालांकि, मकान मालिक को शक होने के बाद उन्होंने वह जगह खाली कर दी और दोनों शाहजहांपुर में रवि के घर में नोट छापने लगे, जहां से नकली नोट जब्त किए गए हैं।
एक आरोपी तो रंगेहाथों पकड़ा गयापुलिस को पता चला कि एक और आरोपी राकेश अरोड़ा इस नेटवर्क में अहम भूमिका निभाता था और उसे एक सप्ताह तक चले अभियान में सबसे पहले गिरफ्तार किया गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद, रवि को गिरफ्तार किया गया और उसके खुलासे के आधार पर पुलिस ने मौर्य का पता लगाया। उसे कंप्यूटर और प्रिंटर का उपयोग कर नकली नोट छापते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। पुलिस ने बताया कि उनके कब्जे से 500 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 50 रुपये और 20 रुपये मूल्यवर्ग के 3,24,000 रुपये के अंकित मूल्य के नकली नोट बरामद किए गए हैं।
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