सुमित शर्मा, कानपुर: यूपी के कानपुर से एक खौफनाक घटना सामने आई है। गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने वाली हैं। जिसकी वजह से ट्रेनों में भरी भीड़ देखी जा रही है। पनवेल से पनवेल एक्सप्रेस गोरखपुर जा रही थी। एक्सप्रेस ट्रेन में अचानक भीड़ घुस गई। जिसकी वजह से यात्रियों को सांस लेना मुश्किल हो गया। गर्मी की वजह से एक अधेड़ की दम घुटने से मौत हो गई। कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर अधेड़ का शव उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। इस घटना के बाद पनवेल एक्सप्रेस में हड़कंप मच गया।
पनवेल एक्सप्रेस के एस-2 कोच के यात्रियों ने रेलवे के अधिकारियों को बताया कि झांसी से स्लीपर डिब्बे में अचानक 50-60 यात्री घुस गए। इससे पहले भी कई यात्री बिना रिजर्वेशन के सफर कर रहे थे। भीड़ इस तरह बढ़ गई कि सांस लेना मुश्किल हो गया है। इस दौरान एस-2 कोच में सवार सुरेश कन्नौजिया (55) अपने बेटे और रिश्तेदार के साथ गोरखपुर के मोहना जा रहे थे। पुखरायां के पास उमस के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई।
सुरेश कन्नौजिया को घबराहट और बेचैनी होने लगी। देखते ही देखते उनकी सांसें थम गईं। यात्रियों ने इसकी सूचना ट्रेन में मौजूद आरपीएफ के जवानों को दी। आरपीएफ के जवानों ने इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी। कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-6 पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक के बेटे ने बताया कि पिता को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। ट्रेन में इतनी भीड़ थी कि सांस लेने भी दिक्कत हो रही थी। इस वजह से वह लोग जनरल टिकट लेने के बाद भी स्लीपर कोच में चढ़ गए।
अक्कू ने बताया कि ट्रेन में भीड़ इतनी थी कि अचानक तबीयत बिगड़ी हम लोग कुछ समझ पाते कि उनकी मौत हो गई। सीपीआरओ एनसीआर शशिकांत ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं आई है। पता लगाकर मामले की जांच कराई जाएगी। शव भले ही कानपुर में उतरा हो, लेकिन यह घटना पीछे के स्टेशनों की है। इसकी भी जांच कराई जाएगी।
पनवेल एक्सप्रेस के एस-2 कोच के यात्रियों ने रेलवे के अधिकारियों को बताया कि झांसी से स्लीपर डिब्बे में अचानक 50-60 यात्री घुस गए। इससे पहले भी कई यात्री बिना रिजर्वेशन के सफर कर रहे थे। भीड़ इस तरह बढ़ गई कि सांस लेना मुश्किल हो गया है। इस दौरान एस-2 कोच में सवार सुरेश कन्नौजिया (55) अपने बेटे और रिश्तेदार के साथ गोरखपुर के मोहना जा रहे थे। पुखरायां के पास उमस के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई।
सुरेश कन्नौजिया को घबराहट और बेचैनी होने लगी। देखते ही देखते उनकी सांसें थम गईं। यात्रियों ने इसकी सूचना ट्रेन में मौजूद आरपीएफ के जवानों को दी। आरपीएफ के जवानों ने इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी। कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-6 पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक के बेटे ने बताया कि पिता को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। ट्रेन में इतनी भीड़ थी कि सांस लेने भी दिक्कत हो रही थी। इस वजह से वह लोग जनरल टिकट लेने के बाद भी स्लीपर कोच में चढ़ गए।
अक्कू ने बताया कि ट्रेन में भीड़ इतनी थी कि अचानक तबीयत बिगड़ी हम लोग कुछ समझ पाते कि उनकी मौत हो गई। सीपीआरओ एनसीआर शशिकांत ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं आई है। पता लगाकर मामले की जांच कराई जाएगी। शव भले ही कानपुर में उतरा हो, लेकिन यह घटना पीछे के स्टेशनों की है। इसकी भी जांच कराई जाएगी।