पटना: QR कोड स्कैन करने से सिर्फ पेमेंट ही नहीं होता, अब कांग्रेस का टिकट भी मिल सकता है। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने टिकट देने का नया तरीका निकाला है। इस बार टिकट के लिए आवेदन करने के लिए QR कोड जारी किया गया है। इस QR कोड को स्कैन करके एक फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म को भरकर कोई भी चुनाव में टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकता है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इससे आम लोगों के साथ उनका संपर्क बढ़ेगा और योग्य उम्मीदवार को टिकट मिलने का मौका मिलेगा। बिहार ऐसा पहला राज्य है, जहां कांग्रेस ने टिकट के लिए QR कोड व्यवस्था की है। टिकट मिले या न मिले, इससे एक फायदा होगा कि अब अपनी बायोडेटा को सीधे आलाकमान तक पहुंचा सकते हैं। कांग्रेस से टिकट चाहिए तो QR कोड जरूरीकांग्रेस पार्टी ने बिहार में पहली बार इस तरह की व्यवस्था की है। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। यह आइडिया बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम का है। उनका कहना है कि इससे आम लोगों से पार्टी का जुड़ाव बढ़ेगा। राजेश राम ने बताया कि कोई भी व्यक्ति इस QR कोड से कहीं से भी आवेदन कर सकता है। आवेदन करने वाले को फॉर्म में कुछ जरूरी जानकारी भरनी होगी। इसके बाद ही उसका आवेदन स्वीकार किया जाएगा। इससे ये भी पता चलेगा कि कार्यकर्ताओं ने अपने इलाके में कितने विरोध प्रदर्शन किए हैं। उन्होंने जनता को उन प्रदर्शनों से कैसे जोड़ा और उनसे क्या बातें सामने आईं। जान-पहचान नहीं है तो भी मिलेगा टिकटराजेश राम ने कहा कि इससे पता चलेगा कि किस क्षेत्र में कितने नए और पुराने उम्मीदवार हैं। सबसे अच्छा काम करने वालों को चुना जाएगा। उसी के आधार पर टिकट देने का फैसला होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास वही लोग पहुंच पाते हैं, जिनकी हम तक पहुंच है। इसका मतलब है कि अक्सर पार्टी तक वही लोग पहुंच पाते हैं जो पहले से ही पार्टी में जान-पहचान रखते हैं। 'QR कोड हम तक पहुंचाने का बेहतर जरिया'बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम के मुताबिक कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हैं, लेकिन वे पार्टी तक नहीं पहुंच पाते। ये QR कोड उन लोगों के लिए एक अच्छा तरीका है पार्टी तक पहुंचने का। इससे आम लोगों के साथ पार्टी का संपर्क बढ़ेगा। उन्होंने कहा, 'यह QR कोड हम तक पहुंचाने का एक बेहतर जरिया है। इससे हमारा आम लोगों के साथ इंटरेक्शन बढ़ेगा। QR कोड उन लोगों की मदद करेगा जो पार्टी तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं।' QR कोड स्कैन के बाद मांगी जाने वाली जानकारी
- आवेदक का नाम
- जिला
- विधानसभा
- आवेदक का मोबाइल नंबर
- आवेदक का पता
- जन आक्रोश मीटिंगों की संख्या
- जन आक्रोश मीटिंगों की 5 फोटो
- सामुदायिक मीटिंगों की संख्या
- सामुदायिक मीटिंगों की 5 फोटो
- फेसबुक फॉलोअर की संख्या
- फेसबुक पेज का लिंक
- इंस्टाग्राम फॉलोअर की संख्या
- इंस्टाग्राम का लिंक डालिए
- आवेदक का बायोडाटा
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