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जलालुद्दीन के अवैध धर्मांतरण का मायाजाल: महिलाओं को फंसाने के लिए रेप, ब्लैकमेलिंग, नीतू की दो सहयोगी कौन?

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बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से आए अवैध धर्मांतरण के बड़े मामले ने प्रदेश में राजनीतिक सियासत को गर्मा दिया है। इस पूरे मसले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने तेवर कड़े कर लिए हैं। अवैध धर्मांतरण के खेल में लगने वाले आरोपियों को किसी भी स्थिति में बख्शे नहीं जाने की बात कही जा रही है। वहीं, धर्मांतरण गैंग के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन पर शिकंजा कसता जा रहा है। यूपी एटीएस और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम लगातार मामले की जांच में जुटी हुई है। इस क्रम में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के महिलाओं को अवैध धर्मांतरण के खेल में फंसाने के पूरे खेल का खुलासा हुआ है।



छांगुर बाबा महिलाओं के धर्म परिवर्तन पर सबसे अधिक जोड़ देता था। उनके जरिए वह पूरे परिवार को धर्म बदलने के लिए मजबूर करता था। जांच में सामने आया है कि जो महिलाएं धर्मांतरण के लिए राजी नहीं होती थी, उनका रेप कर वीडियो बनाया जाता था। वीडियो वायरल करने का दबाव बनाकर उन्हें धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जाता था। महिलाओं के धर्मांतरण का काम महिलाओं को ही सौंपे जाते थे।



धर्मांतरण के बाद मधुपुर आगमनजांच में सामने आया है कि धर्मांतरण के बाद महिलाओं और युवतियों को छांगुर से मिलवाने मधुपुर लाया जाता था। धर्मांतरण का केंद्र बिंदु उतरौला कोतवाली का मधुपुर गांव था। यहीं बैठकर जलालुद्दीन उर्फ छांगुर का नेटवर्क पूरे देश में चल रहा था। नाम बदलकर मुस्लिम युवक हिंदू घर की महिलाओं और युवतियों को प्रेम जाल में फंसा कर उनका धर्मांतरण करते थे। 1500 में से लगभग 700 महिलाओं का धर्मांतरण अकेले नीतू रोहरा उर्फ नसरीन के जरिए कराए जाने की बात सामने आई है।



धर्मांतरण के लिए तीन सेक्शनधर्मांतरण के लिए छांगुर ने तीन सेक्शन बनाए थे। पहले सेक्शन में महिलाओं को शामिल किया गया था। वह गरीब और अनुसूचित जाति की महिलाओं को अपने जाल में फंसाकर धर्मांतरण कराती थी। दूसरे सेक्शन में युवतियों को रखा गया था। वे देह व्यापार में लिप्त गरीब युवतियों को फंसाकर धर्मांतरण करवाती थी। तीसरे सेक्शन में मुस्लिम युवकों को रखा गया था। वे नाम बदलकर हिंदू युवतियों को प्रेम जाल में फंसा कर धर्म परिवर्तन कराते थे।



युवकों के प्रेम जाल में फंसी युवतियां अगर धर्मांतरण के लिए तैयार नहीं होती थी तो उनके साथ रेप किया जाता था। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जाता था। वीडियो का क्लिप जलालुद्दीन को भेजा जाता था। लोक लाज के दर से युवतियां कुछ भी करने को तैयार हो जाती थी।



औरैया जिले में छांगुर गिरोह के सदस्य मेराज ने रूद्र नाम रखकर एक युवती को अपने प्रेम जाल में फसाया था। पिता की शराब छुड़वाने का बहाना बनाकर युवती को छांगुर से मिलाया गया। बाद में उसे इस्लाम ग्रहण करने के लिए समझाया गया। बात न मानने पर मेराज, उसके भाई और पिता ने मिलकर उसका रेप किया। उसका वीडियो बना लिया। इसके बाद ब्लैकमेल कर उसे मधुपुर लाया गया। यहां एक धार्मिक स्थल पर उसका निकाह मेराज से कर दिया गया। बाद में युवती मौका देखकर भाग निकली।



फर्जी पासपोर्ट का आया मामलाजलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के तिलिस्मी राज से हो रहे खुलासों में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एटीएस छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन, नीतू के पति नवीन रोहरा, बेटी समारे वोहरा के पासपोर्ट की जांच कर रही है। जांच में सामने आया है कि नीतू, नवीन और उसकी बेटी का धर्मांतरण दुबई में 16 नवंबर 2015 को कराया गया था। उस समय छांगुर भी दुबई गया हुआ था। हालांकि, इस अवधि में उसकी दुबई यात्रा का कोई डिटेल नहीं मिला है। इस खुलासे पर एसटीएफ और एटीएस भी हैरान है।



अब जांच की जा रही है कि ये लोग किस पासपोर्ट पर दुबई गए थे। छांगुर के बारे में तो साफ हुआ है कि उसके दो पासपोर्ट हो सकते हैं। फर्जी पासपोर्ट पर उसके और नीतू के दुबई जाने की बात सामने आ रही है। जांच में पता चला कि नवीन नीतू और उनकी बेटी समारे रोहरा का धर्मांतरण दुबई के अल फारुक उमर बिन खताब सेंटर में कराया गया।



इसकी जानकारी कोठी से बरामद दुबई सरकार के इस्लामी अफेयर एवं चैरिटेबल एक्टिविटी डिपार्टमेंट की ओर से जारी प्रमाण पत्र से हुआ है। नीतू और नवीन के धर्मांतरण के संबंध में बनाए गए शपथ पत्र में बेटी समारे के भी 16 नवंबर 2015 को इस्लाम कबूल करने की बात लिखी है। 30 अक्टूबर 2021 को एक सांध्य दैनिक में धर्म बदलने के बाद नाम बदलने का विज्ञापन भी दिया गया। हालांकि, इसमें केवल नीतू और नवीन के ही इस्लाम कबूल करने की घोषणा की गई है।



नीतू की दो सहयोगी कौन?जलालुद्दीन ने धर्म परिवर्तन कर चुकी महिलाओं को ही लोगों को फंसाने की जिम्मेदारी दे रखी थी। नीतू उर्फ नसरीन के बाद दो अन्य महिलाएं भी एटीएस के रेडार पर हैं। इन दोनों महिलाओं ने छांगुर के जाल में फंसकर इस्लाम धर्म कबूल किया था। एक धर्म बौद्ध धर्म के अनुयायी रही है। वहीं, दूसरी मुंबई की रहने वाली है। धर्मांतरण प्रकरण के तूल पकड़ने के बाद से दोनों महिलाएं गायब हैं। जांच एजेंसियों को नीतू की इन दोनों सहयोगियों की तलाश है। दरअसल, बलरामपुर जिले और उसके आसपास के इलाकों से मुंबई और दूसरे महानगरों में बड़ी संख्या में युवा रोजगार के सिलसिले में जाते हैं।



छांगुर के नेटवर्क में शामिल महिलाएं युवकों से संपर्क कर अपनी जान-पहचान की किशोरी और युवतियों से दोस्ती करने के लिए कहती थी। ये महिलाएं खुद लड़कियों का पता और फोन नंबर भी उपलब्ध कराती थी। इससे संपर्क कर युवक उनसे शादी कर धर्म परिवर्तन कर लेते थे। शादी के बाद ये लोग अपने गांव लौटते थे। वहां पत्नी को छोड़कर दोबारा काम पर निकल जाते थे। इन लड़कियों की आर्थिक मदद छांगुर की टीम करती थी। इसमें आधा दर्जन महिलाएं ऐसी थी, जो रोज प्लानिंग करती थी।

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मधुपुर निवासी एक बुजुर्ग का कहना है कि इतना गलत हो रहा था पर कोई शिकायत पर सुनवाई नहीं हो रही थी। प्रशासन चुप रहा। महिलाएं और युवतियां छांगुर के संपर्क में आकर धर्म परिवर्तन के मिशन में लगी हुई थी। उनको पैसा मिलता था। लोगों का कहना है कि छांगुर उन सभी महिलाओं की आर्थिक मार्ग पर करता था जो धर्म परिवर्तन कर चुकी थी। लंबे समय से यहां ये खेल चल रहा था।

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