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न्यायपालिका पर कमेंट कर बुरे फंसे डॉ. विकास दिव्यकीर्ति! पहुंचे HC के शरण में, जानें मामला

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जयपुर: अजमेर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पिछले दिनों दृष्टि कोचिंग के संचालक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं। पिछले दिनों अजमेर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट विकास दिव्यकीर्ति को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे। उन्हें 22 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए गए थे। अजमेर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के वकील ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। मामले की सुनवाई सोमवार 21 जुलाई को होनी है।



किसी की भावना को आहत नहीं किया - एडवोकेट पुनीत सिंघवीविकास दिव्यकीर्ति की ओर से उनके वकील पुनीत सिंघवी ने राजस्थान हाईकोर्ट में अपील दायर की है। अपील में एडवोकेट पुनीत सिंघवी ने कहा कि हमने किसी भी भावना को आहत नहीं किया है। एडवोकेट सिंघवी के मुताबिक अजमेर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में उनके खिलाफ जो क्रिमिनल प्रोसिडिंग शुरू की है, वह पूरी तरह से गलत है। उनका कहना है कि कोचिंग क्लास में छात्र छात्राओं को विषय विशेष के बारे समझाया जा रहा था। उस वक्त सहज भाव से समझाने के लिए सामान्य बातें कही गई जिसे गलत तरीके से ले लिया गया।



कोचिंग क्लास का वायरल वीडियो बना आधारडॉ. विकास दिव्यकीर्ति की ओर से कोचिंग क्लास में छात्र छात्राओं को पढाए जाने के दौरान सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों के बारे में समझाया जा रहा था। जज और आईएएस अधिकारियों के पावर के साथ यह भी बताया जा रहा था कि ज्यादा पावरफुल कौन है। कोचिंग क्लास का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उस वीडियो को आधार बनाकर अजमेर कोर्ट के वकील कमलेश मंडोलिया ने शिकायत दर्ज कराई। मंडोलिया की शिकायत पर न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 के पीठासीन अधिकारी मनमोहन चंदेल की अदालत ने विकास दिव्यकीर्ति को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए। एडवोकेट अशोक सिंह रावत का कहना है कि वायरल वीडियो में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति द्वारा न्यायिक प्रक्रिया के लिए अपमानजनक और व्यंग्यात्मक टिप्पणियां की।
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