ज्योति शर्मा, मथुरा: वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही भक्तों के लिए दर्शन के समय में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। ठाकुर बांके बिहारी हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी के आदेश के बाद यह नया टाइम टेबल तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
नए नियमों के अनुसार, अब ठाकुर जी के दर्शन सुबह देर से शुरू होंगे और रात में देर तक जारी रहेंगे, जिससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक समय मिल सकेगा। मंदिर के कपाट अब सुबह 8:00 बजे खुलेंगे और दोपहर 1:30 बजे तक लगातार भक्तों को दर्शन होंगे। दोपहर के विश्राम के बाद मंदिर शाम 4:00 बजे दोबारा खुलेगा और रात्रि 9:00 बजे तक दर्शन जारी रहेंगे।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शीतकाल में भी अधिक से अधिक श्रद्धालु सुविधाजनक रूप से ठाकुर बांके बिहारी जी के दर्शन कर सकें। इसके साथ ही आरती के समय में भी परिवर्तन किया गया है। नए शेड्यूल के अनुसार, श्रृंगार आरती सुबह 8:00 बजे से 8:15 बजे तक होगी। वहीं, राजभोग आरती दोपहर 1:25 बजे होगी, जिसके तुरंत बाद दोपहर के लिए पट बंद कर दिए जाएंगे।
मंदिर प्रबंधन ने भक्तों से अपील की है कि वे असुविधा से बचने के लिए नए समय सारणी का पालन करें। इस परिवर्तन से दर्शन के लिए उपलब्ध कुल समय में वृद्धि हुई है, जिससे मंदिर के बाहर लगने वाली भीड़ को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।
नए नियमों के अनुसार, अब ठाकुर जी के दर्शन सुबह देर से शुरू होंगे और रात में देर तक जारी रहेंगे, जिससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक समय मिल सकेगा। मंदिर के कपाट अब सुबह 8:00 बजे खुलेंगे और दोपहर 1:30 बजे तक लगातार भक्तों को दर्शन होंगे। दोपहर के विश्राम के बाद मंदिर शाम 4:00 बजे दोबारा खुलेगा और रात्रि 9:00 बजे तक दर्शन जारी रहेंगे।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शीतकाल में भी अधिक से अधिक श्रद्धालु सुविधाजनक रूप से ठाकुर बांके बिहारी जी के दर्शन कर सकें। इसके साथ ही आरती के समय में भी परिवर्तन किया गया है। नए शेड्यूल के अनुसार, श्रृंगार आरती सुबह 8:00 बजे से 8:15 बजे तक होगी। वहीं, राजभोग आरती दोपहर 1:25 बजे होगी, जिसके तुरंत बाद दोपहर के लिए पट बंद कर दिए जाएंगे।
मंदिर प्रबंधन ने भक्तों से अपील की है कि वे असुविधा से बचने के लिए नए समय सारणी का पालन करें। इस परिवर्तन से दर्शन के लिए उपलब्ध कुल समय में वृद्धि हुई है, जिससे मंदिर के बाहर लगने वाली भीड़ को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।
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