दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां छात्रों को डिग्री मिलने के बाद पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा दिया जाता है। हालांकि, हर देश अच्छा हो, इस बात की गारंटी नहीं है। जैसे अमेरिका और ब्रिटेन में भी स्टूडेंट्स को वर्क वीजा मिलता है, लेकिन यहां जॉब के हालात काफी खराब हैं। ऐसे में आइए उन पांच देशों के बारे में जानते हैं, जहां छात्र आसानी से पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा पा सकते हैं। साथ ही साथ उनके लिए इन देशों में जॉब के अवसर भी काफी ज्यादा हैं।
कनाडा

कनाडा भारतीय और विदेशी छात्रों के लिए सबसे पॉपुलर स्टडी अब्रॉड डेस्टिनेशन में से एक है। कनाडाई यूनिवर्सिटीज अपने को-ऑप प्रोग्राम के लिए जानी जाती हैं, जहां स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ-साथ उनके कोर्स से जुड़ी फील्ड में काम करने का मौका मिलता है। इस दौरान उन्हें पैसे भी दिए जाते हैं। इसके अलावा कनाडा में डिग्री मिलने के बाद पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) भी दिया जाता है, जो स्टूडेंट्स को तीन साल तक जॉब की इजाजत देता है। (Pexels)
जर्मनी

इस लिस्ट में दूसरा नाम जर्मनी का है, जो STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स) फील्ड की पढ़ाई के लिए बेस्ट देश है। यहां की सरकारी यूनिवर्सिटीज में कोई फीस भी नहीं ली जाती है। इंजीनियरिंग और अप्लाइड साइंस जैसे डिग्री प्रोग्राम में अनिवार्य इंटर्नशिप का भी ऑप्शन दिया जाता है। ये इंटर्नशिप कई बार लॉन्ग-टर्म जॉब ऑफर में भी तब्दील हो जाते हैं। ग्रेजुएशन के बाद छात्रों को 18 महीने का रेजिडेंस परमिट मिलता है, जिससे वे जॉब ढूंढ पाएं। (Pexels)
नीदरलैंड
यूरोपियन एजुकेशन के साथ जॉब की चाहत रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए नीदरलैंड बेस्ट देश है। यहां पढ़ने का सबसे बड़ा फायदा 'ओरिएंटेशन ईयर' वीजा है, जो इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को डिग्री पूरी करने के बाद काम की तलाश के लिए 12 महीने तक देश में रहने की इजाजत देता है। ज्यादातर यूनिवर्सिटीज में डच भाषा में पढ़ाई करवाई जाती है, जिससे स्टूडेंट्स कई फील्ड में आसानी से जॉब भी कर पाते हैं। यहां इंटर्नशिप के बाद जॉब मिलने का चांस सबसे ज्यादा होता है। (Pexels)
ऑस्ट्रेलिया
पढ़ाई के बाद जॉब करने की सोच रहे छात्रों के लिए ऑस्ट्रेलिया काफी अच्छा देश है। कई डिग्री प्रोग्रामों में वर्क-इंटीग्रेटेड लर्निंग (WIL) शामिल है, जहां छात्रों को इंटर्नशिप, प्लेसमेंट और इंडस्ट्री प्रोजेक्ट के जरिए असल दुनिया का एक्सपीरियंस मिलता है। ग्रेजुएशन के बाद स्टूडेंट 'टेंपरेरी ग्रेजुएट वीजा' के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जो उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर दो से चार साल तक ऑस्ट्रेलिया में रहने और काम करने की इजाजत देता है। (Pexels)
सिंगापुर

सिंगापुर भले ही साइज में छोटा देश है, लेकिन यहां जॉब के काफी ज्यादा अवसर हैं। एशिया के सबसे बड़े बिजनेस और टेक्नोलॉजी हब में से एक के रूप में सिंगापुर Google, Grab और DBS जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों का घर है। ये कंपनियां स्थानीय यूनिवर्सिटीज से इंटर्न की भर्ती करती हैं। फिनटेक, लॉजिस्टिक और AI जैसी फील्ड में इंटर्नशिप मिलने के बाद जॉब पाना भी आसान हो जाता है। (Pexels)
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