फिल्म 'जंजीर' को न सिर्फ भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक कल्ट हिट माना जाता है, बल्कि यह अमिताभ बच्चन के करियर के लिए भी वरदान मानी जाती है। इस फिल्म ने अमिताभ बच्चन के डूबे करियर को नया जन्म दिया था, जो उस वक्त 16 फ्लॉप फिल्में दे चुके थे। सलीम-जावेद की लिखी 'जंजीर' ने अमिताभ बच्चन को 'एंग्री यंग मैन' के रूप में जन्म दिया। लेकिन एक्टर रजा मुराद का मानना है कि आज अमिताभ जिस मुकाम पर हैं, और जो कुछ भी बने हैं वह उनके लक की वजह से है।
रजा मुराद ने हाल ही 'फिल्मी चर्चा' को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि इंडस्ट्री में सफल होने के लिए 90% किस्मत की जरूरत होती है। इसके लिए उन्होंने अमिताभ बच्चन का उदाहरण दिया। उनकी जिंदगी एक ही फिल्म (जंजीर) से रातोंरात बदल गई थी।
रजा मुराद ने बताया 16 फ्लॉप के बाद कैसे बदली अमिताभ की किस्मत
रजा मुराद ने बताया, 'अमिताभ बच्चन को 'दुनिया का मेला' से निकाल दिया गया। मेकर्स ने उनकी जगह संजय खान को ले लिया। उनकी 16 फिल्में फ्लॉप रहीं। डिस्ट्रिब्यूटर्स ने कहा कि अगर वो किसी फिल्म में काम करेंगे तो कोई भी थिएटर्स में नहीं आएगा। उस समय उनकी किस्मत उनके साथ नहीं थी। लेकिन जब किस्मत ने उनका साथ दिया तो सब ठीक हो गया।'
सबने रिजेक्ट की 'जंजीर', जया भादुड़ी ने अमिताभ बच्चन के लिए की थी सिफारिश
रजा मुराद ने आगे कहा, 'जब प्रकाश मेहरा फिल्म 'जंजीर' बनाना चाहते थे, तो वह दिलीप कुमार, धर्मेंद्र, देव आनंद और राजकुमार के पास गए, पर सभी ने किसी न किसी कारण से मना कर दिया। फिल्म की कहानी हीरो के इर्द-गिर्द घूमती थी, फिर भी इन सुपरस्टार्स ने इसे रिजेक्ट कर दिया। कोई नहीं जानता कि क्यों, लेकिन यह कहा जा सकता है कि किस्मत ने अमिताभ बच्चन को फिल्म का हीरो बनाना चाहा। जब कोई उन्हें नहीं चाहता था, और प्रकाश मेहरा के पास कोई विकल्प नहीं था, तो जया भादुड़ी ने डायरेक्टर से अमिताभ बच्चन को लेने की सिफारिश की।'
अमिताभ के साथ-साथ सलीम-जावेद का भी करियर बदला
'जंजीर' सिर्फ अमिताभ बच्चन ही नहीं, बल्कि सलीम-जावेद के करियर में भी अहम मील का पत्थर साबित हुई थी। यह सलीम-जावेद की साथ में पहली फिल्म थी। फिल्म के डायलॉग्स भी जबरदस्त हिट रहे थे। 'जंजीर' साल 1973 में रिलीज हुई थी और उस साल की सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्मों में शुमार रही।
रजा मुराद ने हाल ही 'फिल्मी चर्चा' को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि इंडस्ट्री में सफल होने के लिए 90% किस्मत की जरूरत होती है। इसके लिए उन्होंने अमिताभ बच्चन का उदाहरण दिया। उनकी जिंदगी एक ही फिल्म (जंजीर) से रातोंरात बदल गई थी।
रजा मुराद ने बताया 16 फ्लॉप के बाद कैसे बदली अमिताभ की किस्मत
रजा मुराद ने बताया, 'अमिताभ बच्चन को 'दुनिया का मेला' से निकाल दिया गया। मेकर्स ने उनकी जगह संजय खान को ले लिया। उनकी 16 फिल्में फ्लॉप रहीं। डिस्ट्रिब्यूटर्स ने कहा कि अगर वो किसी फिल्म में काम करेंगे तो कोई भी थिएटर्स में नहीं आएगा। उस समय उनकी किस्मत उनके साथ नहीं थी। लेकिन जब किस्मत ने उनका साथ दिया तो सब ठीक हो गया।'
सबने रिजेक्ट की 'जंजीर', जया भादुड़ी ने अमिताभ बच्चन के लिए की थी सिफारिश
रजा मुराद ने आगे कहा, 'जब प्रकाश मेहरा फिल्म 'जंजीर' बनाना चाहते थे, तो वह दिलीप कुमार, धर्मेंद्र, देव आनंद और राजकुमार के पास गए, पर सभी ने किसी न किसी कारण से मना कर दिया। फिल्म की कहानी हीरो के इर्द-गिर्द घूमती थी, फिर भी इन सुपरस्टार्स ने इसे रिजेक्ट कर दिया। कोई नहीं जानता कि क्यों, लेकिन यह कहा जा सकता है कि किस्मत ने अमिताभ बच्चन को फिल्म का हीरो बनाना चाहा। जब कोई उन्हें नहीं चाहता था, और प्रकाश मेहरा के पास कोई विकल्प नहीं था, तो जया भादुड़ी ने डायरेक्टर से अमिताभ बच्चन को लेने की सिफारिश की।'
अमिताभ के साथ-साथ सलीम-जावेद का भी करियर बदला
'जंजीर' सिर्फ अमिताभ बच्चन ही नहीं, बल्कि सलीम-जावेद के करियर में भी अहम मील का पत्थर साबित हुई थी। यह सलीम-जावेद की साथ में पहली फिल्म थी। फिल्म के डायलॉग्स भी जबरदस्त हिट रहे थे। 'जंजीर' साल 1973 में रिलीज हुई थी और उस साल की सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्मों में शुमार रही।
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