लखनऊ: बंगाल की खाड़ी में उठे मोंथा तूफान ने यूपी के मौसम को 24 घंटों में बदल दिया। सोमवार को प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश की शुरुआत हुई। वाराणसी में 5 घंटे तक बारिश होती रही। इससे न्यूनतम तापमान में बड़ी गिरावट आई।
मोंथा चक्रवात को लेकर वाराणसी और आसपास के क्षेत्र में 29 तारीख को लेकर मौसम विभाग की तरफ से बारिश का अलर्ट है। हालांकि संध्या अर्घ्य (सोमवार) की शाम करीब 8 बजे से लेकर 9 बजे तक अलग अलग इलाकों में बारिश भी हुई थी। मंगलवार की सुबह भी आसमान साफ नहीं था और सूर्य उदय भी करीब 7 बजे हुआ। मौसम विभाग ने 29 तारीख को भी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
रायबरेली जिले में सोमवार को मौसम ने करवट ली जिले में कई जगह पर बूंदाबांदी और बरसात भी हुई और ठंडी हवाएं चलीं। पूरे दिन मौसम में बदलाव देखने को मिला और बादल छाए रहे। सूर्य की रोशनी देखने को आम जनमानस तरस गया था। लोगों को अहसास हुआ कि अब मौसम के बदलाव होने के बाद अब ठंड ज्यादा बढ़ेगी पड़ेगी।
महोबा जिले में सोमवार को दिनभर हुई रिमझिम बारिश ने ठंडक का एहसास कराया है। जहां आज मंगलवार को बादलों के बीच हल्की धूप अठखेलियां करती नजर आ रही है। कल की बारिश के बाद बुंदेलखंड में ठंड बढ़ गई है।
उत्तर प्रदेश में चक्रवात मोंथा के कारण मौसम में बड़ा बदलाव आया है। बंगाल की खाड़ी में बनने वाले मोंथा चक्रवात और अरब सागर में बने डिप्रेशन के प्रभाव से प्रदेश में बादलों की सक्रियता बढ़ गई है, जिसके चलते कई जिलों में बेमौसम बारिश और गरज के साथ मेघगर्जन की संभावना जताई गई है। इस कारण अक्टूबर के अंतिम हफ्ते में तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आई है और ठंड बढ़ने लगी है।
मौसम विभाग ने पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों, जैसे कि जालौन, झांसी, ललितपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, बहराइच, और आगरा में बारिश की चेतावनी जारी की है। साथ ही कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ वज्रपात और मेघगर्जन की संभावना भी बताई गई है। किसानों को फसलों को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
चक्रवात मोंथा आंध्र प्रदेश के तट से टकराने के बाद कमजोर होकर प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश कर सकता है, जिससे छठ पर्व के दौरान भी मौसम में अनिश्चितता बनी रहेगी। प्रशासन ने आवश्यक तैयारियां कर ली हैं ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत राहत कार्य किये जा सकें। इस बदलाव ने मौसम को ठंडा और नमीयुक्त बना दिया है, जिससे लोगों को मौसम के लिहाज से सावधानी बरतनी होगी।
हालांकि मोंथा सीधे उत्तर प्रदेश से नहीं होकर बंगाल की खाड़ी व तटीय क्षेत्रों से असर दिखा रहा है, लेकिन उसकी नमी एवं वायुमंडलीय गतिविधि उत्तर-भारत तक पहुंच रही है। इस कारण, प्रदेश में सामान्य-से अधिक बादल, हल्की वर्षा, तेज हवाएं और गरज-चमक देखने को मिल सकती है।
मोंथा चक्रवात को लेकर वाराणसी और आसपास के क्षेत्र में 29 तारीख को लेकर मौसम विभाग की तरफ से बारिश का अलर्ट है। हालांकि संध्या अर्घ्य (सोमवार) की शाम करीब 8 बजे से लेकर 9 बजे तक अलग अलग इलाकों में बारिश भी हुई थी। मंगलवार की सुबह भी आसमान साफ नहीं था और सूर्य उदय भी करीब 7 बजे हुआ। मौसम विभाग ने 29 तारीख को भी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
रायबरेली जिले में सोमवार को मौसम ने करवट ली जिले में कई जगह पर बूंदाबांदी और बरसात भी हुई और ठंडी हवाएं चलीं। पूरे दिन मौसम में बदलाव देखने को मिला और बादल छाए रहे। सूर्य की रोशनी देखने को आम जनमानस तरस गया था। लोगों को अहसास हुआ कि अब मौसम के बदलाव होने के बाद अब ठंड ज्यादा बढ़ेगी पड़ेगी।
महोबा जिले में सोमवार को दिनभर हुई रिमझिम बारिश ने ठंडक का एहसास कराया है। जहां आज मंगलवार को बादलों के बीच हल्की धूप अठखेलियां करती नजर आ रही है। कल की बारिश के बाद बुंदेलखंड में ठंड बढ़ गई है।
उत्तर प्रदेश में चक्रवात मोंथा के कारण मौसम में बड़ा बदलाव आया है। बंगाल की खाड़ी में बनने वाले मोंथा चक्रवात और अरब सागर में बने डिप्रेशन के प्रभाव से प्रदेश में बादलों की सक्रियता बढ़ गई है, जिसके चलते कई जिलों में बेमौसम बारिश और गरज के साथ मेघगर्जन की संभावना जताई गई है। इस कारण अक्टूबर के अंतिम हफ्ते में तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आई है और ठंड बढ़ने लगी है।
मौसम विभाग ने पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों, जैसे कि जालौन, झांसी, ललितपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, बहराइच, और आगरा में बारिश की चेतावनी जारी की है। साथ ही कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ वज्रपात और मेघगर्जन की संभावना भी बताई गई है। किसानों को फसलों को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
चक्रवात मोंथा आंध्र प्रदेश के तट से टकराने के बाद कमजोर होकर प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश कर सकता है, जिससे छठ पर्व के दौरान भी मौसम में अनिश्चितता बनी रहेगी। प्रशासन ने आवश्यक तैयारियां कर ली हैं ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत राहत कार्य किये जा सकें। इस बदलाव ने मौसम को ठंडा और नमीयुक्त बना दिया है, जिससे लोगों को मौसम के लिहाज से सावधानी बरतनी होगी।
हालांकि मोंथा सीधे उत्तर प्रदेश से नहीं होकर बंगाल की खाड़ी व तटीय क्षेत्रों से असर दिखा रहा है, लेकिन उसकी नमी एवं वायुमंडलीय गतिविधि उत्तर-भारत तक पहुंच रही है। इस कारण, प्रदेश में सामान्य-से अधिक बादल, हल्की वर्षा, तेज हवाएं और गरज-चमक देखने को मिल सकती है।
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