नई दिल्ली: 11 मई, 1999 को carnegieendowment.org पर एक स्टोरी छपी। इसमें कहा गया था कि चीन अब अमेरिका के बारे में अपनी असली सोच दिखा रहा है। चीन के कुछ बड़े विदेशी और सैन्य विशेषज्ञों ने यह रिपोर्ट बनाई थी। अमेरिका के Carnegie Endowment for International Peace के पूर्व एसोसिएट रहे Robert Kagan ने उस रिपोर्ट के हवाले से अपने एक लेख में कहा था कि अमेरिका परंपरागत रूप से चीन का अंतरराष्ट्रीय कट्टर दुश्मन है। जब चीन की सेना युद्ध का अभ्यास करती है, तो उनका मुख्य विरोधी अमेरिका ही होता है। जब चीन के नेता अपने सपने देखते हैं जैसे ताइवान पर कब्जा करना और पूर्वी एशिया में सबसे ताकतवर बनना तो उन्हें अमेरिका ही सबसे बड़ी रुकावट दिखता है। चीन ने वैसे तो कई दुश्मन बना रखे हैं, जिसमें भारत, ताइवान, फिलीपींस समेत कई देश हैं, जिनके साथ उसका अक्सर विवाद होता रहता है। दरअसल, चीन अपने दुश्मनों के खिलाफ 36 चाल की रणनीति अपनाता है। ये रणनीतियां भारत के चर्चित चाणक्य नीति की तरह ही हैं। वेडनेसडे बिग टिकट में इसे समझते हैं।
चीन किसे मानता है अपना सबसे बड़ा दुश्मन
रॉबर्ट केगान ने एक किताब भी लिखी थी-The Return of History and the End of Dreams। उनका कहना था कि दरअसल, अमेरिका एशिया-प्रशांत में सबसे आगे रहना चाहता है। चीन को लगता है कि उनके सपने अमेरिका के हितों से टकराते हैं। रॉबर्ट केगान कहते हैं कि चीन, अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है और हमें भी अब इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए। अमेरिका को चीन के साथ अपने रिश्तों पर फिर से विचार करना चाहिए। दरअसल, 2012 से जब से शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति बने हैं तो उन्होंने चीन को दुनिया का सुपर पॉवर बनाने के लिए कमर कस ली है। हालांकि, चीन के दबदबे को रोकने के लिए अमेरिका ने चीन के खिलाफ ट्रेड वॉर छेड़ रखा है और उस पर भारी-भरकम टैरिफ लगाएं हैं।
चीन-भारत के बीच सबसे बड़ा विवाद सीमाओं का
चीन और भारत के बीच लगभग 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है, जिसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) कहा जाता है, जिस पर दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय विवाद है। यह विवाद मुख्य रूप से लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में है। अरुणाचल प्रदेश को चीन दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। चूंकि तिब्बत पर उसका अधिकार है तो वह अरुणाचल पर भी अपना दावा ठोंकता है। हालांकि, भारत ने कई बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। चीन ने हिंदी-चीनी भाई-भाई के नारे के दौरान धोखा दिया और 1962 में भारत को चीन ने युद्ध में झोंक दिया। 2020 का गलवान घाटी संघर्ष और सीमा पर लगातार तनाव दोनों देशों के बीच अविश्वास और शत्रुता को बढ़ाते हैं।
चाणक्य जैसी नीतियां चीन की 36 चालों में हैं
चीन के एक लेखक हुए हैं-गाओ युआन। उनकी किताब का नाम है-लुअर द टाइगर आउट ऑफ द माउंटेंस: द 36 स्ट्रैटेजम्स ऑफ एंशिएंट चाइना। यह किताब चीन की 36 चालों के बारे में बताती है। चीन की ये चालें मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री रहे कौटिल्य यानी चाणक्य की नीतियों की तरह ही हैं। कुछ प्रमुख चालों के बारे में समझते हैं।
साम, दाम, दंड और भेद चीन की 36 चाल जैसी
चाणक्य का मानना था कि युद्ध केवल शारीरिक शक्ति से नहीं, बल्कि समझदारी, योजना और सही रणनीति से भी जीता जा सकता है। चाणक्य के अनुसार, युद्ध जीतने के लिए चार तरीके अपनाए जा सकते हैं-साम, दाम, दंड और भेद। साम यानी शांति से समझाना, दाम यानी पैसे का लालच देना, दंड यानी सजा देना और भेद यानी शत्रु में फूट डालना। इन चारों का इस्तेमाल सही समय पर करना चाहिए। युद्ध केवल अंतिम विकल्प होना चाहिए। चाणक्य की ये नीतियां चीन की 36 चालों जैसी हैं। जिसे हम आगे समझते हैं।
चीन की 36 चालों के बारे में किसने बताया
medievalists.net पर छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में करीब 3000 साल पहले एक किताब 'The Art of War लिखी गई, जिसे एक युद्ध कला में माहिर व्यक्ति सन त्ज़ु ने लिखा था। इस किताब में चीन की युद्धक रणनीतियों के बारे में जिक्र है, जिसे चीन आज भी मानता आया है। इसके बाद छठी सदी में एक दिलचस्प सैन्य ग्रंथ में एक निबंध छपा-36 स्ट्रेटेजम्स यानी 36 चाल। हालांकि, इसमें 20वीं शताब्दी तक संशोधन और संशोधन किए गए।
आकाश को मूर्ख बनाकर समुद्र पार करें
चीन की पहली रणनीति चीजों को खुलेआम छिपाने की वकालत करती है। जैसे लोगों को यह बताना कि आपकी सेनाएं कहां होंगी। गाओ युआन बताते हैं-यह रणनीति इसलिए कारगर है क्योंकि लोग उम्मीद करते हैं कि राज छिपे रहेंगे। यह सोचना तर्कसंगत है कि ऐसी योजनाएं गुप्त रूप से बनाई और संचालित की जानी चाहिए। इसलिए लोग उन खुली गतिविधियों को नजरअंदाज कर देते हैं जो अंदरूनी योजनाओं को छिपाती हैं।
उधार के चाकू से हत्या करना, जलते घर लूटो
गाओ युआन लिखते हैं-हत्या करने के लिए चाकू उधार लेने का मतलब है दूसरों के संसाधनों का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना। ऐसे समय भी आते हैं जब आपको आराम करना चाहिए और दुश्मन से भिड़ना नहीं चाहिए। आप उन्हें हमले करने दे सकते हैं क्योंकि इससे उनकी ताकत खत्म हो जाएगी। ऐसे शत्रु पर आक्रमण करें जो पहले से ही परेशानियों और दुर्भाग्य से ग्रस्त हो।
पश्चिम में हमला करते समय पूर्व की ओर धोखा दें
यह एक ऐसी चाल है जो ध्यान भटकाने वाली रणनीति अपनाती है। गाओ युआन बताते हैं कि पूर्व की ओर छल करने में, दुश्मन को एक गलत धारणा दी जाती है जिससे उसे लगे कि हमला एक जगह से हो रहा है, जबकि वास्तव में वह किसी और जगह से हो रहा होता है। एक चाल यह भी है कि कुछ नहीं से कुछ बनाओ। अगर आपके पास किसी चीज़ की कमी भी है, तो भी आप ऐसा व्यवहार कर सकते हैं जैसे कि वह आपके पास है। प्रचार इसका एक अच्छा उदाहरण है।
आगे बढ़ने का नाटक करें और दूसरे रास्ते पर चुपचाप चलें
यदि आप गुप्त कार्रवाई कर रहे हैं, तो अपने दुश्मन को यह विश्वास दिलाने के लिए सार्वजनिक कार्रवाई भी करें कि आपकी योजना अलग है। नदी के उस पार से जलती आग को देखें। अगर आपके दुश्मन आपस में लड़ रहे हैं, तो उन्हें लड़ने दीजिए, और अपनी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कीजिए। गाओ युआन ने इस विश्लेषण को प्रस्तुत किया है कि यह उत्तर-मध्यकालीन यूरोप पर कैसे लागू होता है।
मुस्कान में खंजर छुपाएं, बकरी चुराएं
आप अपने शत्रु का विश्वास हासिल करें, ताकि बाद में उन्हें धोखा दे सकें। इसके अलावा, आड़ू के पेड़ को बचाने के लिए बेर के पेड़ की बलि दें जैसी रणनीति भी बेहद अहम है। कभी-कभी जीत हासिल करने के लिए त्याग करना पड़ता है। अपने शत्रु द्वारा किए गए छोटे-छोटे अवसरों और गलतियों का लाभ उठाएं, भले ही आपको उससे केवल एक बकरी ही क्यों न मिले। सांप को डराने के लिए घास को पीटें, यह भी एक रणनीति है। किसी सहायक लक्ष्य पर प्रहार करके, आप अपने दुश्मन को चौंका सकते हैं और उससे महत्वपूर्ण राज उगलवा सकते हैं।
बाघ को पहाड़ से बाहर खींचो, ईंट डालें
दुश्मन के पास जाने से बेहतर है कि आप दुश्मन को अपने पास आने दें और उससे लड़ें। कभी-कभी किसी प्रतिद्वंद्वी को घेरने से बेहतर है कि उसे भागने दिया जाए। वरना, घिरा हुआ प्रतिद्वंद्वी बहुत ज़्यादा लड़ सकता है। इसके अलावा, उसे जाने देने से बाद में उसे आत्मसमर्पण करवाना आसान हो सकता है।
जेड को आकर्षित करने के लिए ईंट डालें
अपने प्रतिद्वंद्वी को कोई छोटी सी चीज देने की पेशकश करें, इस उम्मीद में कि इससे आपको बड़ा पुरस्कार मिल जाएगा। डाकुओं को पकड़ने के लिए पहले सरगना को पकड़ो एक एक क्लासिक रणनीति है। इसके अलावा, कढ़ाई के नीचे से जलाऊ लकड़ी चुराओ जैसी रणनीति भी है, जिससे दुश्मन को हराया जा सकता है।
जासूसों को दुश्मन के खेमे में फूट डालने दो
जासूसी पर आधारित एक और रणनीति यह है कि अगर आपको कोई आपके खिलाफ जासूसी करते हुए मिले, तो आप उसे गलत जानकारी दें। इससे न सिर्फ दुश्मन को गलत जानकारी मिलती है, बल्कि आपको उनका फायदा उठाने का बेहतर मौका भी मिलता है। यहां तक कि शत्रु का विश्वास जीतने के लिए स्वयं को चोट पहुंचाएं।
दुश्मन के युद्धपोतों को एक साथ बांधो, भाग जाओ
बड़े आकार के दुश्मनों को अपने आकार के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इसका फायदा उठाने के तरीके खोजें। गाओ युआन कहते हैं कि जहाजों को एक साथ बांधने का मतलब है ऐसी योजनाएं अपनाना जो दुश्मन को उसके ही वजन से दबा दें। इसके अलावा, भाग जाओ को अंतिम रणनीति माना जाएगा। पीछे हटना और अगले दिन लड़ने के लिए खुद को बचाना, आत्मसमर्पण करने से बेहतर है।
चीन किसे मानता है अपना सबसे बड़ा दुश्मन
रॉबर्ट केगान ने एक किताब भी लिखी थी-The Return of History and the End of Dreams। उनका कहना था कि दरअसल, अमेरिका एशिया-प्रशांत में सबसे आगे रहना चाहता है। चीन को लगता है कि उनके सपने अमेरिका के हितों से टकराते हैं। रॉबर्ट केगान कहते हैं कि चीन, अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है और हमें भी अब इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए। अमेरिका को चीन के साथ अपने रिश्तों पर फिर से विचार करना चाहिए। दरअसल, 2012 से जब से शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति बने हैं तो उन्होंने चीन को दुनिया का सुपर पॉवर बनाने के लिए कमर कस ली है। हालांकि, चीन के दबदबे को रोकने के लिए अमेरिका ने चीन के खिलाफ ट्रेड वॉर छेड़ रखा है और उस पर भारी-भरकम टैरिफ लगाएं हैं।
चीन-भारत के बीच सबसे बड़ा विवाद सीमाओं का
चीन और भारत के बीच लगभग 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है, जिसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) कहा जाता है, जिस पर दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय विवाद है। यह विवाद मुख्य रूप से लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में है। अरुणाचल प्रदेश को चीन दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। चूंकि तिब्बत पर उसका अधिकार है तो वह अरुणाचल पर भी अपना दावा ठोंकता है। हालांकि, भारत ने कई बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। चीन ने हिंदी-चीनी भाई-भाई के नारे के दौरान धोखा दिया और 1962 में भारत को चीन ने युद्ध में झोंक दिया। 2020 का गलवान घाटी संघर्ष और सीमा पर लगातार तनाव दोनों देशों के बीच अविश्वास और शत्रुता को बढ़ाते हैं।

चाणक्य जैसी नीतियां चीन की 36 चालों में हैं
चीन के एक लेखक हुए हैं-गाओ युआन। उनकी किताब का नाम है-लुअर द टाइगर आउट ऑफ द माउंटेंस: द 36 स्ट्रैटेजम्स ऑफ एंशिएंट चाइना। यह किताब चीन की 36 चालों के बारे में बताती है। चीन की ये चालें मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री रहे कौटिल्य यानी चाणक्य की नीतियों की तरह ही हैं। कुछ प्रमुख चालों के बारे में समझते हैं।
साम, दाम, दंड और भेद चीन की 36 चाल जैसी
चाणक्य का मानना था कि युद्ध केवल शारीरिक शक्ति से नहीं, बल्कि समझदारी, योजना और सही रणनीति से भी जीता जा सकता है। चाणक्य के अनुसार, युद्ध जीतने के लिए चार तरीके अपनाए जा सकते हैं-साम, दाम, दंड और भेद। साम यानी शांति से समझाना, दाम यानी पैसे का लालच देना, दंड यानी सजा देना और भेद यानी शत्रु में फूट डालना। इन चारों का इस्तेमाल सही समय पर करना चाहिए। युद्ध केवल अंतिम विकल्प होना चाहिए। चाणक्य की ये नीतियां चीन की 36 चालों जैसी हैं। जिसे हम आगे समझते हैं।
चीन की 36 चालों के बारे में किसने बताया
medievalists.net पर छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में करीब 3000 साल पहले एक किताब 'The Art of War लिखी गई, जिसे एक युद्ध कला में माहिर व्यक्ति सन त्ज़ु ने लिखा था। इस किताब में चीन की युद्धक रणनीतियों के बारे में जिक्र है, जिसे चीन आज भी मानता आया है। इसके बाद छठी सदी में एक दिलचस्प सैन्य ग्रंथ में एक निबंध छपा-36 स्ट्रेटेजम्स यानी 36 चाल। हालांकि, इसमें 20वीं शताब्दी तक संशोधन और संशोधन किए गए।
आकाश को मूर्ख बनाकर समुद्र पार करें
चीन की पहली रणनीति चीजों को खुलेआम छिपाने की वकालत करती है। जैसे लोगों को यह बताना कि आपकी सेनाएं कहां होंगी। गाओ युआन बताते हैं-यह रणनीति इसलिए कारगर है क्योंकि लोग उम्मीद करते हैं कि राज छिपे रहेंगे। यह सोचना तर्कसंगत है कि ऐसी योजनाएं गुप्त रूप से बनाई और संचालित की जानी चाहिए। इसलिए लोग उन खुली गतिविधियों को नजरअंदाज कर देते हैं जो अंदरूनी योजनाओं को छिपाती हैं।
उधार के चाकू से हत्या करना, जलते घर लूटो
गाओ युआन लिखते हैं-हत्या करने के लिए चाकू उधार लेने का मतलब है दूसरों के संसाधनों का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना। ऐसे समय भी आते हैं जब आपको आराम करना चाहिए और दुश्मन से भिड़ना नहीं चाहिए। आप उन्हें हमले करने दे सकते हैं क्योंकि इससे उनकी ताकत खत्म हो जाएगी। ऐसे शत्रु पर आक्रमण करें जो पहले से ही परेशानियों और दुर्भाग्य से ग्रस्त हो।
पश्चिम में हमला करते समय पूर्व की ओर धोखा दें
यह एक ऐसी चाल है जो ध्यान भटकाने वाली रणनीति अपनाती है। गाओ युआन बताते हैं कि पूर्व की ओर छल करने में, दुश्मन को एक गलत धारणा दी जाती है जिससे उसे लगे कि हमला एक जगह से हो रहा है, जबकि वास्तव में वह किसी और जगह से हो रहा होता है। एक चाल यह भी है कि कुछ नहीं से कुछ बनाओ। अगर आपके पास किसी चीज़ की कमी भी है, तो भी आप ऐसा व्यवहार कर सकते हैं जैसे कि वह आपके पास है। प्रचार इसका एक अच्छा उदाहरण है।
आगे बढ़ने का नाटक करें और दूसरे रास्ते पर चुपचाप चलें
यदि आप गुप्त कार्रवाई कर रहे हैं, तो अपने दुश्मन को यह विश्वास दिलाने के लिए सार्वजनिक कार्रवाई भी करें कि आपकी योजना अलग है। नदी के उस पार से जलती आग को देखें। अगर आपके दुश्मन आपस में लड़ रहे हैं, तो उन्हें लड़ने दीजिए, और अपनी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कीजिए। गाओ युआन ने इस विश्लेषण को प्रस्तुत किया है कि यह उत्तर-मध्यकालीन यूरोप पर कैसे लागू होता है।
मुस्कान में खंजर छुपाएं, बकरी चुराएं
आप अपने शत्रु का विश्वास हासिल करें, ताकि बाद में उन्हें धोखा दे सकें। इसके अलावा, आड़ू के पेड़ को बचाने के लिए बेर के पेड़ की बलि दें जैसी रणनीति भी बेहद अहम है। कभी-कभी जीत हासिल करने के लिए त्याग करना पड़ता है। अपने शत्रु द्वारा किए गए छोटे-छोटे अवसरों और गलतियों का लाभ उठाएं, भले ही आपको उससे केवल एक बकरी ही क्यों न मिले। सांप को डराने के लिए घास को पीटें, यह भी एक रणनीति है। किसी सहायक लक्ष्य पर प्रहार करके, आप अपने दुश्मन को चौंका सकते हैं और उससे महत्वपूर्ण राज उगलवा सकते हैं।
बाघ को पहाड़ से बाहर खींचो, ईंट डालें
दुश्मन के पास जाने से बेहतर है कि आप दुश्मन को अपने पास आने दें और उससे लड़ें। कभी-कभी किसी प्रतिद्वंद्वी को घेरने से बेहतर है कि उसे भागने दिया जाए। वरना, घिरा हुआ प्रतिद्वंद्वी बहुत ज़्यादा लड़ सकता है। इसके अलावा, उसे जाने देने से बाद में उसे आत्मसमर्पण करवाना आसान हो सकता है।
जेड को आकर्षित करने के लिए ईंट डालें
अपने प्रतिद्वंद्वी को कोई छोटी सी चीज देने की पेशकश करें, इस उम्मीद में कि इससे आपको बड़ा पुरस्कार मिल जाएगा। डाकुओं को पकड़ने के लिए पहले सरगना को पकड़ो एक एक क्लासिक रणनीति है। इसके अलावा, कढ़ाई के नीचे से जलाऊ लकड़ी चुराओ जैसी रणनीति भी है, जिससे दुश्मन को हराया जा सकता है।
जासूसों को दुश्मन के खेमे में फूट डालने दो
जासूसी पर आधारित एक और रणनीति यह है कि अगर आपको कोई आपके खिलाफ जासूसी करते हुए मिले, तो आप उसे गलत जानकारी दें। इससे न सिर्फ दुश्मन को गलत जानकारी मिलती है, बल्कि आपको उनका फायदा उठाने का बेहतर मौका भी मिलता है। यहां तक कि शत्रु का विश्वास जीतने के लिए स्वयं को चोट पहुंचाएं।
दुश्मन के युद्धपोतों को एक साथ बांधो, भाग जाओ
बड़े आकार के दुश्मनों को अपने आकार के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इसका फायदा उठाने के तरीके खोजें। गाओ युआन कहते हैं कि जहाजों को एक साथ बांधने का मतलब है ऐसी योजनाएं अपनाना जो दुश्मन को उसके ही वजन से दबा दें। इसके अलावा, भाग जाओ को अंतिम रणनीति माना जाएगा। पीछे हटना और अगले दिन लड़ने के लिए खुद को बचाना, आत्मसमर्पण करने से बेहतर है।
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