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स्कूल से गायब रहने वाले टीचर्स हो जाए अलर्ट; शिक्षा विभाग ने कर ली इलाज की तैयारी, इस काम के बिना रुक जाएगी सैलरी

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भोपालः मध्य प्रदेश के स्कूलों में अक्सर शिक्षकों को लेकर कई नकारात्मक खबरें आती है। इसमें स्कूल से गायब रहना, स्कूल में लेट आना और बिना पढ़ाए आराम फरमाना। अब प्रशासन ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। स्कूलों से गायब रहकर मौज मनाने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं रहेगी। अब मुंह दिखाई के बिना उन्हें वेतन नहीं मिलेगा। टीचर्स अब बिना स्कूल जाए हाजिरी नहीं लगा पाएंगे। यह बदलाव ई-गवर्नेंस के तहत 'हमारे शिक्षक' प्रणाली के चलते हुए हैं। ताजा व्यवस्था स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से बनाई गई है।





दरअसल, एमपी शिक्षा विभाग ने नई व्यवस्था शुरू की है। इस नए सिस्टम के तहत शिक्षकों को अब स्कूल पहुंचकर अपनी सेल्फी लेकर इस सिस्टम पर अपलोड करना होगा। इस सेल्फी के साथ उनकी लोकेशन भी पोर्टल में दर्ज हो जाएगी। स्कूल का समय खत्म के बाद भी इसी तरह दोबारा उपस्थिति दर्ज करानी होगी।





इस दिन से शुरू होगी नई व्यवस्था

मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभागने एक जुलाई से हाजिरी का यह नया नियम अनिवार्य कर दिया है। इस पूरी प्रणाली की निगरानी शिक्षा पोर्टल 3.0 पर उपलब्ध रहेगी। इसके तहत प्रत्येक शिक्षक के मोबाइल पर इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज होगी। नए सिस्टम के तहत शिक्षकों को प्रतिदिन स्कूल के निर्धारित समय के एक घंटे बाद तक उपस्थिति दर्ज करानी होगी। स्कूल बंद होने के समय से आधा घंटा पहले से आधा घंटा बाद तक स्कूल से वापसी की उपस्थिति दर्ज की जाएगी।





देरी की तो हो जाएगी समस्या

अगर कोई शिक्षक निर्धारित समय सीमा के बाद उपस्थिति दर्ज करता है तो उसका आधा दिन का आकस्मिक अवकाश दर्ज किया जाएगा। ऐसे में शिक्षकों को 13 आकस्मिक अवकाश और तीन ऐच्छिक अवकाश से समायोजन किया जा सकेगा।





प्रायोगिक परीक्षण होगा प्रारंभ

23 जून से 30 जून तक इसका प्रायोगिक परीक्षण शुरू हो रहा है। इसके बाद 1 जुलाई से इससे उपस्थिति अनिवार्य होगी। इससे जो शिक्षक अपने स्थान पर दूसरों को पढ़ाने भेजते हैं या अनुपस्थित रहते हैं, उस पर लगाम लग सकेगी। आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों में यह खबर सामने आई थी कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक गायब रहते हैं उनकी जगह में भाड़े के शिक्षक रख लिये जाते हैं। खुद शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने इस समस्या के प्रति नाराजगी जताई थी।





बताया जा रहा है कि नए सिस्टम के माध्यम से जिन स्कूलों के शिक्षक नियमित रूप से अटेंडेंस दर्ज करेंगे। उनके सेवा अभिलेख में विशेष उपलब्धि के रूप में दर्ज होगा। भविष्य में ऐसे स्कूलों और शिक्षकों के लिए विशेष प्रविधान किए जाएंगे। शिक्षक अवकाश का आवेदन भी इसी प्रणाली से करेंगे।

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