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AI कैमरा और ऑटोमैटिक हूटर...पेट्रोल भराने गए और मर्सिडीज हो गई सीज, नए नियम के बाद लग्जरी कारों को भी कोई राहत नहीं

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नई दिल्ली : दिल्ली के विभिन्न पेट्रोल पंपों पर आज अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। लोग रोज की तरफ पेट्रोल डीजल लेने पहुंच तो रहे हैं लेकिन आज पंप पर ट्रैफिक पुलिस के जवान असामान्य रूप से तैनात नजर आए। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट एनफोर्समेंट, ट्रैफिक पुलिस के साथ ही नगर निगम के कर्मचारी भी कई जगह पेट्रोल पंप पर नजर आए। दरअसल, दिल्ली में 1 जुलाई से 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वीकल को तेल नहीं देने का फैसला लागू हो गया है। इसके बाद से राजधानी में पुराने वाहनों की धरपकड़ जारी है। खास बात है कि इस अभियान में मर्सिडीज, बीएमडब्लू से लेकर ऑडी जैसी लग्जरी गाड़ियों को भी राहत नहीं दी जा रही है।



प्रशासन ने सील कर दी मर्सिडीज

ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की तरफ से सुबह 6 बजे से ही पुराने वाहनों की धरपकड़ और उन्हें जब्त करने का अभियान शुरू हो गया। कई पेट्रोल पंप पर ट्रैफिक इंस्पेक्टर भी मौजूद रहे। इस क्रम में सुबह आश्रम के पेट्रोल पंप पर एक शख्स अपनी 15 साल पुरानी मर्सडीज में फ्यूल भराने पहुंचे थे। पंप पर पहुंचने के बाद ही उनकी कार को ट्रेस कर लिया गया। इसके बाद तुरंत ही उनकी कार को सील कर दिया गया। शख्स की कार भले ही पुरानी हो लेकिन देखने में बिल्कुल चमकदार कंडीशन में थी।











AI कैमरों के साथ ऑटोमेटिक हूटर

दिल्ली में पुराने वाहनों की पहचान के लिए पंप पर AI कैमरों के साथ ही ऑटोमैटिक हूटर सिस्टम भी लगाए गए हैं। ऐसे में अगर कोई पुरानी गाड़ी पेट्रोल पंप पर फ्यूल लेने पहुंचती है तो कैमरे उसे पहचान कर उसका पता लगा ले रहे हैं। इसके बाद तुरंत हूटर बज जा रहा है। इसके बाद लोगों की गाड़ियों को जब्त कर लिया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस गाड़ियों को जब्त करने के लिए सेंट्रल डेटाबेस का यूज कर रही है। गाड़ियों की डिटेल की पुष्टि होने के बाद उनकी डिटेल तुरंत सामने आ जा रही है। ऐसे में वाहनों की पहचान करना सरल हो गया है। पहचान होते ही गाड़ियों को जब्त किया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।







लोगों ने किया फैसले का स्वागत

दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक बड़ा कदम उठाया है। इस फैसले को लेकर आम लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। अधिकांश लोग इस कदम को सकारात्मक बता रहे हैं। हालांकि, कुछ लोगों ने नियमों को लेकर सवाल भी उठाए। एक व्यक्ति ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि डीजल और पेट्रोल की गाड़ियों के लिए अलग-अलग नियम ठीक नहीं हैं। या तो दोनों को 10 साल में बैन करें या दोनों को 15 साल में। दोनों के साथ समान व्यवहार होना चाहिए।

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