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दिल्ली में कौन फैला रहा है दशहत वाला मेल? 72 घंटे में 10 स्कूल-कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकी

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नई दिल्ली : दिल्ली में द्वारका स्थित सेंट थॉमस स्कूल, वसंत कुंज स्थित वसंत वैली स्कूल, हौज खास स्थित मदर्स इंटरनेशनल स्कूल, पश्चिम विहार स्थित रिचमंड ग्लोबल स्कूल और लोदी एस्टेट स्थित सरदार पटेल विद्यालय को सुबह ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली। पिछले तीन दिनों में लगभग 10 स्कूलों और एक कॉलेज को बम से उड़ाने की ऐसी धमकियां मिली हैं। हालांकि, जांच के बाद ये धमकियां फर्जी पाई गई हैं।



यह पहली बार नहीं है जब स्कूलों और कॉलेजों को इस तरह ई-मेल के जरिये धमकियां मिली हैं। इसी तर्ज पर पिछले साल भी स्कूलों को बम से उड़ाने को लेकर ई-मेल भेजे गए थे। ऐसे में बच्चों के पेरेंट्स के साथ ही अधिकतर लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर इन धमकियों के पीछे कौन है? कौन है जो इस तरह ई-मेल के जरिये दशहत फैलाने में लगा हुआ है।



बमों की धमकी का रूस कनेक्शन

पिछले साल मई में दिल्ली-एनसीआर के 150 से अधिक स्कूलों को एक के बाद एक बम की धमकी वाले ईमेल मिले थे। पुलिस की जांच में पता चला कि ये ईमेल रूस के एक सर्वर से आए थे। इसमें 'sawariim@mail.ru' जैसे ईमेल पते का इस्तेमाल हुआ। इस शब्द का संबंध इस्लामिक स्टेट की प्रचार सामग्री से जोड़ा गया, लेकिन पुलिस ने इसे पूरी तरह से सत्यापित नहीं किया। इन ईमेल्स में वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का उपयोग कर भेजने वाले की लोकेशन छिपाई गई थी।



हालांकि, सभी मामलों में गहन तलाशी के बाद कोई विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। दिल्ली पुलिस ने हर धमकी को गंभीरता से लिया, लेकिन ज्यादातर को फर्जी करार दिया गया। ज्यादातर मामलों में धमकियां स्कूलों के छात्रों की तरफ से भेजी गईं। इनका मकसद परीक्षा टालना या स्कूल छोड़ना था। ये छात्र तकनीकी रूप से सक्षम थे और वीपीएन का उपयोग करते थे।



रोहिणी स्कूल के बाहर हुआ था ब्लास्ट

पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली के रोहिणी में CRPF स्कूल के बाहर विस्फोट हुआ था। हालांकि, इस ब्लास्ट में कोई हताहत नहीं हुआ। एक प्रो-खालिस्तानी समूह ने टेलीग्राम पर इसकी जिम्मेदारी ली थी। हालांकि, पुलिस ने इसे पूरी तरह से पुष्ट नहीं किया था।



बमों की धमकी पर क्या कह रही पुलिस?

इस साल जनवरी में दिल्ली पुलिस ने एक कक्षा 12 के छात्र को हिरासत में लिया था। इस छात्र ने 23 स्कूलों को बम धमकी भरे ईमेल भेजे थे। पूछताछ में छात्र ने स्वीकार किया कि उसने परीक्षा टालने के लिए ऐसा किया। वह पहले भी इस तरह के ईमेल भेज चुका था। इस साल में नोएडा के एक क्लास 9 के स्टूडेंट ने स्कूल छोड़ने के लिए धमकियां भेजी थीं।



दिल्ली के स्कूल औरकॉलेजों को भेजी गईं कई धमकियां वीपीएन के जरिए भेजी गईं। इससे भेजने वाले की लोकेशन और आईपी एड्रेस को ट्रेस करना मुश्किल हो गया। दिल्ली पुलिस के अनुसार मई 2024 के मामले में एक रूसी डोमेन (mail.ru) का उपयोग हुआ था। इससे संदेह हुआ कि यह किसी संगठित साजिश का हिस्सा हो सकता है, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला।



बच्चों के साथ पेरेंट्स में दहशत

स्कूलों में धमकी का असर स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के साथ ही पेरेंट्स पर भी पड़ रहा है। इस तरह की बम की धमकियों से पेरेंट्स अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इसके अलावा स्कूल में पुलिस के साथ ही बम स्क्वॉड और दमकल की टीम पहुंचने से स्कूल प्रशासन के लिए भी स्थिति परेशान करने वाली है। स्कूल के कैंपर की पूरी तरह से घेराबंदी आसपास और वहां से गुजरने वाले लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बन रही है। इस तरह की धमकियों की बाद पूरे स्कूल की जांच और जरूरी कार्रवाई में बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है।



लोग कर रहे सख्त कार्रवाई की मांग

द्वारका स्थित स्कूल में बम की धमकी के बाद, स्कूल प्रशासन ने तुरंत अभिभावकों को उनके बच्चों को घर ले जाने के लिए कहा था। यहां केजी में पढ़ने वाली छात्रा के पिता वरुण कुमार ने लगातार बढ़ रहीं ऐसी घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है। इस तरह की धमकियां अक्सर सामने आती रहती हैं। पुलिस को ऐसे ईमेल भेजने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।



यहां एक अन्य अभिभावक ने स्थिति को भयावह बताया। उन्होंने कहा कि मेरे रिश्तेदारों ने मुझे बम की धमकी के बारे में बताया। जब मुझे इसके बारे में पता चला, तो मैं अपने बेटे को घर ले जाने के लिए स्कूल भागी। स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र के पिता अरुण शर्मा ने कहा कि ये बार-बार मिलने वाली बम की धमकियां बहुत परेशान करने वाली हैं। पिछले साल भी इसी तरह के फर्जी ईमेल भेजे गए थे। इससे पेरेंट्स में दहशत फैल गई थी। बाद में धमकियां फर्जी निकलीं।

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