औरंगाबाद: जिले के रफीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव से तीन नाबालिग लड़कियां 16 मई को दोपहर 12 बजे से लापता हो गई थीं। परिवार वाले किसी अनहोनी की आशंका जता रहे थे और पुलिस के कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहा था। लापता हुई लड़कियों में तीनों की उम्र क्रमशः 14 साल, 13 साल और 15 साल थी।
तीन लड़कियां घर से अचानक हो गईं गायब
तीनों लड़किया घर से कहकर निकली थी कि बैंक जा रही हैं, खाता खुलवाना है। शाम तक जब वह घर नहीं लौटी तो उनके परिजनों द्वारा काफी खोजबीन की गई मगर उनका कोई पता नहीं चल सका। परिजनो ने उसी रात रफीगंज थाना जाकर थानाध्यक्ष को मामले की जानकारी दी। साथ ही रफीगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई। एक साथ तीन लड़कियों के लापता होने की खबर से गांव ही नहीं गांव के आस पास और शहर में कई तरह के कयास लगाये जाने लगे थे। ग्रामीणों को यह भी आशंका थी कि कही तीनों लड़कियों को बहला फुसला कर बेच तो नहीं दिया गया।
एक महीने बाद लड़कियां मिलीं पटना में
मगर एक महीने बीत जाने के बाद तीन नाबालिग लड़कियों को पटना के मीठापुर इलाके से पुलिस ने बरामद कर लिया । तीनों लड़किया आपस में सहेलियां हैं और एक ही स्कूल में नौवीं कक्षा की छात्रा हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि किशोरियों को सोशल मीडिया पर रील्स बनाकर वायरल होने का शौक था। वे इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर पहचान बनाना चाहती थीं और उसी से कमाई कर 'मौज' करने का सपना देखती थीं। इसी जुनून में तीनों ने पटना का रुख किया और एक सहेली के किराए के घर में रहने लगीं। जानकारी के मुताबिक, वह चौथी लड़की पटना में अकेली रहती थी और तीनों उसी के पास रहीं।
रील्स के चक्कर में घर से हो गईं गायब
पुलिस को बरामदगी में इसलिए परेशानी हो रही थी क्योंकि किशोरियां मोबाइल फोन लेकर नहीं गई थीं, जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं की जा सकी। हालांकि एक सप्ताह पहले एक रील वायरल हुआ, जिसमें तीनों लड़कियां एक बाइक और एक अज्ञात युवती के साथ नजर आईं। पुलिस ने बाइक के नंबर के आधार पर मालिक की पहचान की और उससे पूछताछ के बाद लड़कियों तक पहुंच पाई।
अब लड़कियां पहुंच गईं घर
20 जून को पुलिस टीम किशोरियों को पटना से लेकर औरंगाबाद पहुंची और 21 जून को मेडिकल जांच के बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया। पूछताछ में लड़कियों ने बताया कि वे गूगल पर म्यूजिक स्टूडियो सर्च कर पटना गई थीं। वहां के एक स्टूडियो संचालक ने उन्हें पहले डांस और एक्टिंग सीखने की सलाह दी थी, जिसके बाद वे किराए के मकान में रहकर ही प्रशिक्षण लेने लगीं। थानाध्यक्ष शंभू कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच महिला एसआई सोनाली कुमारी के नेतृत्व में की गई। परिजनों ने लड़कियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई थी, जिसके मद्देनजर पुलिस ने पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई की। मेडिकल जांच में किसी तरह की अनहोनी की पुष्टि नहीं हुई है।
तीन लड़कियां घर से अचानक हो गईं गायब
तीनों लड़किया घर से कहकर निकली थी कि बैंक जा रही हैं, खाता खुलवाना है। शाम तक जब वह घर नहीं लौटी तो उनके परिजनों द्वारा काफी खोजबीन की गई मगर उनका कोई पता नहीं चल सका। परिजनो ने उसी रात रफीगंज थाना जाकर थानाध्यक्ष को मामले की जानकारी दी। साथ ही रफीगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई। एक साथ तीन लड़कियों के लापता होने की खबर से गांव ही नहीं गांव के आस पास और शहर में कई तरह के कयास लगाये जाने लगे थे। ग्रामीणों को यह भी आशंका थी कि कही तीनों लड़कियों को बहला फुसला कर बेच तो नहीं दिया गया।
एक महीने बाद लड़कियां मिलीं पटना में
मगर एक महीने बीत जाने के बाद तीन नाबालिग लड़कियों को पटना के मीठापुर इलाके से पुलिस ने बरामद कर लिया । तीनों लड़किया आपस में सहेलियां हैं और एक ही स्कूल में नौवीं कक्षा की छात्रा हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि किशोरियों को सोशल मीडिया पर रील्स बनाकर वायरल होने का शौक था। वे इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर पहचान बनाना चाहती थीं और उसी से कमाई कर 'मौज' करने का सपना देखती थीं। इसी जुनून में तीनों ने पटना का रुख किया और एक सहेली के किराए के घर में रहने लगीं। जानकारी के मुताबिक, वह चौथी लड़की पटना में अकेली रहती थी और तीनों उसी के पास रहीं।
रील्स के चक्कर में घर से हो गईं गायब
पुलिस को बरामदगी में इसलिए परेशानी हो रही थी क्योंकि किशोरियां मोबाइल फोन लेकर नहीं गई थीं, जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं की जा सकी। हालांकि एक सप्ताह पहले एक रील वायरल हुआ, जिसमें तीनों लड़कियां एक बाइक और एक अज्ञात युवती के साथ नजर आईं। पुलिस ने बाइक के नंबर के आधार पर मालिक की पहचान की और उससे पूछताछ के बाद लड़कियों तक पहुंच पाई।
अब लड़कियां पहुंच गईं घर
20 जून को पुलिस टीम किशोरियों को पटना से लेकर औरंगाबाद पहुंची और 21 जून को मेडिकल जांच के बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया। पूछताछ में लड़कियों ने बताया कि वे गूगल पर म्यूजिक स्टूडियो सर्च कर पटना गई थीं। वहां के एक स्टूडियो संचालक ने उन्हें पहले डांस और एक्टिंग सीखने की सलाह दी थी, जिसके बाद वे किराए के मकान में रहकर ही प्रशिक्षण लेने लगीं। थानाध्यक्ष शंभू कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच महिला एसआई सोनाली कुमारी के नेतृत्व में की गई। परिजनों ने लड़कियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई थी, जिसके मद्देनजर पुलिस ने पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई की। मेडिकल जांच में किसी तरह की अनहोनी की पुष्टि नहीं हुई है।
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