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संन्यास लेने की इजाजत केवल ब्राह्मण को... अखिलेश पर पलटवार के बाद अब किसके ऊपर भड़के अनिरुद्धाचार्य?

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नई दिल्ली: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज इन दिनों सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के साथ हुई एक बहस को लेकर खबरों में हैं। दरअसल, यह वीडियो तो साल 2023 का है, लेकिन इसमें जिस बात को लेकर बहस हुई, उसने सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा कर दिया। वीडियो में अखिलेश यादव शूद्र शब्द को लेकर अनिरुद्धाचार्य से आपत्ति जताते हुए दिखे और कहा कि यहीं से आपके और हमारे रास्ते अलग हो जाते हैं। इसके बाद अनिरुद्धाचार्य ने पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश यादव मुसलमानों से रास्ते अलग होने की बात नहीं कह सकते। उन्होंने कहा एक पूर्व सीएम अगर ऐसा कहेंगे तो जनता की सेवा कैसे करेंगे।



खैर, ये तो हुई अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार की बात, लेकिन अनिरुद्धाचार्य अभी शांत नहीं बैठे हैं। उन्होंने अब धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किए गए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को निशाने पर ले लिया है। दरअसल, अनिरुद्धाचार्य के यूट्यूब चैनल पर उनका एक वीडियो अपलोड किया गया है, जिसमें वह कह रहे हैं कि छांगुर जैसे लोग बाबा बनकर सनातन धर्म को निशाना बना रहे हैं।



अपने वीडियो में अनिरुद्धाचार्य ने कहा, 'हमें सावधान रहने की जरूरत है कि हमारे बीच में कोई छांगुर बाबा ना घुस जाए। वर्ना ये लोग कालनेमि बनकर सनातन धर्म को निशाना बनाएंगे। छांगुर बाबा ने इतना बड़ा साम्राज्य फैला लिया, लड़कियां सप्लाई करता था, लेकिन अगर इसके बारे में पता ना चलता कि वो मुस्लिम है, तो फिर से बाबा बदनाम होते। हमारे देश में तो हैं ही कुछ ऐसे ठेकेदार, जो लगातार बाबाओं को गालियां देते हैं।'



कोई और व्यक्ति संन्यास नहीं ले सकता...अनिरुद्धाचार्य ने आगे कहा, 'एक बात आपको बताता हूं, जो मैंने आज तक किसी से नहीं बताई। सनातन में छांगुर जैसे लोगों को साधु बनने को काई अधिकार नहीं है। इसीलिए, हमारे यहां कहते हैं कि संन्यास लेने की इजाजत केवल ब्राह्मण को है। किसी और धर्म का व्यक्ति संन्यास ले ही नहीं सकता। और अगर, कोई लेगा तो संन्यास की मर्यादा का उल्लंघन हो जाएगा, क्योंकि उसका पालन बड़ा कठिन है। सब इसका पालन नहीं कर सकते। आजकल तो चल रहा है कि तू भी बन जा, तू भी बन जा। अगर सारे लोग सभी काम करेंगे तो व्यवस्था बिगड़ जाएगी।'



इटावा विवाद भी हुआ ताजाअनिरुद्धाचार्य महाराज ने भले ही छांगुर बाबा पर निशाना साधा हो, लेकिन उनके इस बयान ने इटावा के विवाद को भी ताजा कर दिया है। 21 जून को इटावा के दादरपुर गांव में कथा करने गए मुकुट मणि यादव और उनके साथी संत सिंह यादव के साथ मारपीट की गई थी। इतना ही नहीं, आरोपियों ने मुकुट मणि यादव की चोटी तक काट दी थी। विवाद इस बात को लेकर था कि यादव समुदाय का व्यक्ति नाम बदलकर कथावाचक क्यों बना हुआ था। इसके बाद यादव समुदाय के लोगों ने काफी विरोध प्रदर्शन भी किया।

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