AI MInister Pregnant : अल्बानिया के प्रधानमंत्री एडी रामा ने एक हैरान करने वाली घोषणा की है। उन्होंने बताया कि दुनिया की पहली AI मंत्री डिएला 'प्रेग्नेंट' है। वह 83 डिजिटल बच्चों को जन्म देने वाली है। प्रधानमंत्री ने बर्लिन में ग्लोबल डायलॉग सम्मेलन में यह जानकारी दी है। डिएला को अल्बानिया सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए बनाया है। डिएला जिन डिजिटल बच्चों को जन्म देने वाली है, वे अल्बानिया के सोशलिस्ट पार्टी के 83 सांसदों की मदद करेंगे। इससे संसद का काम तेजी से होगा। लेकिन सवाल ये है कि क्या सचमुच ऐसा हो सकता है कि AI प्रेग्नेंट हो और बच्चे पैदा कर दे? आइए, इसके पीछे का तकनीकी पहलू जान लेते हैं।
अल्बानिया के पीएम ने ऐलान किया है कि उनकी AI मंत्री प्रेग्नेंट है, लेकिन क्या सचमुच AI प्रेग्नेंट हो सकता है? फिर इस ऐलान के अंदर छिपी हुई बात क्या है, इसका तकनीकी पहलू भी समझना जरूरी है।
कौन है AI मंत्री डिएला?टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि डिएला नाम का मतलब 'सूरज' होता है। यह कोई इंसान नहीं, बल्कि एक AI एआई सिस्टम है। जनवरी 2025 में इसे ई-अल्बानिया पोर्टल पर वर्चुअल असिस्टेंट के तौर पर रखा गया था। यह सरकारी दस्तावेज देने में मदद करती थी। सितंबर 2025 में प्रधानमंत्री रामा ने इसे मंत्री बना दिया। डिएला का काम सरकारी टेंडरों में भ्रष्टाचार खत्म करना है। एल्गोरिदम और डेटा के आधार पर यह निष्पक्ष फैसले लेती है। डिएला कैबिनेट की पहला सदस्य है जो शारीरिक रूप से मौजूद नहीं, लेकिन एआई से बनी है।
क्या सचमुच बच्चे पैदा करेगी डिएला'डिएला की प्रेग्नेंट है' यह मजाक में कहा गया वाक्य है। असल में तो मंत्रियों को 83 असिस्टेंट मिलने वाले हैं जो डिएला से कनेक्टेड होंगे। डिएला कोई इंसान नहीं है, इसलिए वह सच में गर्भवती नहीं है और न ही बच्चे जन्म देगी। यह सिर्फ एक मजाकिया और सिंबोलिक बात है। अल्बानिया के प्रधानमंत्री एडी रामा ने इसे हल्के-फुल्के अंदाज में कहा ताकि लोगों का ध्यान खींचें। असल में ये 83 'बच्चे' अलग-अलग छोटे एआई प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर होंगे। इन्हें कंप्यूटर कोड की मदद से बनाया जाएगा। तकनीकी भाषा में इस प्रोसेस को इसे मॉडल क्लोनिंग या इंस्टेंस क्रिएशन कहते हैं। एक बेस मॉडल डिएला का मूल कोड और ट्रेनिंग डेटा पहले से तैयार है। इसी कोड की 83 अलग-अलग कॉपी बनाई जाएगी। हर कॉपी एक अलग सर्वर या क्लाउड पर चलेगी। हर कॉपी को अलग नाम और काम दिए जाएंगे।
इस मुद्दे पर राय बंटी हुईकुछ टेक एक्सपर्ट्स ने इस घोषणा की सराहना की। उन्होंने कहा कि AI से भ्रष्टाचार को दूर करेगा। लेकिन आलोचक पूछते हैं कि AI को इतनी ताकत देना सही है? अगर डिएला या उसके 'बच्चे' गलत फैसला लें तो जिम्मेदारी किसकी होगी? AI में पूर्वाग्रह आ सकते हैं। साथ में यह भी पूछा जा रहा है कि AI को इतनी ताकत देने पर लीडरशिप के नैतिक और भावनात्मक पहलू कैसे बचे रहेंगे?
अल्बानिया के पीएम ने ऐलान किया है कि उनकी AI मंत्री प्रेग्नेंट है, लेकिन क्या सचमुच AI प्रेग्नेंट हो सकता है? फिर इस ऐलान के अंदर छिपी हुई बात क्या है, इसका तकनीकी पहलू भी समझना जरूरी है।
कौन है AI मंत्री डिएला?टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि डिएला नाम का मतलब 'सूरज' होता है। यह कोई इंसान नहीं, बल्कि एक AI एआई सिस्टम है। जनवरी 2025 में इसे ई-अल्बानिया पोर्टल पर वर्चुअल असिस्टेंट के तौर पर रखा गया था। यह सरकारी दस्तावेज देने में मदद करती थी। सितंबर 2025 में प्रधानमंत्री रामा ने इसे मंत्री बना दिया। डिएला का काम सरकारी टेंडरों में भ्रष्टाचार खत्म करना है। एल्गोरिदम और डेटा के आधार पर यह निष्पक्ष फैसले लेती है। डिएला कैबिनेट की पहला सदस्य है जो शारीरिक रूप से मौजूद नहीं, लेकिन एआई से बनी है।
क्या सचमुच बच्चे पैदा करेगी डिएला'डिएला की प्रेग्नेंट है' यह मजाक में कहा गया वाक्य है। असल में तो मंत्रियों को 83 असिस्टेंट मिलने वाले हैं जो डिएला से कनेक्टेड होंगे। डिएला कोई इंसान नहीं है, इसलिए वह सच में गर्भवती नहीं है और न ही बच्चे जन्म देगी। यह सिर्फ एक मजाकिया और सिंबोलिक बात है। अल्बानिया के प्रधानमंत्री एडी रामा ने इसे हल्के-फुल्के अंदाज में कहा ताकि लोगों का ध्यान खींचें। असल में ये 83 'बच्चे' अलग-अलग छोटे एआई प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर होंगे। इन्हें कंप्यूटर कोड की मदद से बनाया जाएगा। तकनीकी भाषा में इस प्रोसेस को इसे मॉडल क्लोनिंग या इंस्टेंस क्रिएशन कहते हैं। एक बेस मॉडल डिएला का मूल कोड और ट्रेनिंग डेटा पहले से तैयार है। इसी कोड की 83 अलग-अलग कॉपी बनाई जाएगी। हर कॉपी एक अलग सर्वर या क्लाउड पर चलेगी। हर कॉपी को अलग नाम और काम दिए जाएंगे।
इस मुद्दे पर राय बंटी हुईकुछ टेक एक्सपर्ट्स ने इस घोषणा की सराहना की। उन्होंने कहा कि AI से भ्रष्टाचार को दूर करेगा। लेकिन आलोचक पूछते हैं कि AI को इतनी ताकत देना सही है? अगर डिएला या उसके 'बच्चे' गलत फैसला लें तो जिम्मेदारी किसकी होगी? AI में पूर्वाग्रह आ सकते हैं। साथ में यह भी पूछा जा रहा है कि AI को इतनी ताकत देने पर लीडरशिप के नैतिक और भावनात्मक पहलू कैसे बचे रहेंगे?
You may also like

इनकम टैक्स अलर्ट: अकाउंट में ये 7 ट्रांजैक्शन हुए तो सीधे नोटिस आएगा, अभी चेक करें वरना पछताओगे!

पंचकूला में नाबालिग से रेप के दोषी को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा

थोड़े दूर थोड़े पास: ZEE5 की नई फिल्म का ट्रेलर जारी

अलट-पलटकर भी 'दम' नहीं दिखा सके नीतीश, 20 साल में 8 चुनावों के डेटा से समझिए सत्ता का गणित

Business Idea: बेहद फायदेमंद है ये बिजनेस, ठंड के मौसम में करेंगे शुरुआत तो कमाई में लग जाएंगे चार चांद




