गुरुग्राम: दिल्ली से सटे गुरुग्राम में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए प्रशासन ने प्रदूषण नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करने की दिशा में कदम तेज कर दिए हैं। उपायुक्त अजय कुमार की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिसमें ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-II) के तहत सभी दिशा-निर्देशों के पूर्ण पालन के आदेश दिए गए। बैठक में उपायुक्त ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि सड़कों के किनारे नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाए और धूल वाले क्षेत्रों में एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही पुलिस विभाग को निर्देश दिया गया कि शहर में ट्रैफिक सुचारू रूप से चलता रहे ताकि वाहनों से निकलने वाले धुएं को कम किया जा सके।
बैठक में क्या हुआ
उपायुक्त ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी स्थानीय निकायों, जीएमडीए और एनएचएआई के बीच बेहतर समन्वय बनाते हुए जिले की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को नियंत्रित रखा जाए। हाईवे अथॉरिटी और नगर निगम (MCG) को उन सड़कों और राजमार्गों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं जहां धूल अधिक उड़ती है, ताकि वहां नियमित सफाई और पानी का छिड़काव किया जा सके। डीसी अजय कुमार ने कहा कि सभी विभागों को जमीनी स्तर पर मिलकर कार्य करना होगा ताकि जिले में वायु प्रदूषण को नियंत्रण में रखा जा सके। खास ध्यान शहर की प्रमुख सड़कों और औद्योगिक इलाकों में धूल नियंत्रण उपायों पर दिया जाए।
कचरा जलाने पर प्रतिबंध
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिले में कचरा या किसी भी प्रकार के अपशिष्ट जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि यदि कहीं ऐसा पाया गया तो संबंधित विभाग तत्काल कार्रवाई करेंगे। प्रदूषण नियंत्रण विभाग को निर्देश दिए गए कि जिन निर्माण परियोजनाओं का क्षेत्रफल 500 वर्ग मीटर से अधिक है, उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकृत किया जाए और निर्माण मलबा केवल निर्धारित स्थलों पर ही डंप किया जाए। सभी प्रदूषण नियंत्रण गतिविधियों की नियमित निगरानी और रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाए ताकि प्रशासन समय पर निर्णय ले सके।
बैठक में क्या हुआ
उपायुक्त ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी स्थानीय निकायों, जीएमडीए और एनएचएआई के बीच बेहतर समन्वय बनाते हुए जिले की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को नियंत्रित रखा जाए। हाईवे अथॉरिटी और नगर निगम (MCG) को उन सड़कों और राजमार्गों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं जहां धूल अधिक उड़ती है, ताकि वहां नियमित सफाई और पानी का छिड़काव किया जा सके। डीसी अजय कुमार ने कहा कि सभी विभागों को जमीनी स्तर पर मिलकर कार्य करना होगा ताकि जिले में वायु प्रदूषण को नियंत्रण में रखा जा सके। खास ध्यान शहर की प्रमुख सड़कों और औद्योगिक इलाकों में धूल नियंत्रण उपायों पर दिया जाए।
कचरा जलाने पर प्रतिबंध
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिले में कचरा या किसी भी प्रकार के अपशिष्ट जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि यदि कहीं ऐसा पाया गया तो संबंधित विभाग तत्काल कार्रवाई करेंगे। प्रदूषण नियंत्रण विभाग को निर्देश दिए गए कि जिन निर्माण परियोजनाओं का क्षेत्रफल 500 वर्ग मीटर से अधिक है, उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकृत किया जाए और निर्माण मलबा केवल निर्धारित स्थलों पर ही डंप किया जाए। सभी प्रदूषण नियंत्रण गतिविधियों की नियमित निगरानी और रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाए ताकि प्रशासन समय पर निर्णय ले सके।
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