आजमगढ़: यूपी के आजमगढ़ में तैनात सीओ सदर आस्था जायसवाल पर उनके पति डॉक्टर सत्यम गुप्ता ने जेल भेजने की धमकी देने का आरोप लगाया है। पुलिस अधीक्षक से मिलकर उन्होंने अपना दुखड़ा रोया। सत्यम का आरोप है कि पत्नी न तो साथ में रहती है और न ही तलाक देने को तैयार है। बात करने पर चेतावनी देती है कि कायदे में रहोगे तो सोचूंगी वर्ना जेल भेज दूंगी।
डॉ सत्यम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह राजकीय मेडिकल कॉलेज चक्रपानपुर में सहायक प्रोफेसर हैं। जून 2023 में उनका विवाह बलिया की रहने वाली आस्था जायसवाल से हुआ। अप्रैल 2024 में बेटा हुआ। इसके बाद से आस्था अलग रहने लगीं। बच्चे का सरनेम उनकी सहमति के बगैर बदल दिया गया।
'बच्चे के जन्म के बाद बदल गया आस्था का व्यवहार'डॉ सत्यम के मुताबिक, उन्होंने इस साल मार्च में तलाक के लिए आवेदन किया है। वह वाराणसी के लहरतारा के मूल निवासी हैं। उनका आरोप है कि बच्चे के जन्म के बाद से ही उनको नहीं देखने दिया गया। आस्था के माता-पिता भी उनकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं। बेटे के जन्म के बाद से ही आस्था का व्यवहार बदल गया।
मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश: सीओ सदरइस पूरे मामले में सीओ सदर आस्था जायसवाल की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। आस्था का कहना है कि अगर मुझे धमकी देनी होती तो मैं पहले ही पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा सकती थी। यह मामला कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में मेरे कार्यस्थल पर आकर पति ने बेवजह के आरोप लगाए हैं। ऐसा लग रहा है कि यह मुझ पर दबाव बनाने का प्रयास है। मीडिया में बयानबाजी का कोई मतलब नहीं है।
यह सीओ का पर्सनल मामला: एसपी अनिल कुमारवहीं, एसपी अनिल कुमार का कहना है कि यह सीओ और उनके पति का पर्सनल मामला है। डॉ सत्यम उनके पास बातचीत के लिए आए थे। उन्होंने कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई है और न ही कोई प्रार्थना पत्र दिया है। ऐसे में इस मुद्दे पर मेरा कुछ बोलना उचित नहीं है।
डॉ सत्यम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह राजकीय मेडिकल कॉलेज चक्रपानपुर में सहायक प्रोफेसर हैं। जून 2023 में उनका विवाह बलिया की रहने वाली आस्था जायसवाल से हुआ। अप्रैल 2024 में बेटा हुआ। इसके बाद से आस्था अलग रहने लगीं। बच्चे का सरनेम उनकी सहमति के बगैर बदल दिया गया।
'बच्चे के जन्म के बाद बदल गया आस्था का व्यवहार'डॉ सत्यम के मुताबिक, उन्होंने इस साल मार्च में तलाक के लिए आवेदन किया है। वह वाराणसी के लहरतारा के मूल निवासी हैं। उनका आरोप है कि बच्चे के जन्म के बाद से ही उनको नहीं देखने दिया गया। आस्था के माता-पिता भी उनकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं। बेटे के जन्म के बाद से ही आस्था का व्यवहार बदल गया।
मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश: सीओ सदरइस पूरे मामले में सीओ सदर आस्था जायसवाल की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। आस्था का कहना है कि अगर मुझे धमकी देनी होती तो मैं पहले ही पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा सकती थी। यह मामला कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में मेरे कार्यस्थल पर आकर पति ने बेवजह के आरोप लगाए हैं। ऐसा लग रहा है कि यह मुझ पर दबाव बनाने का प्रयास है। मीडिया में बयानबाजी का कोई मतलब नहीं है।
यह सीओ का पर्सनल मामला: एसपी अनिल कुमारवहीं, एसपी अनिल कुमार का कहना है कि यह सीओ और उनके पति का पर्सनल मामला है। डॉ सत्यम उनके पास बातचीत के लिए आए थे। उन्होंने कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई है और न ही कोई प्रार्थना पत्र दिया है। ऐसे में इस मुद्दे पर मेरा कुछ बोलना उचित नहीं है।
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