जयपुर: राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल जयपुर के के सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड में रविवार देर रात भयावह आग लगने से सात मरीजों की मौत हो गई। मरने वालों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं। हादसा रात करीब 11 बजकर 20 मिनट पर हुआ, जब आईसीयू के स्टोर रूम में अचानक धुआं उठने लगा। बताया जा रहा है कि वहां मेडिकल पेपर, ब्लड सैंपलर ट्यूब और आईसीयू से जुड़ा अन्य सामान रखा हुआ था।
लापरवाही ने ली मरीजों की जान! परिजनों ने कहा 20 मिनट पहले चेताया था
घटना के बाद अस्पताल पहुंचे गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह के सामने मृतकों के परिजनों ने जमकर नाराजगी जताई। परिजनों का कहना था कि उन्होंने आग लगने की सूचना 20 मिनट पहले ही अस्पताल प्रशासन को दे दी थी, लेकिन समय पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका आरोप है कि आग के दौरान कई डॉक्टर मौके से चले गए और मरीजों को बचाने की कोशिश नहीं की गई।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग का अनुमान
ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर और वरिष्ठ चिकित्सक ने प्राथमिक जांच के आधार पर बताया कि हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट प्रतीत होता है। जिस समय आग लगी, उस समय आईसीयू में कुल 11 मरीज भर्ती थे, जबकि साथ वाले वार्ड में 13 मरीज मौजूद थे। आग लगते ही पूरे वार्ड में अफरातफरी मच गई।
मृतकों में आगरा, भरतपुर, सीकर और जयपुर के थे मरीज
डॉ. अनुराग धाकड़, जो ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर हैं, ने बताया कि आग लगने के समय आईसीयू में 11 मरीज थे, जिनमें से पांच को ग्राउंड स्टाफ की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बाकी छह मरीजों की मौत जहरीली गैस और धुएं के कारण हो गई। उन्होंने बताया कि आईसीयू की संरचना विशेष रूप से सील्ड होती है और अंदर प्रेशर मेंटेन रहता है, जिससे धुआं तेजी से फैल गया और स्टाफ को अंदर रुकना मुश्किल हो गया।
हादसे में जिन सात मरीजों की मौत हुई, उनकी पहचान पिंटू (सीकर), दिलीप (आंधी, जयपुर), श्रीनाथ (भरतपुर), रुकमणि (भरतपुर), कुषमा (भरतपुर), सर्वेश (आगरा, यूपी) और बहादुर (सांगानेर, जयपुर) के रूप में हुई है।
लापरवाही ने ली मरीजों की जान! परिजनों ने कहा 20 मिनट पहले चेताया था
घटना के बाद अस्पताल पहुंचे गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह के सामने मृतकों के परिजनों ने जमकर नाराजगी जताई। परिजनों का कहना था कि उन्होंने आग लगने की सूचना 20 मिनट पहले ही अस्पताल प्रशासन को दे दी थी, लेकिन समय पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका आरोप है कि आग के दौरान कई डॉक्टर मौके से चले गए और मरीजों को बचाने की कोशिश नहीं की गई।
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) October 6, 2025
अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों एवं अधिकारियों से जानकारी ली और त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मरीजों की सुरक्षा, इलाज और प्रभावित लोगों की देखभाल के लिए हर संभव कदम उठाए जा…
शॉर्ट सर्किट से लगी आग का अनुमान
ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर और वरिष्ठ चिकित्सक ने प्राथमिक जांच के आधार पर बताया कि हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट प्रतीत होता है। जिस समय आग लगी, उस समय आईसीयू में कुल 11 मरीज भर्ती थे, जबकि साथ वाले वार्ड में 13 मरीज मौजूद थे। आग लगते ही पूरे वार्ड में अफरातफरी मच गई।
मृतकों में आगरा, भरतपुर, सीकर और जयपुर के थे मरीज
डॉ. अनुराग धाकड़, जो ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर हैं, ने बताया कि आग लगने के समय आईसीयू में 11 मरीज थे, जिनमें से पांच को ग्राउंड स्टाफ की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बाकी छह मरीजों की मौत जहरीली गैस और धुएं के कारण हो गई। उन्होंने बताया कि आईसीयू की संरचना विशेष रूप से सील्ड होती है और अंदर प्रेशर मेंटेन रहता है, जिससे धुआं तेजी से फैल गया और स्टाफ को अंदर रुकना मुश्किल हो गया।
हादसे में जिन सात मरीजों की मौत हुई, उनकी पहचान पिंटू (सीकर), दिलीप (आंधी, जयपुर), श्रीनाथ (भरतपुर), रुकमणि (भरतपुर), कुषमा (भरतपुर), सर्वेश (आगरा, यूपी) और बहादुर (सांगानेर, जयपुर) के रूप में हुई है।
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