Study in Canada: हायर एजुकेशन के लिए एक वक्त कनाडा काफी पॉपुलर देश था। यहां हर साल लाखों की संख्या में भारतीय छात्र एडमिशन ले रहे थे। लेकिन समय के साथ यहां चीजें बदलीं और अब भारतीयों के लिए कनाडा में पढ़ना काफी मुश्किल हो चुका है। स्टडी परमिट हासिल करना पहाड़ चढ़ने जैसा बन चुका है। यही वजह है कि अब भारतीय छात्र कनाडा से मुंह मोड़कर दूसरे देशों का रुख कर रहे हैं, जहां उन्हें ना सिर्फ हाई क्वालिटी वाली ग्लोबल एजुकेशन मिल पाए, बल्कि वे बस भी सकें। 2025 की पहली तिमाही में कनाडा से कुछ ऐसे चौंकाने वाले आंकड़ें आए, जो बताते हैं किस तरह यहां पढ़ना कठिन हुआ है। इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) के मुताबिक, कनाडा ने पिछले साल के मुकाबले भारतीय छात्रों को 31% कम स्टडी परमिट दिए हैं। IRCC के आंकड़ें बताते हैं कि स्टडी परमिट की संख्या 44,295 से घटकर सिर्फ 30,650 रह गई है। अब यहां सवाल उठता है कि आखिर स्टडी परमिट की संख्या कम होने के पीछे की वजह क्या है। कनाडा में नहीं पढ़ने की क्या वजहें हैं?अब यहां सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ है, जिसकी वजह से कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या कम हो रही है। भारतीय छात्र किन वजहों से इस देश में एडमिशन लेने से बच रहे हैं। कनाडा के वो कौन से कदम हैं, जिनके चलते यहां से भारतीय छात्रों का मोहभंग हुआ है। आइए इस बारे में जानते हैं। आर्थिक जरूरत को बढ़ाना: स्टूडेंट वीजा के लिए जरूरी पैसों की सीमा को बढ़ा दिया गया है। 1 जनवरी, 2024 से विदेशी छात्रों को वीजा तभी मिल रहा है, जब उनके अकाउंट में 20,635 कनाडाई डॉलर सेविंग के तौर पर हैं। पहले 10,000 कनाडाई डॉलर होने पर स्टूडेंट वीजा मिल जाता था।। यानी अब स्टूडेंट वीजा के लिए लगभग दोगुना पैसा दिखाना होगा। ऐसे में बहुत से भारतीय छात्रों के लिए कनाडा में पढ़ना मुश्किल हो गया है। इमिग्रेशन के कड़े नियम: कनाडा में इमिग्रेशन के नियम भी कड़े किए गए हैं, जिस वजह से छात्रों की मुश्किलें बढ़ी हैं। कनाडा के बॉर्डर पर बैठे अधिकारी वीजा रद्द कर सकते हैं या किसी छात्र को देश में घुसने से रोक सकते हैं। अगर उन्हें लगता है कि वह छात्र वीजा खत्म होने के बाद भी कनाडा में रुक जाएगा। इससे उन छात्रों को भी डर लग रहा है जिनके पास वीजा है और जिनका यूनिवर्सिटी में एडमिशन हो गया है। किन देशों में पढ़ने जा रहे भारतीय छात्र?कनाडा से मोहभंग होने के बाद भारतीय छात्रों ने कुछ खास देशों का रुख करना शुरू कर दिया है। इन देशों में वीजा पॉलिसी भी अच्छी है और कनाडा के मुकाबले फीस भी कम है। जर्मनी, नीदरलैंड, सिंगापुर और आयरलैंड जैसे देश अब छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं। इन देशों में अच्छी शिक्षा, कम ट्यूशन फीस और स्टूडेंट-फ्रेंडली इमिग्रेशन पॉलिसी हैं। छात्रों को लगता है कि ये देश ज्यादा सुरक्षित और स्थिर हैं, और यहां कागजी कार्रवाई भी कम है। इन देशों में पोस्ट-स्टडी वर्क परमिट भी मिल रहा है।
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