चीन में एक से बढ़कर एक टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज भी हैं। क्यूएस रैंकिंग में मेडिकल एजुकेशन के लिए टॉप-100 संस्थानों में पांच चीनी मेडिकल यूनिवर्सिटी भी शामिल हैं। इससे ये बात तो सही साबित होती है कि चीन डॉक्टर बनने के लिए सबसे अच्छे देशों में से एक है। ऐसे में आइए जानते हैं कि चीन में डॉक्टर बनने में कितना खर्चा आएगा? यहां की टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज कौन सी हैं? मेडिकल कॉलेजों में किस तरह एडमिशन होता है? चीन से MBBS करने के बाद भारत में कैसे प्रैक्टिस कर सकते हैं?
चीन में मेडिकल कोर्स का खर्च?

भारत की तरह ही चीन में डॉक्टर बनने के लिए MBBS डिग्री हासिल करनी पड़ती है। लेकिन चीन में MBBS पूरा होने में छह साल का वक्त लगता है, जिसमें पांच साल का अकेडमिक्स और एक साल की इंटर्नशिप शामिल है। चीन में MBBS की एक साल की फीस 3.50 लाख से 6 लाख रुपये है, जो भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की तुलना में काफी कम है, यानी पूरे कोर्स का खर्च 20 से 36 लाख रुपये हो जाता है। इसी तरह से यहां रहने का खर्च सालाना 70 हजार से एक लाख रुपये के बीच है। (Gemini)
चीनी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कैसे होगा?
चीन के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए सबसे पहले आपको किसी एक संस्थान को चुनना होगा। फिर उसकी वेबसाइट पर जाकर एप्लिकेशन फॉर्म फिल करना होगा। चीन में मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए NEET स्कोर जरूरी है, जबकि IELTS की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि, यहां पढ़ाई अंग्रेजी में ही करवाई जाती है, जिस वजह से ये भाषा आना जरूरी है। एक बार यूनिवर्सिटी आवेदन को स्वीकार कर लेगी, तो आपको कंडीशनल ऑफर लेटर मिलेगा। इसके आधार पर आप स्टूडेंट वीजा के लिए अप्लाई कर सकते हैं। (Gemini)
चीन में एडमिशन की शर्तें क्या हैं?

- चीन में MBBS करने के लिए छात्रों का साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई करना जरूरी है।
- 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी जैसे सब्जेक्ट्स की पढ़ाई अनिवार्य है।
- फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी में कुल मिलाकर 50 फीसदी से ज्यादा नंबर होने चाहिए।
- चीन में MBBS के लिए NEET एग्जाम क्वालिफाई करना भी जरूरी है।
- किसी भी संक्रामक बीमारी नहीं होने का सबूत दिखाने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट भी जरूरी है।
- छात्र की उम्र कम से कम 17 साल होनी चाहिए। (Gemini)
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चीन में MBBS के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
- पेकिंग यूनिवर्सिटी
- फुडान यूनिवर्सिटी
- सिंघुआ यूनिवर्सिटी
- शंघाई जियाई टोंग यूनिवर्सिटी
- झेजियांग यूनिवर्सिटी
- हुआजोंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
- सुन यात-सेन यूनिवर्सिटी
- सिचुआन यूनिवर्सिटी
- वुहान यूनिवर्सिटी
- नानजिंग यूनिवर्सिटी
- नानकाई यूनिवर्सिटी (Gemini)
भारत में कैसे प्रैक्टिस करें?

चीन में MBBS डिग्री पूरी करने के बाद आपको भारत में प्रैक्टिस के लिए 'फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन' (FMGE) पास करना होता है। इस एग्जाम में बैठने के लिए कुछ प्रमुख शर्तें हैं, जिसमें से दो सबसे अहम हैं। पहला छात्र नीट क्वालिफाई करके ही विदेश में MBBS करने गया हो और फिर दूसरा छात्र ने जहां से डिग्री हासिल की है, वहां पर मेडिकल प्रैक्टिस लाइसेंस भी हासिल किया हो। अगर कोई भारतीय छात्र चीन में MBBS करने के बाद FMGE टेस्ट के लिए इन दोनों शर्तों को पूरा करता है, तो वह एग्जाम पास कर भारत में प्रैक्टिस का लाइसेंस हासिल कर सकता है। (Gemini)
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