अजमेर: राजस्थान के अजमेर में शास्त्री कॉलोनी स्थित श्रीसोमनाथ महादेव धाम नाथजी की बगीची में योगी शंभूनाथ के शिष्य योगी गोवर्धन नाथ ने अपनी 11वीं अग्नि तपस्या आरंभ कर दी है। संतों की ओर से अग्निकुंड प्रज्ज्वलित कर योगी गोवर्धन नाथ को तप स्थान पर विराजित किया गया है। बगीची समिति के अध्यक्ष तुलसीराम सोनी ने बताया कि यह तपस्या 21 दिनों तक प्रतिदिन चलेगी। योगी गोवर्धन नाथ ने कुल 12 अग्नि तपस्याओं का संकल्प लिया है, जिनमें से अब तक 10 तपस्याएं वे देश के विभिन्न शहरों में पूर्ण कर चुके हैं। यह उनकी 11वीं तपस्या है। उनका उद्देश्य अग्निहोत्र के माध्यम से वातावरण को शुद्ध करना है। तप से पहले अजमेर में संतों का संगमतप प्रारंभ होने के अवसर पर कई प्रमुख संत उपस्थित रहे। थांवला राताढूंढा के पीर मंगलनाथ, पुष्कर से कोठारी रुद्रनाथ, जतोई दरबार से सेवाधारी फतनदास, तुलसी कृष्ण धाम से ईश्वर दास, शास्त्री नगर से साध्वी अनादि सरस्वती, होली धड़ा से स्वामी श्याम सुंदर शरण, सनातन धर्म रक्षा संघ के अध्यक्ष अजय शर्मा और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री उमाशंकर सहित अनेक संतों ने तप स्थल पर आहुतियां दीं और साधना में भागीदारी निभाई। 11 अग्नि कुंडों के बीच में आसन और 12वीं तस्पस्यामहंत गोवर्धन नाथ पूर्व में भी इस प्रकार की अग्नि तपस्याएं कर चुके हैं। नाथ संप्रदाय के संतों के साथ-साथ अन्य पंथों के संतों का भी इस अवसर पर समागम हुआ। 11 अग्निकुंडों में विधिपूर्वक अग्नि प्रज्ज्वलित कर पूजन किया गया, जिसके पश्चात गोवर्धन नाथ ने प्रज्ज्वलित कुंडों के मध्य बैठकर तपस्या का आरंभ किया।महंत गोवर्धन नाथ ने बताया कि वे अपने गुरु के आदेश के अनुसार यह 12 अग्नि तपस्याओं का संकल्प पूर्ण कर रहे हैं। यह उनकी 11वीं तपस्या है और अंतिम तपस्या के लिए अगला स्थान शीघ्र ही तय किया जाएगा।
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